देहरादूनः भगवान बदरीनाथ की आरती को लेकर चल रहा सस्पेंस आखिर खत्म हो गया है. आरती की पांडुलिपि को लेकर बीते लंबे समय से बहस चल रही थी. इसी कड़ी में बदरी-केदार मंदिर समिति ने बोर्ड बैठक के दौरान धन सिंह बर्त्वाल के नाम पर मुहर लगाई है. साथ ही पांडुलिपि के आधार पर बोर्ड के सदस्यों ने आरती के लेखक धन सिंह को ही माना है.
बदरीनाथ में 'पवन मंद सुगंध शीतल' आरती के लेखक को लेकर लंबे समय से चला आ रहा सस्पेंस मंदिर समिति ने खत्म कर दिया है. दरअसल, बदरीनाथ की आरती को बदरुद्दीन द्वारा लिखे जाने की मान्यता रही है, लेकिन बीते दिनों एक पांडुलिपि मिलने के बाद बदरीनाथ की आरती के लेखक के रूप में बहस तेज हो गई थी. माना जा रहा है कि बदरीनाथ की आरती धन सिंह बर्त्वाल के द्वारा ही लिखी गई है. पांडुलिपि की कार्बन डेटिंग के दौरान वैज्ञानिक आधार पर पांडुलिपि लिखे जाने का समय 1860 के आसपास पाया गया है.
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हालांकि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले ही बदरीनाथ की आरती धन सिंह बर्त्वाल ने लिखने की बात मानी थी. इसे लेकर उनका एक बयान भी आ चुका है, लेकिन अब बदरी-केदार मंदिर समिति की बोर्ड की बैठक में भी पांडुलिपि को सत्य मानते हुए धन सिंह को ही बदरीनाथ की आरती का लेखक माना है.
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन थपलियाल ने मामले पर पुष्टि करते हुए ईटीवी भारत को फोन पर जानकारी दी. उन्होंने कहा की बोर्ड बैठक में सर्व सम्मति से धन सिंह के नाम पर मुहर लगाई गई है और जल्दी उनके पोते को सम्मानित भी किया जाएगा.
वहीं, बदरीनाथ की आरती को वैज्ञानिक आधार पर धन सिंह के नाम से जोड़ने की बात कही जा रही है, लेकिन पहले सरकार और अब मंदिर समिति के द्वारा भी इस बात पर मुहर लगाने के बाद विवाद गहरा सकता है. इससे पहले भी बदरुद्दीन के पोते अयाजुद्दीन लगातार सरकार पर गलत तथ्य रखने का आरोप लगाते रहे हैं.