ETV Bharat / state

कांग्रेस का 'सफाया' करने ग्राउंड पर उतरेंगे BJP के सभी सांसद, Congress बोली- घबराहट में भाजपा - राज्य सभा सांसद नरेश बंसल

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी पांचों सीटों पर एक बार फिर परचम लहराने की जुगत में लग गई है. यही वजह है कि बीजेपी अब पांचों सांसद समेत तीनों राज्य सभा सांसदों को ग्राउंड पर उतारने जा रही है. ताकि, सांसदों की पकड़ मजबूत हो सके. इसके कई मायने भी निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इसके जरिए पार्टी सभी सांसदों के परफॉर्मेंस रिपोर्ट को परखेगी. उधर, सांसदों को जिम्मेदारी सौंपने पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी घबराहट में सांसदों को जिम्मेदारी सौंप रही है. क्योंकि उन्हें सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी देना है.

Uttarakhand BJP MPS
सांसदों की जिम्मेदारी
author img

By

Published : Aug 2, 2023, 9:08 PM IST

Updated : Aug 2, 2023, 9:40 PM IST

सांसदों की जिम्मेदारी पर सियासत

देहरादूनः आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बीजेपी अभी से दमखम से तैयारी में जुट गई है. बीजेपी की तैयारी इस वजह से भी दिखाई दे रही है, क्योंकि संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी न सिर्फ राज्यों का दौरा कर रहे हैं. बल्कि, प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठकें कर मूलमंत्र भी दे रहे हैं. इसी कड़ी में दो दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने न सिर्फ प्रदेश पदाधिकारी के साथ बैठक की, बल्कि एक बड़ा मूल मंत्र '75 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड' दे गए.

विधानसभा चुनाव 2022 में 23 सीटें हारी थी बीजेपीः ऐसे में प्रदेश संगठन इस मूलमंत्र के लक्ष्य को पूरा करने की जुगत में जुट गया है. दरअसल, कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश संगठन ने सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसमें प्रदेश के पांचों लोकसभा और तीनों राज्यसभा सांसद शामिल हैं. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के खाते में 47 सीटें आई थी. जबकि, 23 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में हारी हुई विधानसभा सीटों पर बीजेपी की पकड़ को मजबूत बनाने के लिए ही सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

कुछ सांसदों के कट सकते हैं टिकटः आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की ओर से सांसदों को दी गई जिम्मेदारी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल, चर्चाएं चल रही हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में कुछ सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं. यही वजह है कि बीजेपी संगठन इन सभी सांसदों के परफॉर्मेंस और उनके संसदीय क्षेत्र में मौजूद विधानसभा क्षेत्र में उनकी पकड़ को जानने की कोशिश भी कर सकती है. बहरहाल, सांसदों को जिम्मेदारी दिए जाने के बाद यह जरूर कह सकते हैं कि बीजेपी संगठन ने जो 75 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य रखा है, उसे यही सांसद ही साकार करेंगे.
ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2024: टिहरी और अल्मोड़ा सीट पर BJP खेल सकती है नया दांव, इन दो नामों पर चर्चा

भले ही बीजेपी ने 75 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य रखा हो, लेकिन इसे पूरा करना बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. क्योंकि, साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 44.33 फीसदी वोट मिले थे. जबकि साल 2017 में 46.50 फीसदी वोट मिले थे. यानी करीब 2.17 फीसदी वोट की गिरावट हुई है. जबकि, साल 2022 में कांग्रेस को 37.91 फीसदी वोट मिले थे. जबकि, साल 2017 में 33.52 फीसदी वोट मिले थे. यानी करीब 4.39 फीसदी वोट में इजाफा हुआ है. यही वजह है कि बीजेपी के लिए 75 फीसदी वोट हासिल करना एक बड़ी चुनौती है.

Uttarakhand BJP MPS
सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और तीरथ सिंह रावत की जिम्मेदारी

सांसदों को मिली जिम्मेदारीः सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को हरिद्वार ग्रामीण, ज्वालापुर, खानपुर की जिम्मेदारी दी गई है. जबकि, सांसद तीरथ सिंह रावत को बदरीनाथ और द्वाराहाट की जिम्मेदारी मिली है. वहीं, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को यमुनोत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उधर, सांसद अजय टम्टा को लोहाघाट, धारचूला, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

Uttarakhand BJP MPS
सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और अजय टम्टा की जिम्मेदारी

सांसद अजय भट्ट को खटीमा, नानकमत्ता, किच्छा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. राज्य सभा सांसद नरेश बंसल को मंगलौर, भगवानपुर, पिरान कलियर, बाजपुर की जिम्मेदारी मिली है. राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी को प्रतापनगर, चकराता, हल्द्वानी की जिम्मेदारी सौंपी गई. जबकि, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी को लक्सर, झबरेड़ा, जसपुर की जिम्मेदारी मिली है.
ये भी पढ़ेंः 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' कार्यक्रम में हुआ विवाद, CM धामी के सामने ही बीजेपी कार्यकर्ताओं में चले लात-घूंसे

क्या बोले महेंद्र भट्टः उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में 23 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार मिली, उन सीटों को मजबूत किए जाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में ये सभी सांसद कार्यकर्ताओं के सुझाव, कार्यकर्ताओं की समस्याएं और संगठनात्मक सुझाव क्या-क्या हो सकते हैं? इसके लिए सांसदों का बूथ स्तर तक के प्रवास का कार्यक्रम लगाया जाएगा.

Uttarakhand BJP MPS
सांसद अजय भट्ट और नरेश बंसल की जिम्मेदारी

कांग्रेस बोली- बीजेपी को सांसदों का देना है रिपोर्ट कार्ड, घबराहट में पार्टीः उधर, बीजेपी के सांसदों को विधानसभाओं की जिम्मेदारी दिए जाने के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि बीजेपी घबराहट में सांसदों को विधानसभाओं की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन बीजेपी को उनके सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देना पड़ेगा. संसद भवन में उत्तराखंड के सांसदों ने कितने सवाल उठाएं और कितने नए प्रोजेक्ट प्रदेश के लिए लेकर आए. इसका जवाब बीजेपी को देना पड़ेगा. लिहाजा, अपने पांचों सांसदों को लेकर बीजेपी और सरकार दोनों घबराहट में है.

Uttarakhand BJP MPS
राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी और कल्पना सैनी की जिम्मेदारी

उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश में लगातार तीसरी बार पांचों लोकसभा सीटों पर अपना परचम लहराना चाहती है. यही वजह है कि बीजेपी ने अभी से ही रणनीतियों पर काम करने शुरू कर दी है. इसकी शुरुआत बीजेपी ने हारी हुई विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सांसदों को देकर की है. ऐसे में एक बड़ा सवाल यही है कि राष्ट्रीय संगठन ने जो '75 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड' का लक्ष्य रखा है, उसको यह सांसद पूरा कर पाएंगे या फिर बीजेपी फिर से इन हारी विधानसभा सीटों के लिए नई योजना तैयार करेगी. ये देखने वाली बात होगी.

सांसदों की जिम्मेदारी पर सियासत

देहरादूनः आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बीजेपी अभी से दमखम से तैयारी में जुट गई है. बीजेपी की तैयारी इस वजह से भी दिखाई दे रही है, क्योंकि संगठन के राष्ट्रीय पदाधिकारी न सिर्फ राज्यों का दौरा कर रहे हैं. बल्कि, प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठकें कर मूलमंत्र भी दे रहे हैं. इसी कड़ी में दो दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने न सिर्फ प्रदेश पदाधिकारी के साथ बैठक की, बल्कि एक बड़ा मूल मंत्र '75 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड' दे गए.

विधानसभा चुनाव 2022 में 23 सीटें हारी थी बीजेपीः ऐसे में प्रदेश संगठन इस मूलमंत्र के लक्ष्य को पूरा करने की जुगत में जुट गया है. दरअसल, कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश संगठन ने सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी है. जिसमें प्रदेश के पांचों लोकसभा और तीनों राज्यसभा सांसद शामिल हैं. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के खाते में 47 सीटें आई थी. जबकि, 23 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में हारी हुई विधानसभा सीटों पर बीजेपी की पकड़ को मजबूत बनाने के लिए ही सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

कुछ सांसदों के कट सकते हैं टिकटः आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी की ओर से सांसदों को दी गई जिम्मेदारी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. दरअसल, चर्चाएं चल रही हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में कुछ सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं. यही वजह है कि बीजेपी संगठन इन सभी सांसदों के परफॉर्मेंस और उनके संसदीय क्षेत्र में मौजूद विधानसभा क्षेत्र में उनकी पकड़ को जानने की कोशिश भी कर सकती है. बहरहाल, सांसदों को जिम्मेदारी दिए जाने के बाद यह जरूर कह सकते हैं कि बीजेपी संगठन ने जो 75 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य रखा है, उसे यही सांसद ही साकार करेंगे.
ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2024: टिहरी और अल्मोड़ा सीट पर BJP खेल सकती है नया दांव, इन दो नामों पर चर्चा

भले ही बीजेपी ने 75 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य रखा हो, लेकिन इसे पूरा करना बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. क्योंकि, साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 44.33 फीसदी वोट मिले थे. जबकि साल 2017 में 46.50 फीसदी वोट मिले थे. यानी करीब 2.17 फीसदी वोट की गिरावट हुई है. जबकि, साल 2022 में कांग्रेस को 37.91 फीसदी वोट मिले थे. जबकि, साल 2017 में 33.52 फीसदी वोट मिले थे. यानी करीब 4.39 फीसदी वोट में इजाफा हुआ है. यही वजह है कि बीजेपी के लिए 75 फीसदी वोट हासिल करना एक बड़ी चुनौती है.

Uttarakhand BJP MPS
सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और तीरथ सिंह रावत की जिम्मेदारी

सांसदों को मिली जिम्मेदारीः सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को हरिद्वार ग्रामीण, ज्वालापुर, खानपुर की जिम्मेदारी दी गई है. जबकि, सांसद तीरथ सिंह रावत को बदरीनाथ और द्वाराहाट की जिम्मेदारी मिली है. वहीं, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को यमुनोत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उधर, सांसद अजय टम्टा को लोहाघाट, धारचूला, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

Uttarakhand BJP MPS
सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और अजय टम्टा की जिम्मेदारी

सांसद अजय भट्ट को खटीमा, नानकमत्ता, किच्छा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. राज्य सभा सांसद नरेश बंसल को मंगलौर, भगवानपुर, पिरान कलियर, बाजपुर की जिम्मेदारी मिली है. राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी को प्रतापनगर, चकराता, हल्द्वानी की जिम्मेदारी सौंपी गई. जबकि, राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी को लक्सर, झबरेड़ा, जसपुर की जिम्मेदारी मिली है.
ये भी पढ़ेंः 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' कार्यक्रम में हुआ विवाद, CM धामी के सामने ही बीजेपी कार्यकर्ताओं में चले लात-घूंसे

क्या बोले महेंद्र भट्टः उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में 23 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार मिली, उन सीटों को मजबूत किए जाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में ये सभी सांसद कार्यकर्ताओं के सुझाव, कार्यकर्ताओं की समस्याएं और संगठनात्मक सुझाव क्या-क्या हो सकते हैं? इसके लिए सांसदों का बूथ स्तर तक के प्रवास का कार्यक्रम लगाया जाएगा.

Uttarakhand BJP MPS
सांसद अजय भट्ट और नरेश बंसल की जिम्मेदारी

कांग्रेस बोली- बीजेपी को सांसदों का देना है रिपोर्ट कार्ड, घबराहट में पार्टीः उधर, बीजेपी के सांसदों को विधानसभाओं की जिम्मेदारी दिए जाने के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि बीजेपी घबराहट में सांसदों को विधानसभाओं की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन बीजेपी को उनके सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देना पड़ेगा. संसद भवन में उत्तराखंड के सांसदों ने कितने सवाल उठाएं और कितने नए प्रोजेक्ट प्रदेश के लिए लेकर आए. इसका जवाब बीजेपी को देना पड़ेगा. लिहाजा, अपने पांचों सांसदों को लेकर बीजेपी और सरकार दोनों घबराहट में है.

Uttarakhand BJP MPS
राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी और कल्पना सैनी की जिम्मेदारी

उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश में लगातार तीसरी बार पांचों लोकसभा सीटों पर अपना परचम लहराना चाहती है. यही वजह है कि बीजेपी ने अभी से ही रणनीतियों पर काम करने शुरू कर दी है. इसकी शुरुआत बीजेपी ने हारी हुई विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सांसदों को देकर की है. ऐसे में एक बड़ा सवाल यही है कि राष्ट्रीय संगठन ने जो '75 फीसदी वोट के साथ कांग्रेस मुक्त उत्तराखंड' का लक्ष्य रखा है, उसको यह सांसद पूरा कर पाएंगे या फिर बीजेपी फिर से इन हारी विधानसभा सीटों के लिए नई योजना तैयार करेगी. ये देखने वाली बात होगी.

Last Updated : Aug 2, 2023, 9:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.