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कोरोना वायरस से लड़ने के लिए ऋषिकेश AIIMS तैयार, बनाया जा रहा अलग वार्ड

कोरोना वायरस से बचाव के लिए ऋषिकेश एम्स में खास व्यवस्थाएं की जा रही हैं. साथ ही लोगों को जागरुक किया जा रहा है.

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एम्स में जागरूकता अभियान
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Published : Jan 30, 2020, 12:37 PM IST

ऋषिकेश: एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत के निर्देशन में कोरोना वायरस से बचने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसके चलते एम्स में कोरोना वायरस से लोगों की सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था जुटाई जाएगी. साथ ही मरीजों को इस वायरस से बचाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

बुधवार को डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर आवश्यक तैयारियां करने का निर्णय लिया गया. कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज के एम्स अस्पताल में आने पर ऐसे मरीजों से दूसरे लोगों को संक्रमण नहीं हो, इसके लिए उनके पंजीकरण की अलग से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही आशंकित मरीजों के लिए ओपीडी और आईपीडी वार्ड की भी अलग से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि वायरस से ग्रसित मरीजों के परीक्षण के लिए संस्थान की टीम राज्य सरकार के नोडल ऑफिसर से समन्वय स्थापित करेगी.

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मामले में डॉ. प्रसन कुमार पंडा ने बताया कि कोरोना वायरस पशुओं और मनुष्य दोनों को संक्रमित करता है. सामान्य तौर से सर्दी लगने पर इसके लक्षण उभरने लगते हैं. उन्होंने बताया कि बहती नाक, सरदर्द, खांसी, गले में खरास, बुखार जैसे अस्वस्थ होने का अहसास इसके लक्षण हैं. ऐसे में ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर का परामर्श लेना चाहिए.

ऋषिकेश: एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत के निर्देशन में कोरोना वायरस से बचने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसके चलते एम्स में कोरोना वायरस से लोगों की सुरक्षा के लिए समुचित व्यवस्था जुटाई जाएगी. साथ ही मरीजों को इस वायरस से बचाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

बुधवार को डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर आवश्यक तैयारियां करने का निर्णय लिया गया. कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज के एम्स अस्पताल में आने पर ऐसे मरीजों से दूसरे लोगों को संक्रमण नहीं हो, इसके लिए उनके पंजीकरण की अलग से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही आशंकित मरीजों के लिए ओपीडी और आईपीडी वार्ड की भी अलग से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि वायरस से ग्रसित मरीजों के परीक्षण के लिए संस्थान की टीम राज्य सरकार के नोडल ऑफिसर से समन्वय स्थापित करेगी.

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मामले में डॉ. प्रसन कुमार पंडा ने बताया कि कोरोना वायरस पशुओं और मनुष्य दोनों को संक्रमित करता है. सामान्य तौर से सर्दी लगने पर इसके लक्षण उभरने लगते हैं. उन्होंने बताया कि बहती नाक, सरदर्द, खांसी, गले में खरास, बुखार जैसे अस्वस्थ होने का अहसास इसके लक्षण हैं. ऐसे में ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर का परामर्श लेना चाहिए.

Intro:ऋषिकेश--अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत के निर्देश पर कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर एहतियातन तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि कोरोना वायरस से लोगों की सुरक्षा के लिए संस्थान में समुचित व्यवस्था जुटाई जाएगी। उन्होंने बताया कि  लोगों को इस बीमारी से घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है।


Body:वी/ओ--बुधवार को डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर आवश्यक तैयारियां करने का निर्णय लिया गया। निर्णय लिया गया कि कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज के एम्स अस्पताल में आने पर ऐसे मरीजों से दूसरे लोगों पर संक्रमण नहीं हो लिहाजा उनके पंजीकरण की अलग से व्यवस्था की जाएगी। साथ ही आशंकित मरीजों के लिए ओपीडी और आईपीडी वार्ड की भी अलग से व्यवस्था की जाएगी। 

बताया गया कि वायरस से ग्रसित मरीजों के परीक्षण के लिए संस्थान की टीम राज्य सरकार के नोडल ऑफिसर से समन्वय स्थापित करेगी। इसके अलावा संक्रमण से बचाव के लिए मास्क आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। संस्थान की ओर से कोरोना वायरस से जनसामान्य के बचाव के लिए जनजागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। बताया गया कि सभी बिंदुओं पर एम्स अस्पताल प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।                                                                                                                                                                                                 
कोरोना वायरस से ग्रसित मरीज में बीमारी के लक्षण व बचाव के उपायों के बाबत जनरल मेडिसिन विभाग के डा. प्रसन कुमार पंडा ने बताया कि कोरोना वायरस पशुओं व मनुष्य दोनों को संक्रमित करता है। सामान्यतौर से सर्दी लगने पर इसके लक्षण उभरने लगते हैं। उन्होंने बताया कि बहती नाक, सरदर्द, खांसी, गले में खरास, बुखार जैसे अस्वस्थ होने का अहसास इसके लक्षण हैं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों मसलन बुजुर्ग और किशोरों के लिए यह वायरस निमोनिया या ब्रोंकाइटिस की तरह अधिक गंभीर, श्वसन पथ की बीमारी का कारण बन सकता है।




Conclusion:वी/ओ--उन्होंने बताया कि मानव कोरोना वायरस  सबसे अधिक संक्रमित व्यक्ति से दूसरों में फैलता है। खांसने और छींकने से वायु द्वारा व व्यक्तिगत संपर्क जैसे कि एक दूसरे से हाथ मिलाते हुए फैलता है। वायरस वाली साथ एक वस्तु या सतह को छूना, फिर अपने हाथ धोने से पहले अपने मुहं,  नाक या आंखों को छूना आदि से इसके फैलने की आशंका रहती है। डा. पंडा के अनुसार वर्तमान में मानव कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं। लिहाजा अपने हाथों को नियमिततौर पर साबुन और पानी से धोना चाहिए और बिना धुले  हाथों से आंखों, नाक या मुहं को छूने से बचना चाहिए, ऐसे लोगों से निकट संपर्क से बचना चाहिए जो बीमार हैं, यदि कोई व्यक्ति थोड़ा अस्वस्थ है तो अपने आप को हाइड्रेटेड रखें, घर पर रहें और पूरे समय आराम करें।

उन्होंने बताया कि यदि आप अपनी बीमारी के लक्षणों के बारे में चिंतित हैं, तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करना चाहिए। 

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