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केंद्र सरकार ने अगरबत्ती के आयात पर लगाया प्रतिबंध, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

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Published : Sep 1, 2019, 2:04 PM IST

केंद्र सरकार ने अगरबत्ती और संबंधित अन्य उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी है. इस फैसले से रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है.

अगरबत्ती

देहरादून: देश में अगरबत्ती और संबंधित अन्य उत्पादों के आयात पर भारत सरकार ने रोक लगा दी है. जिसकी प्रमुख वजह चीन और वियतनाम जैसे देशों से बहुत अधिक आयात बढ़ना बताया जा रहा है. हालांकि अब देश में अगरबत्ती और इससे संबंधित उत्पादों को आयात करने के लिए आयातकों को भारत सरकार से लाइसेंस लेना होगा. अगर बजट सत्र 2018-19 की बात करें तो इस सत्र में करीब 600 करोड़ रुपये का अगरबत्ती और इससे संबंधित उत्पाद आयात किये गए हैं.

अगरबत्ती के आयात पर प्रतिबंध.

हालांकि, भारत देश में अगरबत्ती का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि देश मे हर धर्म के लोग पूजा पाठ में अगरबत्ती का इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि हर साल देश में सैकड़ों करोड़ रुपये की अगरबत्ती जला दी जाती है.

यही नहीं अगरबत्ती का इस्तेमाल कमरों आदि में सुगंध फैलाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अगर भारत सरकार, विदेशों से अगरबत्ती के आयात पर पूर्ण तरीके से रोक लगती है तो कहीं न कहीं देश में थोड़ा रोजगार तो जरूर बढ़ेगा इसके साथ ही हर साल करीब 600 करोड़ रुपये देश से बाहर नहीं जायेगा.

यह भी पढ़ेंः वन मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका, स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने कंडी मार्ग प्रस्ताव ठुकराया

वहीं, देहरादून के अगरबत्ती व्यापारी राजीव जैन ने बताया कि धूप अगरबत्ती की अच्छी सेल है और उत्तराखंड में करीब 200 से 250 करोड़ रुपए का व्यापार, हर साल अगरबत्तियों का होता है. साथ ही बताया कि भारत सरकार ने अगरबत्तियों के आयात पर रोक लगा दी है.

ऐसे में देश के भीतर रोजगार बढ़ेगा और जो करोड़ों रुपए विदेशों में जा रहे थे वह देश में ही रहेंगे. हालांकि उत्तराखंड में करीब 5-10 फीसदी आयात अगरबत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन साउथ रीजन की तरफ ज्यादा अगरबत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है.

देहरादून: देश में अगरबत्ती और संबंधित अन्य उत्पादों के आयात पर भारत सरकार ने रोक लगा दी है. जिसकी प्रमुख वजह चीन और वियतनाम जैसे देशों से बहुत अधिक आयात बढ़ना बताया जा रहा है. हालांकि अब देश में अगरबत्ती और इससे संबंधित उत्पादों को आयात करने के लिए आयातकों को भारत सरकार से लाइसेंस लेना होगा. अगर बजट सत्र 2018-19 की बात करें तो इस सत्र में करीब 600 करोड़ रुपये का अगरबत्ती और इससे संबंधित उत्पाद आयात किये गए हैं.

अगरबत्ती के आयात पर प्रतिबंध.

हालांकि, भारत देश में अगरबत्ती का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि देश मे हर धर्म के लोग पूजा पाठ में अगरबत्ती का इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि हर साल देश में सैकड़ों करोड़ रुपये की अगरबत्ती जला दी जाती है.

यही नहीं अगरबत्ती का इस्तेमाल कमरों आदि में सुगंध फैलाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अगर भारत सरकार, विदेशों से अगरबत्ती के आयात पर पूर्ण तरीके से रोक लगती है तो कहीं न कहीं देश में थोड़ा रोजगार तो जरूर बढ़ेगा इसके साथ ही हर साल करीब 600 करोड़ रुपये देश से बाहर नहीं जायेगा.

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वहीं, देहरादून के अगरबत्ती व्यापारी राजीव जैन ने बताया कि धूप अगरबत्ती की अच्छी सेल है और उत्तराखंड में करीब 200 से 250 करोड़ रुपए का व्यापार, हर साल अगरबत्तियों का होता है. साथ ही बताया कि भारत सरकार ने अगरबत्तियों के आयात पर रोक लगा दी है.

ऐसे में देश के भीतर रोजगार बढ़ेगा और जो करोड़ों रुपए विदेशों में जा रहे थे वह देश में ही रहेंगे. हालांकि उत्तराखंड में करीब 5-10 फीसदी आयात अगरबत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन साउथ रीजन की तरफ ज्यादा अगरबत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है.

Intro:देश में अगरबत्ती और संबंधित अन्य उत्पादों के आयात पर शनिवार को भारत सरकार ने रोक लगा दी। जिसकी प्रमुख वजह चीन और वियतनाम जैसे देशों से बहुत अधिक आयात बढ़ना बताया जा रहा है। हालांकि अब देश मे अगरबत्ती और इससे संबंधित उत्पादों को आयात करने के लिए आयातकों को भारत सरकार से लाइसेन्स लेना होगा। हालांकि अगर बजट सत्र 2018-19 की बात करे तो इस सत्र में करीब 600 करोड़ रुपये का अगरबत्ती और इससे संबंधित उत्पाद आयात किये गए है। 


Body:हालांकि भारत देश मे अगरबत्ती का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि भारत देश मे हर धर्म के लोग पूजा पाठ में अगरबत्ती का इस्तेमाल करते है। यही वजह है कि हर साल देश मे सैकड़ो करोड़ रुपये की अगरबत्ती जला दी जाती है। यही नही बल्कि अगरबत्ती का इस्तेमाल कमरों आदि में सुगंध फैलाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर भारत सरकार, विदेशो से अगरबत्ती के आयात पर पूर्ण तरीके से रोक लगती है तो कही न कही देश मे थोड़ा रोजगार तो जरूर बढ़ेगा, इसके साथ ही हर साल करीब 600 करोड़ रुपये देश से बाहर नही जायेगा। 

वही देहरादून के अगरबत्ती व्यापारी राजीव जैन ने बताया कि धूप अगरबत्ती की अच्छी सेल है। और उत्तराखंड में करीब 200 से 250 करोड़ रुपए का व्यापार, हर साल अगरबत्तियों का होता है। साथ ही बताया कि भारत सरकार ने अगरबत्तीयों के आयात पर रोक लगा दी है ऐसे में देश के भीतर रोजगार बढ़ेगा और जो करोड़ों रुपए विदेशों में जा रहे थे वह देश में ही रहेंगे। हालांकि उत्तराखंड में करीब 5-10 फीसदी आयात अगरबत्तीयो का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन साउथ रीजन की तरफ ज्यादा अगरबत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। 


बाइट - राजीव जैन, अगरबत्ती व्यापारी, देहरादून




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