डोईवालाः लालतप्पड़ स्थित बिरला यामहा फैक्ट्री के सैकड़ों कर्मचारियों ने अपने बकाया भुगतान की मांग पर तहसील पहुंचकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. कर्मचारियों ने फैक्ट्री सील होने के बावजूद फैक्ट्री के अंदर की सारी मशीनरी और अन्य सामान शासन प्रशासन की मिलीभगत से चोरी होने का आरोप लगाया है. कर्मचारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर पूरे मामले की जांच करने की मांग की है.
बिरला यामहा फैक्ट्री के कर्मचारियों का कहना है कि 300 कर्मचारी कई सालों से अपने रुके वेतन की मांग करते आ रहे हैं. यह फैक्ट्री कई साल पहले बंद हो गई थी और बंद होने के बाद फैक्ट्री को प्रशासन की ओर से सील कर दिया गया था. फैक्ट्री की नीलामी के लिए आदेश जारी किए गए थे लेकिन मैनेजमेंट और शासन-प्रशासन की मिलीभगत से 65 करोड़ की भारी-भरकम मशीनरी चोरी कर ली गई है. कर्मचारी अब पूरे मामले की जांच करने के बाद दोषियों पर कार्रवाई और कर्मचारियों के पुराने भुगतान की मांग कर रहे हैं.
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कर्मचारी नेता घनश्याम यादव ने बताया कि फैक्ट्री के सील होने के बाद भारी भरकम मशीनों के चोरी करने में जेसीबी मशीनों का भी प्रयोग किया गया. बता दें कि 300 कर्मचारियों का वेतन बकाया है. कर्मचारियों का वेतन ना देने पर श्रम विभाग द्वारा वेतन भुगतान अधिनियम 1936 की धारा 15 (3 )के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए 17 अक्टूबर 2014 को कंपनी की आरसी काटी गई. साथ ही 26 दिसंबर 2014 को जिलाधिकारी के आदेश पर तहसीलदार डोईवाला द्वारा कंपनी की चल-अचल संपत्ति जिसकी लागत 63 करोड़ थी उसे सील करने की कार्रवाई की गई.