देहरादून: प्रदेश में पशुपालन विभाग समेत वन विभाग और जिला प्रशासन इन दिनों बर्ड फ्लू की दस्तक से सहमे हुए हैं. हर दिन लोगों की सूचना के बाद कई पक्षियों के शव मिल रहे हैं. हालांकि इसमें खास बात ये है कि सबसे ज्यादा कौवे ही इसका शिकार हुए हैं. राज्य में अब तक 871 पक्षियों की मौत हो चुकी है, इसमें करीब 86 प्रतिशत यानी 754 मौतें अकेले कौवों की ही हुई है.
इस बीच अच्छी बात ये भी है कि पिछले 3 से 4 दिनों में पक्षियों की मौत की सूचनाओं में कमी आई है. अब तक तेजी से आ रहे मामलों में कुछ कमी देखी गई है. मंगलवार को भी 49 पक्षियों की मौत हुई. जिसमें से अकेले 37 कौवे थे. हालांकि तय की गई गाइडलाइन के अनुसार मृत पक्षियों के सैंपल भोपाल या बरेली भेजे जा रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द बर्ड फ्लू की पुष्टि से संबंधित जानकारी विभाग के पास पहुंचे और उसके अनुसार ही आगे की कार्रवाई हो सके.
पढ़ेंः कोरोना से एसपी राजीव मोहन की मौत, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
उत्तराखंड में बर्ड फ्लू को लेकर सबसे अच्छी बात ये है कि अब तक पोल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू की कोई शिकायत या सूचना नहीं आई है. जिसके कारण पशुपालन विभाग ने राहत की सांस तो ली है, लेकिन अब भी इसको लेकर सर्विलांस जारी है. एक अच्छी बात ये भी है कि बर्ड फ्लू जैसे कम घातक वायरस का अब तक कुछ पक्षियों में ही पता चला है. जिसके कारण भी प्रदेश में तमाम विभाग राहत में हैं. राज्य में कौवों के बाद सबसे ज्यादा कबूतरों की मौत हुई है. प्रदेश में अब तक 54 कबूतरों की मौत हो चुकी है.