देहरादून: वेतन विसंगति को लेकर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ और सरकार के बीच सालों से चला आ रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बता दें कि, मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से स्टे जारी होने के बावजूद प्रदेश के शिक्षकों से उपशिक्षा अधिकारियों और आहरण वितरण अधिकारियों द्वारा वेतन से वसूली (रिफिक्सेशन) किया जा रहा है. जिसे जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ की ओर से पूरी तरह अनुचित करार दिया गया है.
ऐसे में इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वीएस रावत ने लिखित आदेश जारी करते हुए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को उच्च न्यायालय से मामले पर स्थिति साफ होने तक किसी तरह की कार्रवाई न करने का आदेश जारी किया है.
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने बताया कि संघ साल 2008 के बाद प्राथमिक से पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों को वेतनमान 17,140 दिए जाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है. जिस पर संगठन द्वारा हाईकोर्ट में भी रिट दायर की गई है. हाईकोर्ट द्वारा प्रकरण के निस्तारण तक वसूली पर रोक लगाई गई है. लेकिन कुछ उप शिक्षा अधिकारियों द्वारा वसूली के आदेश निर्गत कर दिए गए थे, जिस पर संगठन द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई और कोर्ट के आदेश का हवाला देकर वसूली पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई.
![Junior High School Teachers Association](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12317887_a.jpg)
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संघ के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा का कहना है कि संघ के सभी शिक्षक चाहते हैं कि उच्च न्यायालय से मामले पर फैसला आने तक राज्य सरकार भी शिक्षकों के हित के बारे में विचार-विमर्श करें. जिस तरह शिक्षा का हब कहे जाने वाले राज्य उत्तराखंड में शिक्षकों को इस तरह परेशान किया जा रहा है, वह सरासर गलत है.