देहरादून: योग गुरु बाबा रामदेव इन दिनों विवादित बयानों को लेकर खूब चर्चा में हैं. बाबा ऐसे-ऐसे बयान दे रहे हैं, जिसे लेकर कार्रवाई की मांग की जा रही है. IMA ने भी अब केंद्र सरकार से बाबा की गिरफ्तारी की मांग की है. इसी बीच बाबा रामदेव ने आईएमए और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछे हैं.
आईएमए द्वारा केंद्र से बाबा की गिरफ्तार की मांग के बाद बाबा रामदेव ने एक और ब्रह्मास्त्र चलाया है. बाबा ने आईएमए और फार्मा कंपनियों से पूछा है कि एलोपैथी के पास हाईपरटेंशन और उसके कंप्लीकेशन्स के निए स्थाई समाधान क्या है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी के संबंध में ऐसे ही 25 सवाल पूछे हैं.
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बाबा के वायरल बयान पर भड़का IMA
योग गुरु बाबा रामदेव का एक विवादित बयान का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इस कथित वीडियो में बाबा रामदेव यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब कोरोना की दोनों वैक्सीन लगाने के बावजूद देश के 1000 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं, तो फिर वो किस बात के डॉक्टर हैं. रामदेव के इस बयान के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कड़ी नाराजगी जताई है. साथ ही गिरफ्तारी की मांग की है.
ये है विवाद
बता दें, अभी दो दिन पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कहा था कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं. आईएमए के अनुसार, रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है.'
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने रामदेव के बयान को 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी करार दिया था और मांग की थी कि कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे विवादित बयान वापस लेने को कहा था.
वहीं, मामले को तूल पकड़ता देख हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने रामदेव की टिप्पणी से इनकार किया था और इसे 'गलत' बताया. पतंजलि योगपीठ ने एक बयान जारी कर टिप्पणी का खंडन किया था और कहा है कि 'यह स्पष्ट किया गया है कि वीडियो का संपादित किया गया संस्करण स्वामी जी द्वारा दिए जा रहे संदर्भ से अलग है.