ऋषिकेश: एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत के निर्देशन में कोरोना वायरस से बचने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसके चलते एम्स में कोरोना वायरस से लोगों की सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था जुटाई जाएगी. साथ ही मरीजों को इस वायरस से बचाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
बुधवार को डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर आवश्यक तैयारियां करने का निर्णय लिया गया. कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज के एम्स अस्पताल में आने पर ऐसे मरीजों से दूसरे लोगों को संक्रमण नहीं हो, इसके लिए उनके पंजीकरण की अलग से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही आशंकित मरीजों के लिए ओपीडी और आईपीडी वार्ड की भी अलग से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि वायरस से ग्रसित मरीजों के परीक्षण के लिए संस्थान की टीम राज्य सरकार के नोडल ऑफिसर से समन्वय स्थापित करेगी.
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मामले में डॉ. प्रसन कुमार पंडा ने बताया कि कोरोना वायरस पशुओं और मनुष्य दोनों को संक्रमित करता है. सामान्य तौर से सर्दी लगने पर इसके लक्षण उभरने लगते हैं. उन्होंने बताया कि बहती नाक, सरदर्द, खांसी, गले में खरास, बुखार जैसे अस्वस्थ होने का अहसास इसके लक्षण हैं. ऐसे में ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर का परामर्श लेना चाहिए.