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PM मोदी के केदारनाथ दौरे से पहले एक्टिव हुई धामी सरकार, तीर्थ-पुरोहितों को मनाने में जुटी - देहरादून न्यूज

उत्तराखंड देवास्थानम बोर्ड को लेकर सोमवार को तीर्थ-पुरोहितों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का जोरदार विरोध किया था. तीर्थ-पुरोहितों ने किसी भी कीमत पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को बाबा केदार के दर्शन नहीं करने दिए थे. ऐसे में बीजेपी की नींद उड़ी हुई है. उन्हें डर है कि कहीं पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे के दौरान भी इस तरह का विरोध का देखने को न मिले. इसीलिए धामी सरकार तीर्थ-पुरोहितों को मनाने की कवायद में जुटी हुई है.

धामी सरकार
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Published : Nov 2, 2021, 5:59 PM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर सरकार चिंतित नजर आ रही है. क्योंकि धामी सरकार को डर लग रहा है कि पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे के दौरान वैसी घटना घटित न हो जाए, जैसे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के दौरे के दौरान हुई थी. इसीलिए सरकार ने अपने स्तर से तीर्थ-पुरोहितों को मनाना शुरू कर दिया है.

बता दें कि पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ आ रहे हैं. बीजेपी संगठन और सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को बड़े इवेंट के रूप में तब्दील करने की जुगत में लगी हुई हैं. ताकि आगामी चुनाव में बीजेपी के इसका फायदा मिल सके. बीजेपी केदारनाथ से पीएम मोदी का लाइव प्रसारण करने जा रही है.

पढ़ें- PM मोदी के दौरे से पहले सरकार की उड़ी नींद! केदारनाथ में तीर्थ-पुरोहितों के विरोध ने बढ़ाई चिंता

इसके साथ ही देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में भी एक साथ वर्चुअली पूजा-अर्चना की जाएगी. लेकिन सरकार को डर सता रहा है कि कहीं तीर्थ-पुरोहित इस आयोजन में अपना विरोध जताकर भंग ना डाल दें. यदि ऐसा हुआ तो इससे सरकार की छवि पर असर पड़ेगा और पूरे देश में एक गलत संदेश जाएगा. इतना ही नहीं बीजेपी को इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना भी पड़ सकता है.

इसीलिए सरकार अभी से सब कुछ मैनेज करने में लगी हुई है. सोमवार की घटना के बाद मंगलवार को कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को केदारनाथ भेजा गया है, ताकि तीर्थ-पुरोहितों के मन की बात सुनी जा सके. इतना ही नहीं कल फिर से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ में पंडा पुरोहितों से बातचीत करेंगे.

पढ़ें- केदारनाथ में PM मोदी से देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा चाहते हैं तीर्थ पुरोहित, LIVE प्रसारण रोकने की मांग

इस दौरान सीएम पीएम के दौरे को लेकर चल रही तैयारियों का जायजा भी लेंगे. सरकार की पूरी कोशिश है कि प्रधानमंत्री के दौरे पर पंडा पुरोहित किसी भी तरह का विरोध न करें. बता दें कि सरकार की नींद सोमवार की घटना के बाद से उड़ी हुई है.

दरअसल, सोमवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रोटोकॉल मंत्री धन सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत केदारनाथ धाम गए थे. लेकिन तीर्थ-पुरोहितों ने उत्तराखंड चारधाम देवास्थानम बोर्ड को लेकर उनका जोरदार विरोध किया. तीर्थ-पुरोहितों ने किसी भी कीमत पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को मंदिर में नहीं जाने दिया. पुलिस भी तीर्थ-पुरोहितों को काबू नहीं कर पाई. आखिर में त्रिवेंद्र सिंह रावत बिना दर्शन करे ही केदारनाथ धाम से वापस लौटे. हालांकि पुलिस के समझाने पर तीर्थ-पुरोहितों ने मदन कौशिक और धन सिंह रावत को मंदिर में जाने दिया था. तभी से बीजेपी संगठन और सरकार की नींद उड़ी हुई है. सरकार को डर सता रहा है कि कहीं पीएम मोदी के दौरे के दौरान तीर्थ-पुरोहित इस तरह का विरोध न कर दें.

पढ़ें- PM मोदी के केदारनाथ दौरे पर कांग्रेस करेगी विरोध, शिवालयों में चढ़ाएगी गंगाजल

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर सरकार चिंतित नजर आ रही है. क्योंकि धामी सरकार को डर लग रहा है कि पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे के दौरान वैसी घटना घटित न हो जाए, जैसे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के दौरे के दौरान हुई थी. इसीलिए सरकार ने अपने स्तर से तीर्थ-पुरोहितों को मनाना शुरू कर दिया है.

बता दें कि पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ आ रहे हैं. बीजेपी संगठन और सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को बड़े इवेंट के रूप में तब्दील करने की जुगत में लगी हुई हैं. ताकि आगामी चुनाव में बीजेपी के इसका फायदा मिल सके. बीजेपी केदारनाथ से पीएम मोदी का लाइव प्रसारण करने जा रही है.

पढ़ें- PM मोदी के दौरे से पहले सरकार की उड़ी नींद! केदारनाथ में तीर्थ-पुरोहितों के विरोध ने बढ़ाई चिंता

इसके साथ ही देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में भी एक साथ वर्चुअली पूजा-अर्चना की जाएगी. लेकिन सरकार को डर सता रहा है कि कहीं तीर्थ-पुरोहित इस आयोजन में अपना विरोध जताकर भंग ना डाल दें. यदि ऐसा हुआ तो इससे सरकार की छवि पर असर पड़ेगा और पूरे देश में एक गलत संदेश जाएगा. इतना ही नहीं बीजेपी को इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना भी पड़ सकता है.

इसीलिए सरकार अभी से सब कुछ मैनेज करने में लगी हुई है. सोमवार की घटना के बाद मंगलवार को कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को केदारनाथ भेजा गया है, ताकि तीर्थ-पुरोहितों के मन की बात सुनी जा सके. इतना ही नहीं कल फिर से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ में पंडा पुरोहितों से बातचीत करेंगे.

पढ़ें- केदारनाथ में PM मोदी से देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा चाहते हैं तीर्थ पुरोहित, LIVE प्रसारण रोकने की मांग

इस दौरान सीएम पीएम के दौरे को लेकर चल रही तैयारियों का जायजा भी लेंगे. सरकार की पूरी कोशिश है कि प्रधानमंत्री के दौरे पर पंडा पुरोहित किसी भी तरह का विरोध न करें. बता दें कि सरकार की नींद सोमवार की घटना के बाद से उड़ी हुई है.

दरअसल, सोमवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रोटोकॉल मंत्री धन सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत केदारनाथ धाम गए थे. लेकिन तीर्थ-पुरोहितों ने उत्तराखंड चारधाम देवास्थानम बोर्ड को लेकर उनका जोरदार विरोध किया. तीर्थ-पुरोहितों ने किसी भी कीमत पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को मंदिर में नहीं जाने दिया. पुलिस भी तीर्थ-पुरोहितों को काबू नहीं कर पाई. आखिर में त्रिवेंद्र सिंह रावत बिना दर्शन करे ही केदारनाथ धाम से वापस लौटे. हालांकि पुलिस के समझाने पर तीर्थ-पुरोहितों ने मदन कौशिक और धन सिंह रावत को मंदिर में जाने दिया था. तभी से बीजेपी संगठन और सरकार की नींद उड़ी हुई है. सरकार को डर सता रहा है कि कहीं पीएम मोदी के दौरे के दौरान तीर्थ-पुरोहित इस तरह का विरोध न कर दें.

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