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विडंबनाः ऊपर मंडरा रही 'मौत', नीचे आखर ज्ञान ले रहे नौनिहाल

पौड़ी जिले के यमकेश्वर के दिउली राजकीय इंटर कॉलेज का भवन जर्जर हालात में है. बरसात के दौरान छात्र छाते लेकर पढ़ने को मजबूर हैं. साथ ही भवन के जर्जर हालात के चलते छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं.

जर्जर हालात में यमकेश्वर के दिउली राजकीय इंटर कॉलेज का भवन.
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Published : Jul 24, 2019, 12:49 AM IST

ऋषिकेशः सूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि प्रदेश के ज्यादातर सरकारी स्कूल छात्र विहीन हो चुके हैं. जहां पर छात्र संख्या ठीक भी है, तो वहां पर शिक्षक नहीं है. कहीं, बच्चे जान जोखिम में डालकर जर्जर भवनों में पढ़ने को मजबूर हैं. इसी कड़ी में पौड़ी जिले के यमकेश्वर के दिउली राजकीय इंटर कॉलेज के भवन की लकड़ी की बनी हुई छत गिरने की कगार पर है. जहां पर कोई हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.

जर्जर हालात में यमकेश्वर के दिउली राजकीय इंटर कॉलेज का भवन.

प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का अनुमान इसी से लगा सकते हैं कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गृह जनपद पौड़ी में ही बच्चे जर्जर स्कूल के भवन में पढ़ने को मजबूर है. दरअसल, यमकेश्वर ब्लॉक में छह दशक पुराना दिउली राजकीय इंटर कॉलेज बदहाल स्थिति में चल रहा है. कॉलेज के भवन की लकड़ी की छत गल चुकी है, जो किसी भी वक्त गिर सकती है.

ये भी पढ़ेंः संसद में अनिल बलूनी ने नेशनल पार्क और सेंचुरी में बसे गांवों के विस्थापन का उठाया मुद्दा

इतना ही नहीं भवन की छत का आधा हिस्सा नीचे लटक रहा है. जो किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है. ऐसे में बरसात के दौरान छात्र टपकती छत और जलभराव की स्थिति में छाते लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. उधर, मामले को लेकर स्थानीय लोग सरकार और प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है.

राजकीय इंटर कॉलेज दिउली में कक्षा 12 तक करीब 300 से अधिक छात्र पढ़ते हैं. कॉलेज में दिउली के अलावा आस पास के कई गांव के छात्र पढ़ने आते हैं. इतनी बड़ी छात्र संख्या होने के बावजूद सरकार समस्या का संज्ञान लेने को तैयार नहीं है.

स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि नए भवन निर्माण का प्रस्ताव चार साल पहले शासन को भेजा गया था, लेकिन प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. स्कूल की हालत बेहद खराब है. जल्द ही स्थिति को सुधारा नहीं गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है.

ऋषिकेशः सूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि प्रदेश के ज्यादातर सरकारी स्कूल छात्र विहीन हो चुके हैं. जहां पर छात्र संख्या ठीक भी है, तो वहां पर शिक्षक नहीं है. कहीं, बच्चे जान जोखिम में डालकर जर्जर भवनों में पढ़ने को मजबूर हैं. इसी कड़ी में पौड़ी जिले के यमकेश्वर के दिउली राजकीय इंटर कॉलेज के भवन की लकड़ी की बनी हुई छत गिरने की कगार पर है. जहां पर कोई हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.

जर्जर हालात में यमकेश्वर के दिउली राजकीय इंटर कॉलेज का भवन.

प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का अनुमान इसी से लगा सकते हैं कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गृह जनपद पौड़ी में ही बच्चे जर्जर स्कूल के भवन में पढ़ने को मजबूर है. दरअसल, यमकेश्वर ब्लॉक में छह दशक पुराना दिउली राजकीय इंटर कॉलेज बदहाल स्थिति में चल रहा है. कॉलेज के भवन की लकड़ी की छत गल चुकी है, जो किसी भी वक्त गिर सकती है.

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इतना ही नहीं भवन की छत का आधा हिस्सा नीचे लटक रहा है. जो किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है. ऐसे में बरसात के दौरान छात्र टपकती छत और जलभराव की स्थिति में छाते लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. उधर, मामले को लेकर स्थानीय लोग सरकार और प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है.

राजकीय इंटर कॉलेज दिउली में कक्षा 12 तक करीब 300 से अधिक छात्र पढ़ते हैं. कॉलेज में दिउली के अलावा आस पास के कई गांव के छात्र पढ़ने आते हैं. इतनी बड़ी छात्र संख्या होने के बावजूद सरकार समस्या का संज्ञान लेने को तैयार नहीं है.

स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि नए भवन निर्माण का प्रस्ताव चार साल पहले शासन को भेजा गया था, लेकिन प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. स्कूल की हालत बेहद खराब है. जल्द ही स्थिति को सुधारा नहीं गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है.

Intro:ऋषिकेश--केंद्रीय शिक्षा मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री के गृह जनपद पौड़ी में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। हालात यह है कि जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में छह दशक पुराने दिउली राजकीय इंटर कॉलेज के भवन की लकड़ी से बनी छत किसी भी वक्त गिर सकती है। जिससे छात्र-छात्राओं की जान जोखिम में है। देखिए यह रिपोर्ट। 


Body:वी/ओ--यमकेश्वर ब्लॉक स्थित दिउली में 60 साल पुराना राजकीय इंटर कॉलेज बदहाल स्थिति में चल रहा है। कॉलेज के भवन की लकड़ी की छत गल चुकी है। जिसके चलते छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं। भवन की छत का आधा हिस्सा नीचे लटक रहा है। जोकि किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकता है। बरसात के समय छात्र टपकती छत और जलभराव की स्थिति में छाते लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। 

बाईट-- छात्र 




वी/ओ--इस बदहाल व्यवस्था के मामले में स्थानीय लोग सरकार और प्रशासन से कई दफा शिकायत कर चुके हैं। मगर उनकी मांग पर आज तक गौर नहीं किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि हरिद्वार से सांसद और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का पौड़ी गृह जनपद है। लेकिन इसके बावजूद जिले के ब्लॉक में स्कूलों की स्थिति बदतर है।

बाईट-- क्रांति कपरुवान (सामाजसेवी )



वी/ओ--राजकीय इंटर कॉलेज दिउली में कक्षा 12 तक करीब 300 से अधिक छात्र पढ़ते हैं। कॉलेज में सिर्फ दिउली ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों के छात्र भी पढ़ने के लिए आते हैं। इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद सरकार समस्या का संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। जर्जर भवन में छात्रों की जान को खतरा बना है।

बाईट-- स्कूल के अध्यापक 



वी/ओ--स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि नए भवन निर्माण का प्रस्ताव चार वर्ष पहले बनाकर शासन को भेजा गया था। प्रस्ताव कहां अटका है, इसकी कोई जानकारी संबंधित विभाग की ओर से नहीं दी जा रही है। स्कूल की हालत बेहद खराब है। जल्द ही स्थिति को सुधारा नहीं गया, तो हादसा हो सकता है।

बाईट-- डॉ नंदकिशोर गौड़(प्रधानाचार्य)





Conclusion:वी/ओ--सूबे के मुख्यमंत्री के गृह जनपद में शिक्षा व्यवस्था का यह हाल देखकर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था कितनी बेहतर है इसका अंदाज लगाया जा सकता है,यह हालत तब है जब उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन सभी लोगों का गृहजनपद पौड़ी गढ़वाल है।
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