देहरादून/मसूरी/लक्सर/काशीपुर: 25 जून 1975 को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लगाया था. जिस फैसले को गलत निर्णय बताते हुए भाजपाइयों ने आज काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. उत्तराखंड में बीजेपी कार्यकर्ता आपातकाल को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने भी भाजपा द्वारा मनाये जा रहे काला दिवस पर निशाना साधा है. कांग्रेसियों ने कहा कि भाजपा को अंधेरे में काम करने की आदत है. इसलिए भाजपा आज काला दिवस मना रही है.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर और मंडल सहित नगर स्तर पर 25 जून के दिन को काले दिवस के रूप में मनाया. भाजपा का कहना है कि इस दिन देश के इतिहास में एक काला अध्याय जुड़ गया था. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आज पूरे देश में इस दिन को काले दिवस के रूप में मना रहा है.
उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 में ज़ब तत्कालीन कांग्रेस सरकार की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी, इस आपातकाल में आम जनो पर अत्याचार और उनका शोषण किया गया था. इसलिए भाजपा आज युवा पीढ़ी को इतिहास के इस काले अध्याय से रूबरू करवा रही है.
वही, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भाजपा द्वारा मनाये जा रहे काला दिवस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा भाजपा को अंधेरे में काम करने की आदत है. इसलिए भाजपा आज काला दिवस मना रही है. भाजपा शासनकाल से बड़ा आपातकाल इससे पहले देश में कभी नहीं रहा. इसलिए बीजेपी को काला दिवस मनाना ही चाहिए.
करण माहरा ने कहा इंदिरा गांधी एक बहादुर महिला थी, जिन्होंने देश के उस समय के हालातों को देखते हुए घोषित आपातकाल लगाया. यह सब इंदिरा गांधी ने छुपकर नहीं किय, लेकिन इस समय देश में अघोषित आपातकाल चल रहा है. क्योंकि कई सरकारें धन बल के आधार पर तोड़ी जा रही हैं. इसका जीता जागता उदाहरण महाराष्ट्र और असम है.
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करण माहरा का कहना है कि गौरी लंकेश और जज लोहिया के साथ क्या हुआ. यह सबको पता है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों को सामने आकर सरकार के खिलाफ बयान देने को मजबूर होना पड़ा. भाजपा शासनकाल में जिस तरह विपक्ष के नेताओं को ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करके डराया और धमकाया जा रहा है. उनकी आवाज को दबाया जा रहा है, यह सब अघोषित आपातकाल ही है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा इस समय देश के भीतर 25 जून 1975 में लगाए गए आपातकाल से भी बुरी स्थितियां हैं. क्योंकि उस समय आपातकाल के दौरान किसी लीडर को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ा था.
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वहीं, मसूरी में भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गांधी चौक पर एकत्रित हुए और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी लागू किए जाने के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हाथों में काली पट्टी बांधकर कांग्रेस मुर्दाबाद के नारे लगाए.
भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल और पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने आपातकाल के बारे में लोगों को बताया. उन्होंने कहा किस तरह इमरजेंसी के दौरान लोगों पर अत्याचार किए गए. लोकतंत्र के चार स्तंभ चाहे वो न्यायपालिका हो फिर मीडिया हो सभी का दमन किया गया था. इमरजेंसी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही कांग्रेस को घेरने का काम कर रही है.
आपात काल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में सबसे बड़ी घटना है. इमरजेंसी में चुनाव स्थगित हो गए और सभी नागरिकों के अधिकारों को भी समाप्त कर दिया गया था. 21 महीने के बाद आपातकाल को समाप्त किया गया था.
लक्सर में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मनाया काला दिवस: इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान लगाई गई इमरजेंसी के विरोध में लक्सर के भारतीय जनता पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. इस दौरान उनके द्वारा कांग्रेस पार्टी का पुतला दहन कर कांग्रेस नेतृत्व के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. इस दौरान लक्सर के नगर पालिकाध्यक्ष अम्बरीष गर्ग और भारतीय जनता पार्टी के मंडलाध्यक्ष बिशन पाल कश्यप के नेतृत्व में पार्टी के अनगिनत पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा इस प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर देश की जमीन को एक बड़ा जख्म दिया है, जिसे भुलाने से भी नहीं बुलाया जा सकता. भाजपाइयों ने कहा कि हम देशवासियों को कांग्रेस के इस कुकृत्य से हमेशा अवगत कराते रहेंगे.
काशीपुर में आपतकाल में जेल गए डॉक्टर केके अग्रवाल को किया सम्मानित: काशीपुर में अग्रवाल सभा भवन में भारतीय जनता युवा मोर्चा के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सन 1975 में आज के दिन देश में लागू किए गए आपातकाल के दौरान जेल में गए तत्कालीन लोगों में से वर्तमान में जीवित 3 लोगों में से कार्यक्रम में उपस्थित डॉक्टर केके अग्रवाल को और माला तथा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर आपातकाल की घोषणा की थी और पूरे देश में आपातकाल लगा दिया गया था. यह भारत के इतिहास में सबसे काला दिन था. लोकतंत्र की हत्या एवं आम नागरिकों के अधिकारों का हनन व्यापक पैमाने पर किया गया.