देहरादून: पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण का आज जन्मदिन है. 4 अगस्त 1972 को नेपाल में जन्मे और हरिद्वार में दीक्षा ग्रहण करने वाले आचार्य बालकृष्ण ने आज 49वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है.
1.3 अरब डॉलर की दौलत के मालिक और दुनिया के 2000 सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल आचार्य बालकृष्ण का आज जन्मदिन है. बालकृष्ण ने गुरुकुल से शिक्षा हासिल की. पहली बार बाबा रामदेव से उनकी मुलाकात हरियाणा के खानपुर गुरुकुल में ही हुई थी.
पतंजलि के सीईओ हैं आचार्य बालकृष्ण
आचार्य बालकृष्ण, योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ हैं. इसके बावजूद वो अपनी शांत छवि के साथ ही लो-प्रोफाइल ही रहते हैं. आचार्य बालकृष्ण पर्दे के पीछे रहकर काम करने में विश्वास करते हैं.
हरियाणा के गुरुकुल में हुई बाबा रामदेव से मुलाकात
हरियाणा के खानपुर गुरुकुल में बाबा रामदेव से हुई उनकी दोस्ती समय के साथ और गाढ़ी होती गई. 1995 में बाबा रामदेव ने बालकृष्ण के साथ मिलकर दिव्य फार्मेसी नाम की कंपनी का गठन किया. योग और आयुर्वेद में दोनों को इतनी सफलता मिली कि फिर 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना हुई. आज पतंजलि आयुर्वेद दुनिया की जानी मानी कंपनी है.
नेपाली मूल के हैं आचार्य बालकृष्ण
आचार्य बालकृष्ण नेपाली मूल के हैं. इनकी माता का नाम सुमित्रा देवी और पिता का नाम जय बल्लभ है. आचार्य बालकृष्ण का मूल नाम बालकृष्ण सुवेदी है. हर्बल उत्पादों के मामले में आचार्य बालकृष्ण को गहरी जानकारी है. आचार्य बालकृष्ण के जन्म दिवस को पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट से जुड़े लोग 'जड़ी-बूटी दिवस' के रूप में मनाते हैं.
बालकृष्ण ने आयुर्वेदिक औषधियों से सम्बंधित कई पुस्तकें भी लिखी हैं. इन पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं...
- आयुर्वेद सिद्धान्त रहस्य
- आयुर्वेद जड़ी-बूटी रहस्य
- भोजन कौतुहलम्
- आयुर्वेद महोदधि
- अजीर्णामृत मंजरी
- विचार क्रांति (नेपाली ग्रंथ)
आचार्य बालकृष्ण ने शोध के क्षेत्र में भी अपना अहम योगदान दिया है. अपने सह लेखकों के साथ अब तक वो 41 शोध पत्र लिख चुके हैं. सभी शोधपत्र योग, आयुर्वेद और दवाइयों से संबंधित हैं.
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आचार्य बालकृष्ण को मिले पुरस्कार
- 1- जनवरी 2020 में चैंपियंस ऑफ चेंज अवॉर्ड से सम्मानित
- 2- मई 2019 में जेनेवा में यूनाइटेड नेशन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल अवॉर्ड मिला
- 3- 2012 में योग और औषधीय पौधों के क्षेत्र में शानदार योगदान के लिए श्री वीरंजनया फाउंडेशन द्वारा "सुजाना श्री 'पुरस्कार प्रदान किया गया.
- 4- अक्टूबर 2007 में नेपाल के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में योग, आयुर्वेद, संस्कृति और हिमालयी जड़ी बूटी के छिपे ज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए उनके योगदान के लिए सम्मान प्रदान किया गया.
- 5- अक्टूबर 2004 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ अब्दुल कलाम के द्वारा सम्मान दिया गया