देहरादून: प्रदेश में कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा (Congress Haath Se Haath Jodo Abhiyan) शुरू करने जा रही है. जिसके लिए जिले और ब्लॉक स्तर के नेताओं को निर्देशित भी किया जा रहा है. वहीं यात्रा शुरू होती इससे पहले ही इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. भाजपा ने इस यात्रा को शुरू होने से पहले ही बेअसर घोषित कर दिया है. बीजेपी ने कांग्रेसियों को हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के बजाए दिल से दिल जोड़ो की सलाह दी है.
गौर हो कि 'भारत जोड़ो यात्रा' के बाद कांग्रेस (Congress) अब 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान चलाएगी. देश में भारत जोड़ो यात्रा के तहत राहुल गांधी पिछले कई दिनों से देश के विभिन्न जिलों में जा रहे हैं. इसी कड़ी में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने राज्यों को भी हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत उत्तराखंड कांग्रेस भी न्याय पंचायत और ब्लॉक स्तर पर इस यात्रा को सफल बनाने के लिए तैयारियों में जुट गई है. उत्तराखंड में 26 जनवरी से इस यात्रा को शुरू किया जाना है. हालांकि इस यात्रा के शुरू होने से पहले ही इस पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. यात्रा पर भाजपा ने तीखे कटाक्ष किए हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट कहते हैं कि कांग्रेस की ना तो भारत जोड़ो यात्रा सफल हो पाई है, ना ही अब उत्तराखंड में हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा सफल हो पाएगी. भाजपा नेता कहते हैं कि कांग्रेस को हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा शुरू करने के बजाए दिल से दिल जोड़ने चाहिए.
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उत्तराखंड कांग्रेस में आपसी गुटबाजी बेहद ज्यादा है. ऐसे में कांग्रेस को ज्यादा जरूरत दिल से दिल जोड़ने की है. उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी हालांकि यात्रा के लिए प्रदेश भर के तमाम नेताओं को लाइनअप करने में जुट गई है. कार्यक्रम के दिन और जगहों को भी तय किया जा रहा है. उधर इस कार्यक्रम से पहले ही भाजपा ने इस पर जो विवाद खड़ा करने की कोशिश की है, उस पर पार्टी के नेता जवाब देते हुए भी दिखाई दे रहे हैं.
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि कांग्रेस 26 जनवरी से अपनी यात्रा को शुरू कर रही है. यात्रा पूरी तरह से सफल होगी. उन्होंने भाजपा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि दिल से दिल जोड़ने की जरूरत भाजपा में है, क्योंकि मुख्यमंत्री के खिलाफ उनके ही दो पूर्व मुख्यमंत्री बयानबाजी कर रहे हैं. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी राज्य की राजनीति से दूर होते हुए दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में उनके नेताओं के बीच की दूरी को खत्म करने के लिए अपने सुझाव पर पहले पार्टी को खुद अमल करना चाहिए.