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बैंक मैनेजर पर फ्रॉड करने का आरोप, जांच में जुटी पुलिस

राजधानी देहरादून में 42 लाख रुपये के फ्रॉड का मामला सामने आया है. शिकायत पक्ष ने कहा है कि आरोपी बैंक मैनेजर के खिलाफ साइबर सेल ने जांच पूरी कर ली है. लेकिन ढाई महीने बाद भी आरोपी बैंक मैनेजर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Dehradun Crime News
देहरादून बैंक फ्रॉड
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Published : Oct 15, 2020, 12:14 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में बैंक मैनेजर पर खाता धारकों के अकाउंट से लोन के नाम 42 लाख रुपए हड़पने का मामला सामने आया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट के आदेश पर आरोपित बैंक मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच चल रही है.

शिकायत पक्ष के मुताबिक आरोपी मैनेजर के खिलाफ साइबर सेल की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक मैनेजर के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि अब उनके ऊपर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाकर मैनेजर ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया है.

बैंक मैनेजर पर फ्रॉड करने का आरोप.

बैंक लिमिट के नाम पर खातों से 42 लाख रुपए हड़पे: शिकायत पक्ष

ठगी के शिकार अरुण शर्मा ने बताया कि देहरादून के दिलाराम बाजार कॉरपोरेशन बैंक में उनके परिवार के 4 सदस्यों का अलग-अलग करंट अकाउंट खोला गया था. कुछ समय बाद बैंक मैनेजर प्रदीप डंगवाल द्वारा उनसे जान पहचान बढ़ाई गई. परिवार के चारों सदस्यों का सीमेंट और स्टोन संबंधित व्यापार है.

पढ़ें- वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी, कॉर्बेट नेशनल पार्क का बिजरानी जोन खुला

ऐसे में बैंक मैनेजर प्रदीप डंगवाल द्वारा खाताधारकों की लोन लेने के लिमिट बनाई गई. कुछ समय बाद पता चला कि बैंक मैनेजर ने खाताधारकों के बैंक लिमिट के नाम पर लोन लेने का जालसाजी कर 42 लाख से अधिक रकम का फर्जीवाड़ा किया, जबकि चारों खाता धारकों को इस संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में कुछ समय बाद बैंक द्वारा लोन चुकाने का नोटिस आता है, तब जाकर बैंक मैनेजर की ठगी का खुलासा हुआ.

शिकायत पक्ष पर ही ब्लैक मेलिंग का मुकदमा दर्ज

इस मामले में शिकायत पक्ष के दीपक शर्मा का कहना है कि साइबर पुलिस द्वारा इस मामले की जांच पूरी कर ली गई है. उसके बावजूद अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई आरोपी बैंक मैनेजर के खिलाफ नहीं की गई है, जबकि उल्टा बैंक मैनेजर ने शिकायत पक्ष पर ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया गया है.ट

इस मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि इस मामले में उनको दो शिकायतें मिली हैं. एक शिकायत अरुण शर्मा की ओर से गई है, जबकि दूसरी शिकायत बैंक मैनेजर की ओर से की गई है. इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: राजधानी देहरादून में बैंक मैनेजर पर खाता धारकों के अकाउंट से लोन के नाम 42 लाख रुपए हड़पने का मामला सामने आया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट के आदेश पर आरोपित बैंक मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच चल रही है.

शिकायत पक्ष के मुताबिक आरोपी मैनेजर के खिलाफ साइबर सेल की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक मैनेजर के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि अब उनके ऊपर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाकर मैनेजर ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया है.

बैंक मैनेजर पर फ्रॉड करने का आरोप.

बैंक लिमिट के नाम पर खातों से 42 लाख रुपए हड़पे: शिकायत पक्ष

ठगी के शिकार अरुण शर्मा ने बताया कि देहरादून के दिलाराम बाजार कॉरपोरेशन बैंक में उनके परिवार के 4 सदस्यों का अलग-अलग करंट अकाउंट खोला गया था. कुछ समय बाद बैंक मैनेजर प्रदीप डंगवाल द्वारा उनसे जान पहचान बढ़ाई गई. परिवार के चारों सदस्यों का सीमेंट और स्टोन संबंधित व्यापार है.

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ऐसे में बैंक मैनेजर प्रदीप डंगवाल द्वारा खाताधारकों की लोन लेने के लिमिट बनाई गई. कुछ समय बाद पता चला कि बैंक मैनेजर ने खाताधारकों के बैंक लिमिट के नाम पर लोन लेने का जालसाजी कर 42 लाख से अधिक रकम का फर्जीवाड़ा किया, जबकि चारों खाता धारकों को इस संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में कुछ समय बाद बैंक द्वारा लोन चुकाने का नोटिस आता है, तब जाकर बैंक मैनेजर की ठगी का खुलासा हुआ.

शिकायत पक्ष पर ही ब्लैक मेलिंग का मुकदमा दर्ज

इस मामले में शिकायत पक्ष के दीपक शर्मा का कहना है कि साइबर पुलिस द्वारा इस मामले की जांच पूरी कर ली गई है. उसके बावजूद अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई आरोपी बैंक मैनेजर के खिलाफ नहीं की गई है, जबकि उल्टा बैंक मैनेजर ने शिकायत पक्ष पर ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया गया है.ट

इस मामले में देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि इस मामले में उनको दो शिकायतें मिली हैं. एक शिकायत अरुण शर्मा की ओर से गई है, जबकि दूसरी शिकायत बैंक मैनेजर की ओर से की गई है. इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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