ऋषिकेशः सूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि प्रदेश के ज्यादातर सरकारी स्कूल छात्र विहीन हो चुके हैं. जहां पर छात्र संख्या ठीक भी है, तो वहां पर शिक्षक नहीं है. कहीं, बच्चे जान जोखिम में डालकर जर्जर भवनों में पढ़ने को मजबूर हैं. इसी कड़ी में पौड़ी जिले के यमकेश्वर के दिउली राजकीय इंटर कॉलेज के भवन की लकड़ी की बनी हुई छत गिरने की कगार पर है. जहां पर कोई हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.
प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का अनुमान इसी से लगा सकते हैं कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गृह जनपद पौड़ी में ही बच्चे जर्जर स्कूल के भवन में पढ़ने को मजबूर है. दरअसल, यमकेश्वर ब्लॉक में छह दशक पुराना दिउली राजकीय इंटर कॉलेज बदहाल स्थिति में चल रहा है. कॉलेज के भवन की लकड़ी की छत गल चुकी है, जो किसी भी वक्त गिर सकती है.
ये भी पढ़ेंः संसद में अनिल बलूनी ने नेशनल पार्क और सेंचुरी में बसे गांवों के विस्थापन का उठाया मुद्दा
इतना ही नहीं भवन की छत का आधा हिस्सा नीचे लटक रहा है. जो किसी बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है. ऐसे में बरसात के दौरान छात्र टपकती छत और जलभराव की स्थिति में छाते लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. उधर, मामले को लेकर स्थानीय लोग सरकार और प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है.
राजकीय इंटर कॉलेज दिउली में कक्षा 12 तक करीब 300 से अधिक छात्र पढ़ते हैं. कॉलेज में दिउली के अलावा आस पास के कई गांव के छात्र पढ़ने आते हैं. इतनी बड़ी छात्र संख्या होने के बावजूद सरकार समस्या का संज्ञान लेने को तैयार नहीं है.
स्कूल के प्रधानाचार्य का कहना है कि नए भवन निर्माण का प्रस्ताव चार साल पहले शासन को भेजा गया था, लेकिन प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. स्कूल की हालत बेहद खराब है. जल्द ही स्थिति को सुधारा नहीं गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है.