देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की "हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा" शुरू होने से पहले ही खत्म होती नजर आ रही है, क्योंकि अभी तक "हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा" जमीन पर नजर नहीं आ रही है. इस यात्रा का उद्देश्य लोकसभा चुनाव से पहले लोगों को कांग्रेस के पक्ष में जोड़ना था. यात्रा का फैसला राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' की सफलता के बाद लिया गया था. इस दौरान इस बात का भी जिक्र किया गया था कि इस यात्रा में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी.
कांग्रेस की "हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा" के मुख्य बिंदु: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के संकल्प को घर-घर तक पहुंचाने के लिए "हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा" शुरू करने का निर्णय लिया गया था, जिसको लेकर 18 दिसंबर 2022 को कांग्रेस मुख्यालय में एक बैठक भी की गई थी. इस यात्रा का शुभारंभ 26 जनवरी से होना था. तय कार्यक्रम के अनुसार, दो महीने के भीतर ब्लॉक स्तर पर मतदान केंद्रों को कवर करना था, गांव-गांव में झंडा रोहण, कार्यकर्ता द्वारा बैठकों का आयोजन, डोर-टू-डोर जनसंपर्क कर 'भारत जोड़ो यात्रा' का संदेश पहुंचाना, मोदी सरकार के खिलाफ चार्जशीट बांटना, वीडियो स्क्रीन के जरिए भारत जोड़ो यात्रा दिखाना और युवा कांग्रेस और छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं की ओर से बाइक रैलियां निकालना शामिल था.
कांग्रेस प्रवक्ता ने "हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा" को बताया सफल: कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद प्रदेश स्तर पर "हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा"शुरू की गई थी, जो कि सफल रही थी. वर्तमान में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिला स्तर पर सम्मेलन चल रहा है, जबकि गढ़वाल स्तर पर अधिकतर सम्मेलन सफल हो चुके हैं. ऐसे में 28 नवंबर तक गढ़वाल मंडल के सभी जिलों के सम्मेलन पूरे कर लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बूथ स्तर तक पार्टी ने संगठन को मजबूत करने का काम किया है. साथ ही राष्ट्रीय स्तर से जो भी कार्यक्रम भेजे जा रहे हैं, उसको धरातल पर उतारा जा रहा है.
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भाजपा नेता ने कांग्रेस की हालत को बताया खराब: भाजपा नेता शादाब शम्स ने कहा कि "हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा" ना जानें कहा गायब हो गई है, लेकिन कांग्रेस अपनी इस यात्रा को सफल करार दे रही है, क्योंकि कांग्रेस ने लोगों से इतने हाथ जोड़वा लिए कि जनता अब कांग्रेस के सामने हाथ जोड़ लेती है. लिहाजा, कांग्रेस के अंदरूनी हालत बत से बत्तर हो गई है.
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