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बदरीनाथ की आरती पर सस्पेंस खत्म, मंदिर समिति ने धन सिंह बर्त्वाल को माना लेखक

बदरी-केदार मंदिर समिति की बोर्ड की बैठक में पांडुलिपि को सत्य मानते हुए धन सिंह बर्त्वाल को ही बदरीनाथ की आरती का लेखक माना है.

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Published : Jul 13, 2019, 7:50 AM IST

badrinath temple aarti

देहरादूनः भगवान बदरीनाथ की आरती को लेकर चल रहा सस्पेंस आखिर खत्म हो गया है. आरती की पांडुलिपि को लेकर बीते लंबे समय से बहस चल रही थी. इसी कड़ी में बदरी-केदार मंदिर समिति ने बोर्ड बैठक के दौरान धन सिंह बर्त्वाल के नाम पर मुहर लगाई है. साथ ही पांडुलिपि के आधार पर बोर्ड के सदस्यों ने आरती के लेखक धन सिंह को ही माना है.

बदरीनाथ में 'पवन मंद सुगंध शीतल' आरती के लेखक को लेकर लंबे समय से चला आ रहा सस्पेंस मंदिर समिति ने खत्म कर दिया है. दरअसल, बदरीनाथ की आरती को बदरुद्दीन द्वारा लिखे जाने की मान्यता रही है, लेकिन बीते दिनों एक पांडुलिपि मिलने के बाद बदरीनाथ की आरती के लेखक के रूप में बहस तेज हो गई थी. माना जा रहा है कि बदरीनाथ की आरती धन सिंह बर्त्वाल के द्वारा ही लिखी गई है. पांडुलिपि की कार्बन डेटिंग के दौरान वैज्ञानिक आधार पर पांडुलिपि लिखे जाने का समय 1860 के आसपास पाया गया है.

ये भी पढ़ेंः उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के बयान पर छात्रों में रोष, कहा- कॉलेज में आकर सुने समस्याएं

हालांकि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले ही बदरीनाथ की आरती धन सिंह बर्त्वाल ने लिखने की बात मानी थी. इसे लेकर उनका एक बयान भी आ चुका है, लेकिन अब बदरी-केदार मंदिर समिति की बोर्ड की बैठक में भी पांडुलिपि को सत्य मानते हुए धन सिंह को ही बदरीनाथ की आरती का लेखक माना है.

बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन थपलियाल ने मामले पर पुष्टि करते हुए ईटीवी भारत को फोन पर जानकारी दी. उन्होंने कहा की बोर्ड बैठक में सर्व सम्मति से धन सिंह के नाम पर मुहर लगाई गई है और जल्दी उनके पोते को सम्मानित भी किया जाएगा.

वहीं, बदरीनाथ की आरती को वैज्ञानिक आधार पर धन सिंह के नाम से जोड़ने की बात कही जा रही है, लेकिन पहले सरकार और अब मंदिर समिति के द्वारा भी इस बात पर मुहर लगाने के बाद विवाद गहरा सकता है. इससे पहले भी बदरुद्दीन के पोते अयाजुद्दीन लगातार सरकार पर गलत तथ्य रखने का आरोप लगाते रहे हैं.

देहरादूनः भगवान बदरीनाथ की आरती को लेकर चल रहा सस्पेंस आखिर खत्म हो गया है. आरती की पांडुलिपि को लेकर बीते लंबे समय से बहस चल रही थी. इसी कड़ी में बदरी-केदार मंदिर समिति ने बोर्ड बैठक के दौरान धन सिंह बर्त्वाल के नाम पर मुहर लगाई है. साथ ही पांडुलिपि के आधार पर बोर्ड के सदस्यों ने आरती के लेखक धन सिंह को ही माना है.

बदरीनाथ में 'पवन मंद सुगंध शीतल' आरती के लेखक को लेकर लंबे समय से चला आ रहा सस्पेंस मंदिर समिति ने खत्म कर दिया है. दरअसल, बदरीनाथ की आरती को बदरुद्दीन द्वारा लिखे जाने की मान्यता रही है, लेकिन बीते दिनों एक पांडुलिपि मिलने के बाद बदरीनाथ की आरती के लेखक के रूप में बहस तेज हो गई थी. माना जा रहा है कि बदरीनाथ की आरती धन सिंह बर्त्वाल के द्वारा ही लिखी गई है. पांडुलिपि की कार्बन डेटिंग के दौरान वैज्ञानिक आधार पर पांडुलिपि लिखे जाने का समय 1860 के आसपास पाया गया है.

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हालांकि, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले ही बदरीनाथ की आरती धन सिंह बर्त्वाल ने लिखने की बात मानी थी. इसे लेकर उनका एक बयान भी आ चुका है, लेकिन अब बदरी-केदार मंदिर समिति की बोर्ड की बैठक में भी पांडुलिपि को सत्य मानते हुए धन सिंह को ही बदरीनाथ की आरती का लेखक माना है.

बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन थपलियाल ने मामले पर पुष्टि करते हुए ईटीवी भारत को फोन पर जानकारी दी. उन्होंने कहा की बोर्ड बैठक में सर्व सम्मति से धन सिंह के नाम पर मुहर लगाई गई है और जल्दी उनके पोते को सम्मानित भी किया जाएगा.

वहीं, बदरीनाथ की आरती को वैज्ञानिक आधार पर धन सिंह के नाम से जोड़ने की बात कही जा रही है, लेकिन पहले सरकार और अब मंदिर समिति के द्वारा भी इस बात पर मुहर लगाने के बाद विवाद गहरा सकता है. इससे पहले भी बदरुद्दीन के पोते अयाजुद्दीन लगातार सरकार पर गलत तथ्य रखने का आरोप लगाते रहे हैं.

Intro:summary- बदरीनाथ की आरती को लेकर सस्पेंस खत्म करते हुए मंदिर समिति ने भी धन सिंह बर्थवाल को ही आरती का लेखक माना है... समिति की बैठक में सर्व सम्मति से आरती के लेखक के रूप में बर्थवाल के नाम पर सहमति दी।


भगवान बद्रीनाथ की आरती को लेकर मंदिर समिति ने भी बोर्ड बैठक के दौरान बर्थवाल के नाम पर सहमति दी.. पांडुलिपि के आधार पर बोर्ड के सदस्यों ने माना कि आरती के लेखक धन सिंह बर्थवाल ही है।


Body:बद्रीनाथ में "पवन मंद सुगंध शीतल" आरती के लेखक को लेकर लंबे समय से चला आ रहा सस्पेंस मंदिर समिति ने खत्म कर दिया है। दरअसल बदरीनाथ की आरती को बदरुद्दीन द्वारा लिखे जाने की मान्यता रही है लेकिन पिछले दिनों एक पांडुलिपि मिलने के बाद बदरीनाथ की आरती के लेखक के रूप में बहस तेज हो गई थी। माना गया कि बदरीनाथ की आरती धन सिंह बर्थवाल द्वारा ही लिखी गई क्योंकि पांडुलिपि की कार्बन डेटिंग के दौरान पांडुलिपि लिखे जाने का समय 1860 के आसपास वैज्ञानिक आधार पर पाया गया। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले ही बद्रीनाथ की आरती धन सिंह द्वारा लिखे जाने की बात मान ली गई थी और इसको लेकर उनका सीधे तौर पर बयान भी आ चुका है लेकिन अब बद्री केदार मंदिर समिति की बोर्ड की बैठक में भी पांडुलिपि को सत्य मानते हुए धन सिंह को ही बद्रीनाथ की आरती का लेखक मान लिया गया है। बोर्ड बैठक के दौरान न केवल धन सिंह के नाम पर लेखक के रूप में मोहर लगाई गई बल्कि पांडुलिपि के संरक्षण के लिए उनके पोते को जल्द ही सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया।

बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन थपलियाल ने भी इस बात की पुष्टि ईटीवी भारत से फोन पर की और कहा की बोर्ड बैठक में सर्व सम्मति से धन सिंह के नाम पर मोहर लगाई गई है और जल्दी उनके पोते को सम्मानित भी किया जाएगा।


Conclusion:बदरीनाथ की आरती को वैज्ञानिक आधार पर धन सिंह के नाम से जोड़ने की बात कही जा रही है लेकिन पहले सरकार और अब मंदिर समिति द्वारा भी इस बात पर मोहर लगाने के बाद विवाद गहरा सकता है क्योंकि बदरुद्दीन के पोते अयाजुद्दीन लगातार सरकार पर गलत तथ्य रखने का आरोप लगाते रहे हैं।
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