देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत यूं तो अपने तमाम कामों को लेकर हमेशा से ही चर्चाओं में रहते हैं. लेकिन, इस बार उनकी चर्चा उनकी ही लिखी गई किताब को लेकर हो रही है. हरीश रावत ने आज ही अपनी किताब का विमोचन किया है. लेकिन, इससे पहले ही उनकी किताब कई बड़े प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए मौजूद थी. हरीश रावत की किताब में कुछ किस्सों का भी जिक्र भी है, जिनसे उनका विवाद में आना तय है. भाजपा ने इसी को लेकर मोर्चा भी खोल दिया है.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की किताब 'मेरा जीवन लक्ष्य उत्तराखंडियत' को लेकर विवाद गहराने लगा है. हरीश रावत की इस किताब का आज ही विमोचन किया गया है. लेकिन, बाजार में कई बड़े प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होने के कारण इसमें लिखी गई कई बातों पर विवाद होने लगा है. बताया जा रहा है कि हरीश रावत ने अपने अनुभवों पर लिखी इस किताब में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और गोविंद बल्लभ पंत को उत्तराखंड विरोधी बताया है. वैसे सभी जानते हैं कि हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के हमेशा खिलाफ ही रहे. देश के दो बड़े ब्राह्मण चेहरों पर हरीश रावत की इस किताब में की गई टिप्पणी से विवाद के गहराने लगा है.
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एक तरफ हरीश रावत ने उत्तर प्रदेश के पहले और उत्तराखंड की निर्वाचित सरकार में पहले मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी अपनी किताब के माध्यम से कर दी है, तो दूसरी तरफ हरीश रावत के खिलाफ भी भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और विनोद चमोली ने हरीश रावत पर तीखे तंज कसे हैं. विनोद चमोली ने साफ किया है कि हरीश रावत खुद उत्तराखंड के विरोधी रहे हैं. यह बात उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान खुद कही थी.
दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा उत्तराखंड में नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में अविस्मरणीय विकास कार्य हुए हैं. उनके विकास कार्यों के लिए प्रदेश की जनता उन्हें याद करती है. उनियाल ने कहा कि हरीश रावत ने जिस तरह से पूरे प्रदेश को लूटने का काम किया है, उसे जनता ने देखा है. उन्होंने कहा यही कारण है कि हरीश रावत की विश्वसनीयता खत्म हो रही है. सुबोध उनियाल ने कहा हरीश रावत की बात पर कोई विश्वास नहीं करता है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री रहने के बावजूद भी उन्हें दो-दो सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. यही नहीं हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी उनको बुरी तरह से हार मिली.