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कोरोनिल पर छलका बालकृष्ण का दर्द, कहा- अपने लोग उठा रहे सवाल, विदेशी अपनाने को तैयार - foreigners are ready to adopt coronil medicine

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोनिल दवा पर देश के लोग सवाल उठा रहे हैं, वहीं विदेशी इस दवा को अपनाने के लिए फोन कर रहे हैं.

coronil patanjali medicine
कोरोनिल पर छलका बालकृष्ण का दर्द
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Published : Jun 27, 2020, 9:33 PM IST

देहरादून: पतंजलि की कोरोनिल दवा पर लॉन्चिंग के कुछ घंटों बाद ही पेंच फंस गया. आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से कोरोनिल दवा की जानकारियां मांगी हैं. पूरे मामले में बोलते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि कोरोनिल दवा को लेकर पूरी दुनिया से पतंजलि के पास फोन आ रहे हैं. इसके साथ ही कई देश इस आयुर्वेदिक दवाई का क्लीनिकल ट्रायल खुद करने की बात कह रहे हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है.

दर्द बयां करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि अपने ही देश के कुछ लोगों को पतंजलि की यह उपलब्धि हजम नहीं हो पाई. आलोचकों पर निशाना साधते हुए बालकृष्ण ने कहा कि जिनकी मानसिकता गुलामों वाली होती है, वे किसी भी चीज को सहजता से स्वीकार नहीं करते हैं. जब बाबा रामदेव ने योग शुरू किया था तब भी कुछ लोगों ने विरोध किया था. लेकिन कुछ समय बाद उन्हीं लोगों ने योग को अपनाया था.

कोरोनिल पर छलका बालकृष्ण का दर्द.

ये भी पढ़ें: 'कोरोनिल' पर पहली बार बोले बालकृष्ण, आयुष विभाग से ज्यादा पतंजलि ने किए रिसर्च

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जिसे आयुर्वेद की ताकत के बारे में नहीं पता है, उसे भविष्य में उसकी अहमियत पता चल जाएगी. क्योंकि आने वाले समय में तमाम लोग योग की तरह आयुर्वेद के लिए भी काम करेंगे. उस दिन हमें खुशी और गर्व दोनों महसूस होगा. बालकृष्ण के मुताबिक कोरोनिल दवा अभी बाजार में नहीं आएगी. क्योंकि दवा की कागजी कार्रवाई अभी पूरी नहीं हुई है. ऐसे में लोगों को थोड़ समय इंतजार करना पड़ेगा.

देहरादून: पतंजलि की कोरोनिल दवा पर लॉन्चिंग के कुछ घंटों बाद ही पेंच फंस गया. आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से कोरोनिल दवा की जानकारियां मांगी हैं. पूरे मामले में बोलते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि कोरोनिल दवा को लेकर पूरी दुनिया से पतंजलि के पास फोन आ रहे हैं. इसके साथ ही कई देश इस आयुर्वेदिक दवाई का क्लीनिकल ट्रायल खुद करने की बात कह रहे हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है.

दर्द बयां करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि अपने ही देश के कुछ लोगों को पतंजलि की यह उपलब्धि हजम नहीं हो पाई. आलोचकों पर निशाना साधते हुए बालकृष्ण ने कहा कि जिनकी मानसिकता गुलामों वाली होती है, वे किसी भी चीज को सहजता से स्वीकार नहीं करते हैं. जब बाबा रामदेव ने योग शुरू किया था तब भी कुछ लोगों ने विरोध किया था. लेकिन कुछ समय बाद उन्हीं लोगों ने योग को अपनाया था.

कोरोनिल पर छलका बालकृष्ण का दर्द.

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आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि जिसे आयुर्वेद की ताकत के बारे में नहीं पता है, उसे भविष्य में उसकी अहमियत पता चल जाएगी. क्योंकि आने वाले समय में तमाम लोग योग की तरह आयुर्वेद के लिए भी काम करेंगे. उस दिन हमें खुशी और गर्व दोनों महसूस होगा. बालकृष्ण के मुताबिक कोरोनिल दवा अभी बाजार में नहीं आएगी. क्योंकि दवा की कागजी कार्रवाई अभी पूरी नहीं हुई है. ऐसे में लोगों को थोड़ समय इंतजार करना पड़ेगा.

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