देहरादूनः रजिस्ट्रार ऑफिस के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर धोखाधड़ी से करोड़ों रुपए की जमीनों की खरीद फरोख्त करने के मामले में गिरफ्तार देहरादून के नामी वकील कमल विरमानी की जमानत याचिका पर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सुनवाई हुई. जिला जज प्रदीप पंत की कोर्ट ने दो घंटे दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी कमल विरमानी की जमानत याचिका खारिज कर दी. कमल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत लूथरा ने पैरवी की. कमल विरमानी की जमानत निचली अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है.
गौरतलब है कि 15 जुलाई को रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में देहरादून नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था. एसआईटी ने इसकी जांच शुरू की तो शुरुआत से ही कुछ अधिवक्ता पुलिस के रडार पर आ गए. पुलिस ने सबसे पहले अधिवक्ता इमरान को 22 अगस्त को गिरफ्तार किया. पुलिस की कार्रवाई में देहरादून बार एसोसिएशन के नामी वकील कमल विरमानी का नाम सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने 27 अगस्त को उन्हें गिरफ्तार किया. तब से आरोपी विरमानी जेल में बंद हैं. विरमानी ने निचली अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के कारण जिला जज कोर्ट में याचिका दायर की है.
ये भी पढ़ेंः रजिस्ट्रार ऑफिस के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ पर बार एसोसिएशन ने की बड़े आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग, जांच पर उठाए सवाल
कोर्ट में सुनवाई के दौरान विरमानी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को मुंशी और एक अन्य आरोपी के बयानों के आधार पर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसके अलावा अन्य कोई ठोस साक्ष्य पुलिस के पास नहीं है. इस पर अभियोजन की तरफ से अधिवक्ता गुरु प्रसाद का तर्क था कि विरमानी की निगरानी में ही सारा काम हुआ है. रजिस्ट्री विरमानी के चेंबर में तैयार की गई. इस बात के पुख्ता साक्ष्य पुलिस के पास हैं. इस मामले में अब तक सात लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.