देहरादूनः उत्तराखंड की राजनीति में हमेशा से ही उठा पटक की स्थिति देखने को मिलती रही है. मौजूदा समय में धामी सरकार अपने संकल्प को पूरा करने की कवायद में जुटी हुई है तो वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर उत्तराखंड लौटे भगत सिंह कोश्यारी के आने के बाद से ही सूबे में राजनीतिक गलियारों में हलचल जारी है. महाराष्ट्र से उत्तराखंड लौटने के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी धरातल पर सक्रिय नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में आज एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भगत सिंह कोश्यारी एक साथ दिखाई दिए.
बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरु हैं. या यूं कहें कि भगत सिंह कोश्यारी की उंगली पकड़कर ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजनीति में आज यह मुकाम हासिल किया है. लेकिन दोनों गुरु और शिष्य के बीच कुछ खास तालमेल बैठता दिखाई नहीं दे रहा है. दरअसल, जब भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर उत्तराखंड वापस लौटे थे तो उस दौरान इस बात की भी चर्चाएं थी कि अब धामी सरकार को और ज्यादा बल मिलेगा. इसके अलावा चर्चाएं इसकी भी थी कि इससे सरकार में उलटफेर होने की संभावना है.
बहरहाल, ऐसा कुछ तो हुआ नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड लौटने के बाद से ही पूरी तरह से सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं तमाम कार्यक्रमों में भी वे जाते रहे हैं और कई बार वह शक्ति प्रदर्शन करते हुए भी नजर आए. देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित एक निजी कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी और भगत सिंह कोश्यारी दोनों मौजूद रहे. लेकिन इस पूरे कार्यक्रम के दौरान गुरु और शिष्य के बीच न के बराबर ही बातचीत हुई. वहीं, अपने भाषण के दौरान भगत दा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कई बड़ी सलाह भी देते नजर आए.
ये भी पढ़ेंः क्या भगत दा ने शुरू कर दी राजनीति की पिच पर बैटिंग? कुमाऊं की नब्ज टटोलकर दिल्ली निकले
भगत दा ने सीएम धामी को दी ये सलाहः पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने इस बात का भी जिक्र किया कि तमाम अधिकारी धरातल पर उतरने के बजाए अपने कार्यालय में बैठे रहते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि उनके अधिकारी और मंत्री धरातल पर उतर कर वास्तविक स्थिति जानें. अगर ऐसा अधिकारी नहीं करते हैं तो उन्हें घर बिठा देना चाहिए. इसके अलावा भी भगत सिंह कोश्यारी ने मौके का फायदा उठाते हुए पुष्कर सिंह धामी को कई बड़े राजनीतिक ज्ञान भी देते नजर आए. कुल मिलाकर कहें तो पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के भाषण से यही लग रहा था कि वे मुख्यमंत्री धामी को और ज्यादा राजनीति का पाठ पढ़ने का ज्ञान दे रहे हैं.
इतना ही नहीं भगत सिंह कोश्यारी ने अपने भाषण में इस बात का भी जिक्र किया कि उत्तराखंड में किसी की भी सरकार रही हो, उन्होंने जनता के लिए कई बड़े काम किए हैं. हालांकि, कई योजनाओं को धरातल पर भी उतारा गया, लेकिन वो योजनाएं तो धरातल उतर जाती हैं, लेकिन सही ढंग से आगे नहीं चल पाती हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक बयान का जिक्र करते हुए भगत दा ने कहा कि सीएम धामी ने प्रदेश में 18 हजार पॉली हाउस लगाने की बात कही है. ऐसे में सीएम धामी को चाहिए कि पॉली हाउस तो लगाए जाएं, लेकिन उनकी समय-समय पर निगरानी के साथ ही कृषकों को भी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. ताकि वो पॉली हाउस को लंबे समय तक चला सकें.