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आज है मां सरस्वती की पूजा का पर्व बसंत पंचमी, जानें कैसे ज्ञान की देवी होंगी प्रसन्न

देशभर में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. शिक्षा प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए ये दिन बेहद शुभ माना जाता है.

बसंत पंचमी पर बन रहे 2 शुभ संयोग
बसंत पंचमी पर बन रहे 2 शुभ संयोग
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Published : Feb 16, 2021, 12:30 AM IST

देहरादून: देशभर में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी के दिन से ही वसंत ऋतु की शुरूआत होती है. इस दिन मां देवी सरस्वती की आराधना की जाती है. इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं. बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहते हैं. इस दिन लोग विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं.

बसंत पंचमी पर शुभ संयोग

इस बार बसंत पंचमी के दिन रवि योग और अमृत सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है. पूरे दिन रवि योग रहने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है. सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा.

ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा

स दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें. मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें. मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले और सफेद पुष्प अवश्य अर्पित करें.

मां की आराधना करने पर होती है ज्ञान में बढ़ोतरी

माता सरस्वती को ज्ञान, कला और संगीत की देवी कहा जाता है. माता सरस्वती की आराधना से ज्ञान में बढ़ोतरी होती है. खासकर विद्यार्थियों को उनकी पूजा विधि विधान के साथ करनी चाहिए.

देहरादून: देशभर में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी के दिन से ही वसंत ऋतु की शुरूआत होती है. इस दिन मां देवी सरस्वती की आराधना की जाती है. इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र पहन कर सरस्वती मां की पूजा करते हैं. बसंत पंचमी को श्री पंचमी भी कहते हैं. इस दिन लोग विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं.

बसंत पंचमी पर शुभ संयोग

इस बार बसंत पंचमी के दिन रवि योग और अमृत सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है. पूरे दिन रवि योग रहने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है. सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा.

ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा

स दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें. मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें. मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले और सफेद पुष्प अवश्य अर्पित करें.

मां की आराधना करने पर होती है ज्ञान में बढ़ोतरी

माता सरस्वती को ज्ञान, कला और संगीत की देवी कहा जाता है. माता सरस्वती की आराधना से ज्ञान में बढ़ोतरी होती है. खासकर विद्यार्थियों को उनकी पूजा विधि विधान के साथ करनी चाहिए.

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