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इस गांव के ग्रामीणों के दु:खों का निवारण करते हैं भूत देवता, पढ़े रोचक गाथा

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Published : Jul 22, 2019, 2:33 PM IST

Updated : Jul 22, 2019, 3:07 PM IST

आज हम आपको डरा नहीं रहे, ऐसे भूत देवता मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो लोगों की अटूट आस्था का केन्द्र है. जहां स्थानीय ही नहीं दूर-दूर से लोग शीष नवाने आते हैं. जौनसार बाबर क्षेत्र के सिंगौर गांव मे भूत देवता का मंदिर है, जहां भूत देवता को एक शीला पर पूजा जाता है. जहां साल भर पूजा होती रहती है.

विकासनगर भूत देवता मंदिर.

विकासनगर: देवभूमि उत्तराखंड में कभी देवों की अलौकिक गाथा तो कभी परियों की कहानियां लोगों को रोमांचित करती हैं. जो अतीत से ही स्थानीय लोगों के किस्से कहानियों में सुनीं जा सकती हैं. लेकिन आज हम आपको ऐसी ही कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिस पर यकीन करना आसान नहीं है. जी हां फिल्मों, कहानियों और टीवी सीरियलों में आपने भूतों की कहानियां तो खूब सुनीं और देखी होंगी, जिन्हें देखकर लोगों की रूह कांप जाती है.

इस गांव के ग्रामीणों के दु:खों का निवारण करते हैं भूत देवता.

लेकिन आज हम आपको डरा नहीं रहे, ऐसे भूत देवता मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो लोगों की अटूट आस्था का केन्द्र है. जहां स्थानीय ही नहीं दूर-दूर से लोग शीष नवाने आते हैं. जौनसार बाबर क्षेत्र के सिंगौर गांव मे भूत देवता का मंदिर है, जहां भूत देवता को एक शीला के रूप में पूजा जाता है. जहां साल भर पूजा होती रहती है. स्थानीय निवासी अर्जुन सिंह का कहना है कि बुजुर्गों द्वारा उन्हें बताया गया कि एक समय क्षेत्र में भारी बरसात होने से सिंगौर गांव के पास से गाड- गदेरे उफान पर थे.

पढ़ें-हॉस्पिटल के बाहर बिचौलियों का बढ़ता जाल प्रबंधन के लिए बना सिरदर्द, ऐसे होता है कमीशन का खेल

रात के समय अचानक ग्रामीणों को अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगीं. लोग डर से रात को ही घर खाली कर सुरक्षित स्थान पर चले गए. ग्रामीणों ने जब सुबह उस स्थान पर लौटकर देखा तो एक विशालकाय शिला ने उफनते गदेरे की जलधारा को गांव के दूसरी और मोड़ दिया था. ग्रामीणों का मानना है कि जो आवाज रात को आई थी वे भूत देवता की ही थी और गांव के भले के लिए जल धारा के रुख को पलट दिया. तब से लोगों ने उन्हें पूजना शुरू कर दिया.

लोगों का मानना है कि सच्चे मन से उपासना करने पर भूत देवता हर मुराद पूरी करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तब से अब तक भूत देवता ही उनके गांव और लोगों की रक्षा करते हैं. वहीं 6 गांवों के भूत देवता अराध्य हैं. जिन्हें वे अतीत से पूजते आ रहे हैं. बतां दें कि ईटीवी भारत किसी मिथक और अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता, ये बातें गांव के लोगों द्वारा बताई गई हैं, जो उनकी आस्था से जुड़ी हुई हैं.

विकासनगर: देवभूमि उत्तराखंड में कभी देवों की अलौकिक गाथा तो कभी परियों की कहानियां लोगों को रोमांचित करती हैं. जो अतीत से ही स्थानीय लोगों के किस्से कहानियों में सुनीं जा सकती हैं. लेकिन आज हम आपको ऐसी ही कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिस पर यकीन करना आसान नहीं है. जी हां फिल्मों, कहानियों और टीवी सीरियलों में आपने भूतों की कहानियां तो खूब सुनीं और देखी होंगी, जिन्हें देखकर लोगों की रूह कांप जाती है.

इस गांव के ग्रामीणों के दु:खों का निवारण करते हैं भूत देवता.

लेकिन आज हम आपको डरा नहीं रहे, ऐसे भूत देवता मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो लोगों की अटूट आस्था का केन्द्र है. जहां स्थानीय ही नहीं दूर-दूर से लोग शीष नवाने आते हैं. जौनसार बाबर क्षेत्र के सिंगौर गांव मे भूत देवता का मंदिर है, जहां भूत देवता को एक शीला के रूप में पूजा जाता है. जहां साल भर पूजा होती रहती है. स्थानीय निवासी अर्जुन सिंह का कहना है कि बुजुर्गों द्वारा उन्हें बताया गया कि एक समय क्षेत्र में भारी बरसात होने से सिंगौर गांव के पास से गाड- गदेरे उफान पर थे.

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रात के समय अचानक ग्रामीणों को अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगीं. लोग डर से रात को ही घर खाली कर सुरक्षित स्थान पर चले गए. ग्रामीणों ने जब सुबह उस स्थान पर लौटकर देखा तो एक विशालकाय शिला ने उफनते गदेरे की जलधारा को गांव के दूसरी और मोड़ दिया था. ग्रामीणों का मानना है कि जो आवाज रात को आई थी वे भूत देवता की ही थी और गांव के भले के लिए जल धारा के रुख को पलट दिया. तब से लोगों ने उन्हें पूजना शुरू कर दिया.

लोगों का मानना है कि सच्चे मन से उपासना करने पर भूत देवता हर मुराद पूरी करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि तब से अब तक भूत देवता ही उनके गांव और लोगों की रक्षा करते हैं. वहीं 6 गांवों के भूत देवता अराध्य हैं. जिन्हें वे अतीत से पूजते आ रहे हैं. बतां दें कि ईटीवी भारत किसी मिथक और अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता, ये बातें गांव के लोगों द्वारा बताई गई हैं, जो उनकी आस्था से जुड़ी हुई हैं.

Intro:कालसी ब्लाक के सिंगौर गांव मैं स्थित भूत देवता मन्दिर आस्था व विश्वास का प्रतीक है .स्थानीय ग्रामीणों सहित दूर दूर से आते है भूत देवता के मंदिर मे शिश नवाने लोग. मन की हर मुराद होती है पूरी.पत्थर के शिला मे विराजमान है भूत देवता.12महिने खुला रहता है मंदिर.


Body: वैसे तो भूत का नाम लेते ही अच्छौ अच्छों के पसीने निकल जाया करते है ,लेकिन जौनसार क्षेत्र का एक ऐसा गांव जहां भूत देवता लोगों की रक्षा करतें है व पूजे भी जाते है .
कालसी ब्लाक के सिंगौर गांव मे भूत देवता एक पत्थर की विशालकाय शीला मे विराजमान है जहां पर स्थानीय ग्रामीणों ने एक सुंदर मंदिर बनाया हुआ है ग्रामीणों मे भूत देवता के प्रति अटूट आस्था व विशवास बना है .
सिंगौर गांव के अर्जुन सिंह बताते है की हमारे बुजुर्गों द्वारा बताया गया की एक समय क्षेत्र मैं भारी बरसात होने से सिंगौर गांव के पास से गाड गदेरे उफान पर आ गए थे रात के समय अचानक जोरों से ग्रामीणों को आवाजें सुनाई दी लोगों ने रात को ही घर खाली कर सुरक्षित स्थान पर चले गए.
ग्रामीणों ने जब सुबह देखा तो एक विशालकाय शिला ने उफनते गदेरे की जलधारा को गांव के दूसरी और मोड दिया था .ग्रामीणों ने माना की भूत देवता ने ही ग्रामीणों को आवाज लगा कर आगाह किया था .
लोगों का यह भी मानना है की कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से भूत देवता को याद कर मन्नत मांगता है तो वह आवश्य ही पूरी होती है आज भी लोगों के मन मे भूत देवता के प्रति अटटू आस्था देखने को मिलती
भूत देवता के दर्शनों को लोग दूर दूर से आतें है यह मन्दिर सभी भक्तों के लिए हमेशा खुला रहता है यहां पर भक्त अपनी इच्छा अनुसार प्रसाद चढातें है . ग्रामीण ध्वजवीर सिंह ने बताया की यह भूत देवता क्षेत्र के सभी लोगों की रक्षा करते है लोगों मे अटूट आस्था है .



Conclusion:वहीं बहादुर सिंह बतातें है जो भी व्यक्ति भूत देवता मंदिर मे सच्चे मन से अपनी मुराद रखता है वह पूरी होती है यहां के छ:गांव के साथ साथ पूरी खत पट्टी के लोगों मे भूत देवता मे विश्वास व आस्था है .
ग्रामीण संतराम बताते है की मंदिर में विशालकाय पत्थर है जो भूत देवता के रूप में पीढियों से पूजे जातें है.
Last Updated : Jul 22, 2019, 3:07 PM IST
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