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NCTE ने कड़े किए नियम, हर साल बीएड कॉलेजों को लेनी होगी मान्यता

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी सरकारी और निजी बीएड और एमएड कॉलेज के लिए कड़े नियम जारी कर हर वर्ष राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता लेने की बात कही है. साथ ही 31 दिसंबर तक बीएड कॉलेजों को परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरना होगा.

NCTE ने बनाए कड़े नियम.
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Published : Oct 3, 2019, 5:47 PM IST

देहरादून: देश में संचालित होने वाले बीएड और एमएड कॉलेजों से तमाम शिकायतें मिलने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़े नियम बना दिए हैं. इसके तहत अब बीएड और एमएड कॉलेजों की वन टाइम मान्यता को राष्ट्रीय स्तर पर समाप्त कर दिया गया है. ऐसे में अब सभी निजी और सरकारी सहायता प्राप्त बीएड कॉलेजों को हर वर्ष राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता लेनी होगी. साथ ही हर साल 31 दिसंबर तक बीएड कॉलेजों को परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरना होगा.

NCTE ने बनाए कड़े नियम.

बता दें कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी सरकारी और निजी बीएड और एमएड कॉलेज के लिए कड़े नियम जारी करते हुए बीते 23 सितंबर को नोटिस जारी किया था. इसके नियमानुसार, कॉलेजों को चलाने, आधारभूत संरचना से लेकर प्रयोगशाला, पुस्तकालय, भवन, फैकल्टी आदि मानकों के अनुरूप होने की बात कही गई है. लेकिन, कॉलेजों में नियमानुसार फैकल्टी न होने और छात्रों से मोटी फीस वसूलने जैसी तमाम दिक्कतों को दूर करने को लेकर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.

ये भी पढ़ें: सचिवालय में महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि, कर्मचारियों ने ली उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त बनाने की शपथ

इस कड़े नियम के बाद प्रदेश के सभी 112 सरकारी और निजी बीएड कॉलेजों को सत्र 2018-19 की रिपोर्ट 31 दिसंबर तक परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरनी पड़ेगी. इसके बाद ही इन कॉलेजों को अगले वर्ष के लिए मान्यता मिल पाएगी. यही नहीं, इन कॉलेजों को हर साल 31 दिसंबर तक परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट को ऑनलाइन भरनी पड़ेगी, जिससे आगामी सत्र के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता मिल सके.

प्रदेश में बीएड कॉलेजो की संख्या

  • हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध 42 कॉलेज संचालित हैं, जिसमें से 6 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.
  • श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध 32 कॉलेज संचालित है, जिसमें से 8 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.
  • कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध 38 कॉलेज संचालित हैं, जिसमें से 8 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.

देहरादून: देश में संचालित होने वाले बीएड और एमएड कॉलेजों से तमाम शिकायतें मिलने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़े नियम बना दिए हैं. इसके तहत अब बीएड और एमएड कॉलेजों की वन टाइम मान्यता को राष्ट्रीय स्तर पर समाप्त कर दिया गया है. ऐसे में अब सभी निजी और सरकारी सहायता प्राप्त बीएड कॉलेजों को हर वर्ष राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता लेनी होगी. साथ ही हर साल 31 दिसंबर तक बीएड कॉलेजों को परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरना होगा.

NCTE ने बनाए कड़े नियम.

बता दें कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी सरकारी और निजी बीएड और एमएड कॉलेज के लिए कड़े नियम जारी करते हुए बीते 23 सितंबर को नोटिस जारी किया था. इसके नियमानुसार, कॉलेजों को चलाने, आधारभूत संरचना से लेकर प्रयोगशाला, पुस्तकालय, भवन, फैकल्टी आदि मानकों के अनुरूप होने की बात कही गई है. लेकिन, कॉलेजों में नियमानुसार फैकल्टी न होने और छात्रों से मोटी फीस वसूलने जैसी तमाम दिक्कतों को दूर करने को लेकर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.

ये भी पढ़ें: सचिवालय में महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि, कर्मचारियों ने ली उत्तराखंड को प्लास्टिक मुक्त बनाने की शपथ

इस कड़े नियम के बाद प्रदेश के सभी 112 सरकारी और निजी बीएड कॉलेजों को सत्र 2018-19 की रिपोर्ट 31 दिसंबर तक परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरनी पड़ेगी. इसके बाद ही इन कॉलेजों को अगले वर्ष के लिए मान्यता मिल पाएगी. यही नहीं, इन कॉलेजों को हर साल 31 दिसंबर तक परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट को ऑनलाइन भरनी पड़ेगी, जिससे आगामी सत्र के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता मिल सके.

प्रदेश में बीएड कॉलेजो की संख्या

  • हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध 42 कॉलेज संचालित हैं, जिसमें से 6 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.
  • श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध 32 कॉलेज संचालित है, जिसमें से 8 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.
  • कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध 38 कॉलेज संचालित हैं, जिसमें से 8 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज हैं.
Intro:नोट - कुछ विसुअल्स ftp से भेजे गए है.....
uk_deh_02_college_recognition_vis_7205803


देश में संचालित होने वाले B.ed और M.Ed कॉलेजों से तमाम शिकायतें प्राप्त होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़े नियम बना दिए हैं जिसके तहत अब B.ed और M.Ed कॉलेजों की वन टाइम मान्यता को राष्ट्रीय स्तर पर समाप्त कर दिया गया है। ऐसे में अब सभी निजी व सरकारी सहायता प्राप्त b.ed कॉलेजों को हर वर्ष राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता लेनी होगी। यही नहीं हर साल 31 दिसंबर तक निजी व सरकारी सहायता प्राप्त बीएड कॉलेजों को परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरना होगा। 


Body:गौर हो कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी सरकारी और निजी B.Ed और M.Ed कॉलेज के लिए कड़े नियम जारी करते हुए बीते 23 सितंबर को नोटिस जारी किया था। जिसमें नियमानुसार कॉलेजों को चलाने, आधारभूत संरचना से लेकर प्रयोगशाला, पुस्तकालय, भवन, फैकल्टी आदि मानकों के अनुरूप होने की बात कही गई है। लेकिन कॉलेजों में नियमानुसार फैकल्टी ना होने और छात्रों से मोटी फीस वसूलने जैसी तमाम दिक्कतों को दूर करने को लेकर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कड़ा रुख अख्तियार किया है ऐसे में पुराने नियमों के तहत B.Ed संस्थान खोलते समय मिली मान्यता के आधार पर अब नहीं चल पाएंगे और हर साल उन्हें मान्यता लेनी होगी।


इस कड़े नियम के बाद उत्तराखंड के सभी 112 सरकारी व निजी बीएड कॉलेजों को सत्र 2018-19 की रिपोर्ट 31 दिसंबर तक परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भरनी पड़ेगी। जिसके बाद ही इन कॉलेजों को अगले वर्ष के लिए मान्यता मिल पाएगी। यही नहीं इन कॉलेजों को हर साल 31 दिसंबर तक परफारमेंस अप्रेजल रिपोर्ट को ऑनलाइन भरनी पड़ेगी ताकि आगामी सत्र के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता मिल सके।




Conclusion:........प्रदेश में बीएड कॉलेजो की संख्या......

हेमवतीनंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध 42 कॉलेज संचालित है जिसमे से 6 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज है।

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध 32 कॉलेज संचालित है। जिसमे से 8 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज है।

कुमाऊँ विश्वविद्यालय से संबद्ध 38 कॉलेज संचालित है। जिसमे से 8 कॉलेज सरकारी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज है।


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