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CHC डोईवाला को PPP मोड से हटाने की मांग, कांग्रेस नेता भारत भूषण ने दी आत्मदाह की चेतावनी

डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Doiwala Community Health Center) को पीपीपी मोड में संचालित किया जा रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि पीपीपी मोड में संचालित होने के बाद हालत सुधरने के बजाय और खराब हो गई है. कांग्रेस नेता भारत भूषण ने अस्पताल के बाहर आत्मदाह करने की चेतावनी दी है.

CHC Doiwala removal from PPP mode
डोईवाला स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मोड से मुक्त करने की मांग
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Published : Dec 21, 2021, 3:52 PM IST

डोईवालाः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला (Doiwala Community Health Center) को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जहां उत्तराखंड क्रांति दल यानी यूकेडी का डोईवाला अस्पताल के बाहर आमरण अनशन जारी है तो वहीं अब कांग्रेस भी अस्पताल को पीपीपी मोड से मुक्त कराने को लेकर आगे आ गई है. इतना ही नहीं कांग्रेस नेता भारत भूषण ने आगामी 25 दिसंबर को आत्मदाह करने का ऐलान (Bharat Bhushan announces self immolation) तक कर दिया है.

दरअसल, डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यानी सीएचसी को पीपीपी मोड से हटाने और उच्चीकरण की मांग को लेकर आंदोलन बीते कई महीनों से चल रहा है. इसके विरोध में कांग्रेसी और ग्रामीण कई बार उग्र धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. अब कांग्रेस नेता भारत भूषण ने आत्मदाह करने की चेतावनी देकर सरकार और प्रशासन की नींद उड़ा दी है. कांग्रेस नेता भारत भूषण का आरोप है कि जब से डोईवाला के अस्पताल को पीपीपी मोड (PPP Mode) पर संचालित किया गया, उसके बाद से अस्पताल की स्थिति और खराब हो गई है. अस्पताल महज रेफर सेंटर बनकर रह गया है.

अस्पताल को PPP मोड से हटाने की मांग

ये भी पढ़ेंः CHC डोईवाला में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल, अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने को लेकर प्रदर्शन

कांग्रेस नेता भारत भूषण ने बताया कि डोईवाला अस्पताल यानी सीएचसी डोईवाला एक मात्र ऐसा अस्पताल है, जहां पर ढाई लाख की आबादी इलाज कराने आती है. गरीब और बेसहारा लोग भी इसी अस्पताल में अपना इलाज कराने आते हैं, लेकिन डोईवाला अस्पताल को पीपीपी मोड पर देने के बाद यह अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है. उनका कहना है कि पीपीपी मोड के बाद अस्पताल में न तो डॉक्टर हैं, न ही स्टाफ है. इतना ही नहीं मरीजों के लिए भी कोई सुविधा नहीं है और दवाइयां भी नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में इसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी में दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था, 1.87 लाख महिलाओं पर एक स्त्री रोग विशेषज्ञ

बता दें कि सीएचसी डोईवाला (CHC Doiwala removal from PPP mode) हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट (himalayan hospital jolly grant) के अधीन है और हिमालयन हॉस्पिटल का स्टाफ ही सीएचसी में अपनी सेवाएं दे रहा है. स्थानीय जनता लंबे समय से पीपीपी मोड से हटाने की मांग कर रही है. पहले भी कई बार उग्र आंदोलन अस्पताल में कर चुके हैं. अब एक बार फिर से जनता मुखर हो गई है.

ये भी पढ़ेंः यमुना घाटी में महिला चिकित्सक की नहीं हो पाई तैनाती, जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध

वहीं, डोईवाला अस्पताल के बाहर उत्तराखंड क्रांति दल और स्थानीय ग्रामीण बीते 15 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन अब कांग्रेस नेता भारत भूषण ने (Bharat Bhushan warns of self immolation) भी अस्पताल को पीपीपी मोड से मुक्त कराने के लिए 25 दिसंबर को आत्मदाह करने का ऐलान कर दिया है.

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डोईवालाः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला (Doiwala Community Health Center) को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से हटाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जहां उत्तराखंड क्रांति दल यानी यूकेडी का डोईवाला अस्पताल के बाहर आमरण अनशन जारी है तो वहीं अब कांग्रेस भी अस्पताल को पीपीपी मोड से मुक्त कराने को लेकर आगे आ गई है. इतना ही नहीं कांग्रेस नेता भारत भूषण ने आगामी 25 दिसंबर को आत्मदाह करने का ऐलान (Bharat Bhushan announces self immolation) तक कर दिया है.

दरअसल, डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यानी सीएचसी को पीपीपी मोड से हटाने और उच्चीकरण की मांग को लेकर आंदोलन बीते कई महीनों से चल रहा है. इसके विरोध में कांग्रेसी और ग्रामीण कई बार उग्र धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. अब कांग्रेस नेता भारत भूषण ने आत्मदाह करने की चेतावनी देकर सरकार और प्रशासन की नींद उड़ा दी है. कांग्रेस नेता भारत भूषण का आरोप है कि जब से डोईवाला के अस्पताल को पीपीपी मोड (PPP Mode) पर संचालित किया गया, उसके बाद से अस्पताल की स्थिति और खराब हो गई है. अस्पताल महज रेफर सेंटर बनकर रह गया है.

अस्पताल को PPP मोड से हटाने की मांग

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कांग्रेस नेता भारत भूषण ने बताया कि डोईवाला अस्पताल यानी सीएचसी डोईवाला एक मात्र ऐसा अस्पताल है, जहां पर ढाई लाख की आबादी इलाज कराने आती है. गरीब और बेसहारा लोग भी इसी अस्पताल में अपना इलाज कराने आते हैं, लेकिन डोईवाला अस्पताल को पीपीपी मोड पर देने के बाद यह अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है. उनका कहना है कि पीपीपी मोड के बाद अस्पताल में न तो डॉक्टर हैं, न ही स्टाफ है. इतना ही नहीं मरीजों के लिए भी कोई सुविधा नहीं है और दवाइयां भी नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में इसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है.

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बता दें कि सीएचसी डोईवाला (CHC Doiwala removal from PPP mode) हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट (himalayan hospital jolly grant) के अधीन है और हिमालयन हॉस्पिटल का स्टाफ ही सीएचसी में अपनी सेवाएं दे रहा है. स्थानीय जनता लंबे समय से पीपीपी मोड से हटाने की मांग कर रही है. पहले भी कई बार उग्र आंदोलन अस्पताल में कर चुके हैं. अब एक बार फिर से जनता मुखर हो गई है.

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वहीं, डोईवाला अस्पताल के बाहर उत्तराखंड क्रांति दल और स्थानीय ग्रामीण बीते 15 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन अब कांग्रेस नेता भारत भूषण ने (Bharat Bhushan warns of self immolation) भी अस्पताल को पीपीपी मोड से मुक्त कराने के लिए 25 दिसंबर को आत्मदाह करने का ऐलान कर दिया है.

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