ETV Bharat / state

तीर्थनगरी में बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बन रहे बैरागी - injured old man

क्षेत्र में कई बाबा-साधु नंगे पांव चलने के कारण घायल हो जाते हैं. इस दौरान उनके पांव में घाव और कीड़े पड़ जाते हैं. ऐसे में उनके लिए बैरागी खुद आगे आकर फर्स्ट ऐड करने में जुट जाते हैं.

etv bharat
बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बन रहे बैरागी
author img

By

Published : Jul 19, 2020, 5:04 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश में कई ऐसे लोग हैं. जो निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने में जुटे हुए हैं. इन्हीं में से एक हैं सुभाष चंद्र बैरागी. त्रिवेणी घाट पर भिक्षुओं और बेसहारा बुजुर्गों का का मुफ्त में उपचार कर उनको दवाइयां उपलब्ध कराने में जुटे रहते हैं. ऐसे में त्रिवेणी घाट पर रहने वाले लोग इन्हीं के सहारे हैं.

बुजुर्गों का सहारा बन रहे बैरागी.

सुभाष चंद्र बैरागी निस्वार्थ भाव से बुजुर्गों (बाबा) की सेवा कर रहे हैं. क्षेत्र में कई बुजुर्ग (बाबा) नंगे पांव चलने के कारण घायल हो जाते हैं. इस दौरान उनके पांव में घाव और कीड़े पड़ जाते हैं. ऐसे में उनके लिए बैरागी खुद आगे आकर फर्स्ट ऐड करने में जुट जाते हैं. अगर डॉक्टर की जरूरत महसूस होती है तो वह खुद के पैसों से उसका उपचार भी करवाते हैं. ऐसे ही एक बाबा के शरीर में कीड़े पड़ गए थे. जिनका उपचार इन्होंने खुद किया. सुभाष चंद बैरागी निस्वार्थ भाव से सेवा मानव धर्म का सबसे बड़ा उदाहरण हैं.

ये भी पढ़ें: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर लैंडस्लाइड, आवागमन बंद, देखें वीडियो

वहीं, निस्वार्थ सेवा करने वाले बैरागी जैसे लोगों की जितनी तारीफ की जाए कम है. इंसान इंसान के काम आता है .लोगों को बैरागी जैसे इंसान से प्रेरणा लेनी चाहिए. यही लोग हैं जो मानवता को आज भी जिंदा रखे हुए हैं.

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश में कई ऐसे लोग हैं. जो निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने में जुटे हुए हैं. इन्हीं में से एक हैं सुभाष चंद्र बैरागी. त्रिवेणी घाट पर भिक्षुओं और बेसहारा बुजुर्गों का का मुफ्त में उपचार कर उनको दवाइयां उपलब्ध कराने में जुटे रहते हैं. ऐसे में त्रिवेणी घाट पर रहने वाले लोग इन्हीं के सहारे हैं.

बुजुर्गों का सहारा बन रहे बैरागी.

सुभाष चंद्र बैरागी निस्वार्थ भाव से बुजुर्गों (बाबा) की सेवा कर रहे हैं. क्षेत्र में कई बुजुर्ग (बाबा) नंगे पांव चलने के कारण घायल हो जाते हैं. इस दौरान उनके पांव में घाव और कीड़े पड़ जाते हैं. ऐसे में उनके लिए बैरागी खुद आगे आकर फर्स्ट ऐड करने में जुट जाते हैं. अगर डॉक्टर की जरूरत महसूस होती है तो वह खुद के पैसों से उसका उपचार भी करवाते हैं. ऐसे ही एक बाबा के शरीर में कीड़े पड़ गए थे. जिनका उपचार इन्होंने खुद किया. सुभाष चंद बैरागी निस्वार्थ भाव से सेवा मानव धर्म का सबसे बड़ा उदाहरण हैं.

ये भी पढ़ें: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर लैंडस्लाइड, आवागमन बंद, देखें वीडियो

वहीं, निस्वार्थ सेवा करने वाले बैरागी जैसे लोगों की जितनी तारीफ की जाए कम है. इंसान इंसान के काम आता है .लोगों को बैरागी जैसे इंसान से प्रेरणा लेनी चाहिए. यही लोग हैं जो मानवता को आज भी जिंदा रखे हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.