देहरादून: आमतौर पर साइबर ठगी के बैंक कॉल, लॉटरी, डेबिट-क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने, सामान बेचने, एडवांस भुगतान आदि से जुड़े मामले सामने आते हैं. लेकिन इन दिनों नाइजीरियन स्कैम ने लोगों को काफी परेशानी में डाल रखा है. जिसके चलते लोग अपनी पूरी जमा पूंजी गंवा बैठते हैं. आखिर क्या है नाइजीरियन स्कैम. किस तरह से लोगों को बनाया जा रहा है ठगी का शिकार. कैसे नाइजीरियन स्कैम से बचा जा सकता है ? देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.
क्या है नाइजीरियन स्कैम ?
दरअसल, नाइजीरियन स्कैम अफ्रीकी महाद्वीप स्थित नाइजीरिया नामक देश से जुड़ा है. नाइजीरियन स्कैम को 419 स्कैम के नाम से भी जाना जाता है. जिस तरह से हमारे देश में फ्रॉड करने वालों पर धारा 420 लगायी जाती है, उसी तरह नाइजीरिया में फ्रॉड करने पर 419 की धारा लगाई जाती है. इस स्कैम को अंजाम देने के लिए सात समुंदर पार बैठा शातिर ठग पहले लोगों से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है. फिर उनकी जमा पूंजी पर सेंध लगा देता है. यह स्कैम पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम से ही होता है. इसमें तमाम तरह के प्रलोभन देकर ठगी को अंजाम दिया जाता है.
हनी ट्रैप से ठगते हैं!
इंटरनेट पर मौजूद तमाम ऐसे सोशल साइट्स और एप्लीकेशन हैं जिनके माध्यम से नाइजीरियन स्कैम की शुरुआत होती है. नाइजीरियन साइबर ठग सबसे पहले इन साइट्स और एप्लीकेशन पर पहले ही अपनी फर्जी प्रोफाइल बनाकर रखते हैं. इसके बाद लोगों से दोस्ती करते हैं. दोस्ती करने के बाद धीरे-धीरे बातचीत को आगे बढ़ाते हुए अच्छा दोस्त बनने का नाटक करते हैं. फिर शातिर ठग उन्हें गिफ्ट भेजने का प्रलोभन देते हुए ठगी का शिकार बनाते हैं. यानी दोस्ती का ऐसा जाल बिछाया जाता है जिसमें कोई भी व्यक्ति फंस सकता है.
गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगी
नाइजीरियन स्कैम में मुख्य रूप से यही देखा जा रहा है कि लोगों को गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगी की जा रही है. पहले दोस्ती करते हैं. फिर विदेश से गिफ्ट भेजने की बात कहते हैं. फिर गिफ्ट को कस्टम, एयरपोर्ट अथॉरिटी या फिर किसी और के द्वारा रोकने या फिर कस्टम चार्ज देने की बात कह कर वह बहला-फुसलाकर पैसे देने की बात कहते हैं.
लिहाजा लोग गिफ्ट के प्रलोभन में आकर ठग द्वारा बताए गए अकाउंट नंबर या गूगल पे नंबर पर पैसा ट्रांसफर कर देते हैं. मामला, यहीं नहीं रुकता बल्कि इसके बाद और तमाम तरह के टैक्स की बात कर धीरे-धीरे लाखों रुपए तक लोगों से ठग लेते हैं.
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प्राइवेट चैट के नाम पर ब्लैकमेल
ऐसे भी तमाम मामले सामने आ रहे हैं जिसमें अपराधी, लोगों को अश्लील फोटो या फिर वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं. इसी तरह नाइजीरियन स्कैम को भी अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है. पहले तो ये शातिर ठग लोगों से दोस्ती करते हैं. फिर लोगों से अश्लील चैट भी करते हैं. शातिर ठग चैट को रिकॉर्ड कर बाद में ब्लैकमेल करते हैं. फिर मोटी रकम की मांग की जाती है. नाइजीरियन स्कैम में भी इस तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं.
विदेशी महिला बन लोगों को लगा रहे हैं चूना
विदेशी महिला बनकर लोग तमाम सोशल साइट्स के माध्यम से लोगों से दोस्ती कर रहे हैं. इसके बाद लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. अब तो देश में बैठे ठग भी लोगों को चूना लगाने के लिये नाइजीरियन स्कैम के हथकंडे अपना रहे हैं. इसमें महंगे गिफ्ट भेजने या फिर प्राइवेट चैट्स को सार्वजनिक करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहे हैं.
नाइजीरियन स्कैम का शिकार होकर लुटाये 16 लाख रुपये
राजधानी देहरादून से एक ऐसा ही मामला सामने आया. कुछ महीने पहले देहरादून निवासी अवधेश नौटियाल (बदला हुआ नाम) की दोस्ती एक कथित विदेशी महिला से फेसबुक पर हुई थी. दोस्ती धीरे-धीरे भरोसे में बदलने लगी. ऐसे ही कुछ महीने तक बातचीत करने के बाद एक दिन विदेशी महिला ने अवधेश नौटियाल को एक गिफ्ट भेजने की बात कही. गिफ्ट का नाम सुनकर अवधेश नौटियाल काफी खुश हुए, क्योंकि वह गिफ्ट हज़ार- दो हज़ार का नहीं था बल्कि उस गिफ्ट की कीमत लाखों में थी. अवधेश नौटियाल ने काफी उत्साहित होकर उस गिफ्ट को जल्द से जल्द भेजने को कहा.
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इसके बाद उस महिला ने अवधेश नौटियाल से कहा कि उसने उस गिफ्ट को जो कि लाखों रुपए का है पार्सल से भेज दिया है. लिहाजा जल्द ही वह गिफ्ट उसे मिल जाएगा. फिर दोनों सामान्य रूप से बात करने लगे. कुछ दिन बाद विदेशी महिला द्वारा किए गए एक मैसेज को पढ़कर अवधेश नौटियाल काफी परेशान हो गए. मैसेज में इस बात का जिक्र किया गया था कि जो पार्सल विदेशी महिला द्वारा भेजा गया है उसे कस्टम के अधिकारियों ने रोक लिया है. उनका कहना है कि पहले कस्टम ड्यूटी भरनी होगाी. इसी तरह की तमाम बातें कहकर विदेशी महिला ने अवधेश नौटियाल को अपने झांसे में ले लिया.
इसके बाद अवधेश नौटियाल के पास कस्टम ड्यूटी अधिकारी बन फोन किया गया. बैंक अकाउंट नंबर देकर इस गिफ्ट को छुड़ाने के लिए 85 हज़ार की मांग की गई. मामला यहीं नहीं रुका, बल्कि इसी तरह अन्य टैक्स के नाम पर धीरे धीरे पैसे मांगे जाने लगे. हालांकि, लगातार फोन आने के चलते अवधेश नौटियाल काफी परेशान हो गए और फिर उन्होंने विदेशी महिला से संपर्क साधा. बातचीत के दौरान विदेशी महिला ने अवधेश नौटियाल से बार-बार इसी बात का जिक्र किया कि वह गिफ्ट बहुत महंगा है. लिहाजा उस गिफ्ट को छुड़ाने के लिए जो रकम मांगी जा रही है वह रकम दे दे ताकि गिफ्ट जल्दी से उसके पास पहुंच जाए.
फिर क्या था अवधेश नौटियाल ने गिफ्ट के लालच में आकर तमाम टैक्स के एवज में करीब 16,12,350 रुपए लुटा दिए. इतनी रकम लुटाने के बाद जब महिला ने जल्द ही गिफ्ट पहुंचने की बात कही तो अवधेश नौटियाल को यह संतुष्टि थी कि आखिरकार उसे अब लाखों रुपए का गिफ्ट मिल जाएगा. लेकिन अवधेश नौटियाल को क्या पता था कि इतना पैसा देने के बाद अब फिर कभी उस महिला से ना तो बातचीत होगी और ना ही वह गिफ्ट उसके घर पहुंचेगा. विदेशी महिला से संपर्क साधने की लाख कोशिश करने के बाद आखिरकार थक हारकर अवधेश नौटियाल साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचे. पूरी घटना की जानकारी देकर शिकायत दर्ज कराई.
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पुलिस प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल प्रभाव से टीम गठित की. फिर फेसबुक साइट की छानबीन के साथ ही जिन नंबरों से कस्टम ड्यूटी भरने के लिए फोन आया था उन नंबरों की भी छानबीन शुरू कर दी. लंबी मशक्कत के बाद आखिरकार साइबर क्राइम पुलिस ने आरोपी की जानकारी हासिल कर ली और फिर टीम भेजकर उस आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया. आरोपी से पता चला कि वह इससे पहले कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है. हालांकि, आरोपी की गिरफ्तारी तो हो गई लेकिन अवधेश नौटियाल की जमा पूंजी उसे वापस ना मिल सकी.