देहरादून: देश में संचालित होने वाले बीएड और एमएड कॉलेजों से तमाम शिकायतें मिलने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़े नियम बना दिए हैं. इसके तहत अब बीएड और एमएड कॉलेजों की वन टाइम मान्यता को राष्ट्रीय स्तर पर समाप्त कर दिया गया है. ऐसे में अब सभी निजी और सरकारी सहायता प्राप्त बीएड कॉलेजों को हर वर्ष राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता लेनी होगी. साथ ही हर साल 31 दिसंबर तक बीएड कॉलेजों को परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरना होगा.
बता दें कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी सरकारी और निजी बीएड और एमएड कॉलेज के लिए कड़े नियम जारी करते हुए बीते 23 सितंबर को नोटिस जारी किया था. इसके नियमानुसार, कॉलेजों को चलाने, आधारभूत संरचना से लेकर प्रयोगशाला, पुस्तकालय, भवन, फैकल्टी आदि मानकों के अनुरूप होने की बात कही गई है. लेकिन, कॉलेजों में नियमानुसार फैकल्टी न होने और छात्रों से मोटी फीस वसूलने जैसी तमाम दिक्कतों को दूर करने को लेकर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.
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इस कड़े नियम के बाद प्रदेश के सभी 112 सरकारी और निजी बीएड कॉलेजों को सत्र 2018-19 की रिपोर्ट 31 दिसंबर तक परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरनी पड़ेगी. इसके बाद ही इन कॉलेजों को अगले वर्ष के लिए मान्यता मिल पाएगी. यही नहीं, इन कॉलेजों को हर साल 31 दिसंबर तक परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट को ऑनलाइन भरनी पड़ेगी, जिससे आगामी सत्र के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता मिल सके.
प्रदेश में बीएड कॉलेजो की संख्या
- हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध 42 कॉलेज संचालित हैं, जिसमें से 6 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.
- श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध 32 कॉलेज संचालित है, जिसमें से 8 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.
- कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध 38 कॉलेज संचालित हैं, जिसमें से 8 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.