देहरादून: साल 2024 की बात की जाए तो ये साल उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के नाम रहा. एसटीएफ ने इस साल कई आपराधिक गिरोहों और साइबर क्राइम से जुड़े कुछ बड़े मामलों का खुलासा किया है. उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स के साल 2024 के ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर डालें तो इस साल एसटीएफ ने चार बड़े गिरोहों का खात्मा किया है. इसके साथ ही साल 2024 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को भारत की डेटा सुरक्षा परिषद द्वारा प्रदर्शन के लिए भारत की शीर्ष तीन साइबर इकाइयों के रूप में आंका गया था.
साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई: साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन उत्तराखंड ने प्रदेश भर के अलग-अलग थानों में दर्ज मुकदमों की जांच के दौरान देश भर में कुल 102 दबिशें दीं और 123 आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की. इनमें एक विदेश नाइजीरियन नागरिक सहित 66 आरोपी गिरफ्तार किये गये. साथ ही एक आरोपी हाजिर अदालत और 56 आरोपियों के खिलाफ धारा 41-A दण्ड प्रक्रिया संहिता/35(3) भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता-2023 के अन्तर्गत कार्रवाई की गई.
चार बड़े गैंग्स का जड़ से खात्मा:
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर ठगी: एसटीएफ ने साल 2024 में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. आरोपी देहरादून के प्रेम नगर में एक कॉल सेंटर चला रहे थे. ये गिरोह लोगों से मुद्रा लोन पास कराने और सब्सिडी दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस आदि लेकर ठगी कर रहे थे. आरोपियों ने कॉल करने के लिए सैकड़ों सिम भी खरीदे थे, जिनमें से 64 सिम को एसटीएफ ने बरामद भी किया है. ठगों ने दो माह में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था.
क्रेडिट कार्ड स्कैम: मई 2024 में फर्जी क्रेडिट कार्ड देने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भी उत्तराखंड एसटीएफ ने खुलासा किया था. उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार जिले में एक घर में छापा मारा था और गिरोह के सरगना को पकड़कर पूरे खेल का भंडाफोड़ किया था. ये गिरोह क्रेडिट कार्ड आदि के नाम पर फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर कॉल करता था और लोगों से क्रेडिट कार्ड (जिसकी लिमिट 5 लाख रुपए तक है) बताकर उसे स्वीकृत किए जाने को लेकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर ठगी करते थे.
इंटरनेशनल कॉल सेंटर: अगस्त 2024 में एसटीएफ ने इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा किया था. इस मामले में एसटीएफ ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. ये गिरोह देहरादून में कॉल सेंटर खोल कर बैठा था. देहरादून से माइक्रोसॉफ्ट व एप्पल जैसे प्रतिष्टित कंपनियों का अधिकारी बनकर यूएसए व कनाडा के नागरिकों को लूट रहे थे.
फेक जॉब ऑफर स्कैम- इसके अवाला एसटीएफ ने देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में चल रहे एक और कॉल सेंटर का खुलासा किया था. इस कॉल सेंटर से युवाओं को नौकरी का लालच देकर उसने ठगी की जाती थी. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था. इस गिरोह के तार दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से भी जुड़े थी. इन राज्यों ने युवाओं से ठगी की गई थी.
साल 2024 में साइबर पुलिस की उपलब्धियां:
- 123 साइबर अपराधियों (दर्जनों हवाला ऑपरेटर) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गयी
- 1930 की टीम ने 28 करोड़ रुपए बचाए
- 75 जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 12,000 से अधिक छात्र-छात्राओं, शिक्षक, अविभावकों, आम नागरिकों और सीनियर सिटीजनों को जागरूक किया गया.
- 04 स्थानीय साइबर गैंग पकड़े गये
- चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन हेली सर्विस टिकट बुकिंग सेवा के नाम पर ठगी से बचाव के लिए 82 वेबसाइट्स और 45 फेसबुक एकाउंट बंद किए गए.
- साल 2024 में NCRP और 1930 साइबर हेल्प लाइन पर साइबर धोखाधड़ी सम्बन्धित प्राप्त कुल शिकायती मामलों में कुल 28.12 करोड़ रुपये की धनराशि को बचाया गया है.
- दुबई में बैंक खाते और सिम कार्ड सप्लाई करने वाले एक बड़े हवाला ऑपरेटर को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया
- गिरफ्तार आरोपी पर पूरे देश भर में 104 मुकदमे दर्ज हैं. आरोपी को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया गया था
- देश में एम2एम सिम के माध्यम से अपराध का राष्ट्रीय सुरक्षा का सनसनीखेज गंभीर मामला सामने आया. अभी तक 29,000 एयरटेल और 16,000 टेलीकॉम-आइडिया के सिम कार्ड खरीदे गए हैं. उत्तराखंड पुलिस के प्रयासों से सभी को रोक दिया गया.
- एसटीएफ की टीम ने बजाज एलियांज की बंद पड़ी पॉलिसी को पुनर्जीवित करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्य को किया गिरफ्तार किया था
- एसटीएफ की कुमाऊं साइबर थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 45 लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी को यूपी के लखनऊ से गिरफ्तार किया.
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