मसूरीः बाबा बुल्ले शाह का सालाना उर्स धूमधाम से मनाया गया. यहां सभी धर्मों के भक्तों ने बाबा की मजार पर चादर चढ़ाई और दुआएं मांगी. इस मौके पर मशहूर कव्वाल साजन घुंघरू वाले ने सर्वधर्म की कव्वाली सुना कर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया. वहीं, विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसे भक्तों ने प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया.
मसूरी में बाबा बुल्ले शाह का सालाना उर्स उनकी मजार (Baba Bulle Shah Annually Urs) पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. सर्वधर्म सद्भाव की मिसाल बाबा बुल्ले शाह के उर्स पर लोगों का तांता लग गया था. इस मौके पर कमेटी की ओर से चादर चढ़ाई गई. उसके बाद श्रद्धालुओं ने चादरें और प्रसाद चढ़ाया. दिनभर यह क्रम जारी रहा. इस मौके पर ख्याति प्राप्त कव्वाल साजन बाबू घुंघरू वाले की टीम ने अपनी मनमोहक आवाज में बाबा बुल्ले शाह की शान में कव्वालियां प्रस्तुत की तो श्रोता झूम उठे.
वहीं, बाबा बुल्ले शाह मजार कमेटी के सदस्य रजत अग्रवाल ने बताया कि कोरोनाकाल के दो साल के बाद सालाना उर्स धूमधाम के साथ मनाया गया. बाबा बुल्ले शाह की मजार की खासियत यह है कि यहां हर मजहब के श्रद्धालु आते हैं. जिनमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धार्मिक एकता का परिचय देकर मन्नतें मांगते हैं. लोगों की मन्नतें भी पूरी होती हैं.
मजार कमेटी के अन्य सदस्य सुनील गोयल और इसरार अहमद ने कहा कि 37 साल पहले बाबा बुल्ले शाह ने मसूरी में निवास कर रहे एक व्यक्ति को सपने में दर्शन दिए थे. उसके बाद इस स्थान पर बाबा की मजार (Mussoorie Mazar Bulle Shah) को स्थापित किया गया. जिसके बाद यहां पर बाबा के भक्तों का तांता लगातार बढ़ता चला गया. बाबा की मजार में सभी वर्गों के लोग आते हैं और एकता का संदेश देते हैं.
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