देहरादून: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रवक्ता प्रकाश सुमन ध्यानी ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा को पत्र लिखकर गंगोत्री सीट पर उपचुनाव कराने की मांग की है. चुनाव आयोग को लिखे पत्र में प्रकाश सुमन ध्यानी ने गंगोत्री विधानसभा सीट में जल्द से जल्द उपचुनाव करने की मांग की है. 29 अप्रैल को गंगोत्री विधानसभा सीट के खाली होने का हवाला देते हुए कहा कि गंगोत्री विधानसभा सीट न केवल भौगोलिक दृष्टिकोण से संवेदनशील है, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी इसका महत्व है.
प्रकाश सुमन ध्यानी का कहना है कि गंगोत्री विधानसभा सीट पर अगर चुनाव नहीं होते हैं तो तकरीबन 1 साल तक गंगोत्री विधानसभा सीट बिना जनप्रतिनिधि के चलते विकास कार्यों से दूर रहेगी. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रकाश सुमन ध्यानी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह जल्द से जल्द गंगोत्री विधानसभा सीट पर उपचुनाव करवाएं.

जिसके लिए निर्वाचन आयोग पूरी तरह से अधिकृत है. प्रकाश सुमन ध्यानी का कहना है कि संविधान और तमाम नियम जनहित के लिए बनाए जाते हैं. गंगोत्री विधानसभा पर सीट पर उपचुनाव करवाना जनहित में लिया जाने वाला एक बड़ा फैसला है, जिस पर निर्वाचन आयोग को जल्द निर्णय लेना चाहिए.
पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष के नाम पर मंथन, जातीय-क्षेत्रीय संतुलन साधने में लगा कांग्रेस हाईकमान
गंगोत्री विधायक गोपाल रावत का बीते 22 अप्रैल को निधन हो गया था. नियमानुसार किसी भी कारण से यदि विधानसभा सीट रिक्त होती है तो फिर छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाता है. इस लिहाज से गंगोत्री के लिए 21 अक्तूबर से पहले उपचुनाव होना है. लेकिन, अभी चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है. उपचुनाव सितंबर-अक्टूबर मध्य से पहले संभव नजर नहीं आ रहे हैं. इसके बाद मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कुछ ही महीनों का शेष बचता है. तकनीकी तौर पर उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 18 मार्च तक है. लेकिन इससे पहले जनवरी में राज्य में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी.