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गौरवशाली पल... फुल ड्रेस रिहर्सल परेड में देखें बदरीनाथ, डोबरा चांठी और हेमकुंड साहिब की झलक

गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में इस बार मोक्षधाम भगवान बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब के साथ ही ऐतिहासिक डोबरा-चांठी पुल झांकी में नजर आएंगे. इस बार 12 राज्यों में से देवभूमि की झांकी का चयन हुआ है, जो प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है.

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उत्तराखंड की झांकी
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Published : Jan 24, 2022, 5:28 PM IST

देहरादून: गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत भी नजर आएगी. देवभूमि की झांकी को परेड में शामिल किया जा रहा है. मोक्षधाम भगवान बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब के साथ ही ऐतिहासिक डोबरा-चांठी पुल झांकी में नजर आएंगे.

वहीं, गणतंत्र दिवस से पहले रविवार को राजपथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया. इस वर्ष उत्तराखंड की झांकी 'प्रगति की तरफ बढ़ा उत्तराखंड' थीम पर आधारित है. यह कनेक्टिविटी और धार्मिक स्थलों के क्षेत्र में प्रगतिशील विकास और परियोजनाओं से प्रेरित है. झांकी के आगे के हिस्से में डोबरा-चांठी ब्रिज को दिखाया गया है.

  • 73वें गणतंत्र दिवस समारोह से पहले राजपथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल के अवसर पर हमारी देवभूमि उत्तराखंड की झांकी।

    जय उत्तराखंड!🚩 pic.twitter.com/BiVcqta6iK

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) January 23, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें-कैंपन लॉन्च पर कांग्रेस का तंज, 'BJP ने 5 साल में दिए 3 अद्भूत नमूने, प्रदेश को बनाया प्रयोगशाला'

झांकी के मध्य में टिहरी बांध और अंतिम भाग में बदरीनाथ मंदिर को दिखाया गया है. झांकी के किनारे वाले हिस्से में 12 हजार करोड़ की चारधाम ऑल वेदर रोड को दिखाया गया है. साल 2021 में उत्तराखंड की झांकी केदारखंड के मॉडल पर आधारित थी, जोकि राजपथ पर निकली झांकियों में देश में तीसरे स्थान पर रही थी. तब उत्तराखंड को पहली बार झांकी को लेकर पुरस्कार मिला था.

पढ़ें-हरीश रावत लाचार! रामनगर सीट के लिए लगा रहे 'गुहार', कार्यकर्ताओं ने कहा NO

इस बार 12 राज्यों में से देवभूमि की झांकी का चयन हुआ है, जो प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है. आस्था का प्रतीक बदरीनाथ मंदिर, हेमकुंड साहिब, टिहरी डैम और ऐतिहासिक डोबरा-चांठी पुल उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा के साथ ही विकास को भी बयां करते हैं. झांकी के माध्यम से देशवासी उत्तराखंड की भव्यता और दिव्यता से भी रूबरू हो सकेंगे.

बदरीनाथ धाम: उत्‍तराखंड के चमोली जनपद में बदरीनाथ धाम स्थित है. यह देश के चारधामों में से एक है. यह मं‍दिर अलकनंदा नदी के तट पर है. यहां नर-नारायण विग्रह की पूजा अर्चना होती है. कहते हैं छह माह देव और छह माह मनुष्‍य भगवान विष्‍णु की पूजा करते हैं.

हेमकुंड साहिब: हेमकुंड साहिब चमोली जनपद में समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह सिखों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा रोमांच से भरी होती है. इसके आसपास कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं.

टिहरी डैम: टिहरी डैम उत्‍तराखंड के टिहरी जिले में स्थित है. टिहरी झील करीब 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है. बता दें कि टिहरी बांध में वर्ष 2006 में बिजली उत्पादन शुरू हुआ था, जो निरंतर जारी है.

डोबरा चांठी पुल: टिहरी झील पर देश के सबसे लंबे डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज झूला पुल बना है. इसका निर्माण वर्ष 2006 में शुरू हुआ था. इस पुल का नया डिजाइन दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन ने तैयार किया था. यह पुल 16 टन भार के वाहन गुजरने की क्षमता के लिए तैयार किया गया है. इस पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है. साथ ही इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है.

राजपथ पर कब-कब नजर आई उत्तराखंड की झांकी: राज्य गठन के बाद से अब तक 12 बार वर्ष 2003 में फूलदेई, 2005 में नंदा राजजात यात्रा, 2006 में फूलों की घाटी, 2007 में कार्बेट नेशनल पार्क, 2009 में साहसिक पर्यटन, 2010 में कुंभ मेला, 2014 में जड़ी बूटी, 2015 में केदारनाथ धाम पुनर्निमाण, 2018 में ग्रामीण पर्यटन, 2019 में अनासक्ति आश्रम कौसानी, 2021 में केदारनाथ धाम की झांकी नजर आई.

देहरादून: गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत भी नजर आएगी. देवभूमि की झांकी को परेड में शामिल किया जा रहा है. मोक्षधाम भगवान बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब के साथ ही ऐतिहासिक डोबरा-चांठी पुल झांकी में नजर आएंगे.

वहीं, गणतंत्र दिवस से पहले रविवार को राजपथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया. इस वर्ष उत्तराखंड की झांकी 'प्रगति की तरफ बढ़ा उत्तराखंड' थीम पर आधारित है. यह कनेक्टिविटी और धार्मिक स्थलों के क्षेत्र में प्रगतिशील विकास और परियोजनाओं से प्रेरित है. झांकी के आगे के हिस्से में डोबरा-चांठी ब्रिज को दिखाया गया है.

  • 73वें गणतंत्र दिवस समारोह से पहले राजपथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल के अवसर पर हमारी देवभूमि उत्तराखंड की झांकी।

    जय उत्तराखंड!🚩 pic.twitter.com/BiVcqta6iK

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) January 23, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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झांकी के मध्य में टिहरी बांध और अंतिम भाग में बदरीनाथ मंदिर को दिखाया गया है. झांकी के किनारे वाले हिस्से में 12 हजार करोड़ की चारधाम ऑल वेदर रोड को दिखाया गया है. साल 2021 में उत्तराखंड की झांकी केदारखंड के मॉडल पर आधारित थी, जोकि राजपथ पर निकली झांकियों में देश में तीसरे स्थान पर रही थी. तब उत्तराखंड को पहली बार झांकी को लेकर पुरस्कार मिला था.

पढ़ें-हरीश रावत लाचार! रामनगर सीट के लिए लगा रहे 'गुहार', कार्यकर्ताओं ने कहा NO

इस बार 12 राज्यों में से देवभूमि की झांकी का चयन हुआ है, जो प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है. आस्था का प्रतीक बदरीनाथ मंदिर, हेमकुंड साहिब, टिहरी डैम और ऐतिहासिक डोबरा-चांठी पुल उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा के साथ ही विकास को भी बयां करते हैं. झांकी के माध्यम से देशवासी उत्तराखंड की भव्यता और दिव्यता से भी रूबरू हो सकेंगे.

बदरीनाथ धाम: उत्‍तराखंड के चमोली जनपद में बदरीनाथ धाम स्थित है. यह देश के चारधामों में से एक है. यह मं‍दिर अलकनंदा नदी के तट पर है. यहां नर-नारायण विग्रह की पूजा अर्चना होती है. कहते हैं छह माह देव और छह माह मनुष्‍य भगवान विष्‍णु की पूजा करते हैं.

हेमकुंड साहिब: हेमकुंड साहिब चमोली जनपद में समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह सिखों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा रोमांच से भरी होती है. इसके आसपास कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं.

टिहरी डैम: टिहरी डैम उत्‍तराखंड के टिहरी जिले में स्थित है. टिहरी झील करीब 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है. बता दें कि टिहरी बांध में वर्ष 2006 में बिजली उत्पादन शुरू हुआ था, जो निरंतर जारी है.

डोबरा चांठी पुल: टिहरी झील पर देश के सबसे लंबे डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज झूला पुल बना है. इसका निर्माण वर्ष 2006 में शुरू हुआ था. इस पुल का नया डिजाइन दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन ने तैयार किया था. यह पुल 16 टन भार के वाहन गुजरने की क्षमता के लिए तैयार किया गया है. इस पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है. साथ ही इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है.

राजपथ पर कब-कब नजर आई उत्तराखंड की झांकी: राज्य गठन के बाद से अब तक 12 बार वर्ष 2003 में फूलदेई, 2005 में नंदा राजजात यात्रा, 2006 में फूलों की घाटी, 2007 में कार्बेट नेशनल पार्क, 2009 में साहसिक पर्यटन, 2010 में कुंभ मेला, 2014 में जड़ी बूटी, 2015 में केदारनाथ धाम पुनर्निमाण, 2018 में ग्रामीण पर्यटन, 2019 में अनासक्ति आश्रम कौसानी, 2021 में केदारनाथ धाम की झांकी नजर आई.

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