देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही समय शेष रह गया है. ऐसे में कांग्रेस ने अपनी मेनिफेस्टो कमेटी में इस बार बहुत ध्यान दिया है. पूर्व मंत्री नवप्रभात की अध्यक्षता में बनाई गई ये कमेटी इस बार न केवल राज्य बल्कि विधानसभा स्तर की समस्याओं को भी घोषणा पत्र में जगह देने जा रही है. इस बार क्यों खास होगा कांग्रेस का दृष्टि-पत्र, पढ़िए...
चुनाव से पहले किसी भी राजनीतिक दल के लिए घोषणा-पत्र जनता के बीच उस पार्टी का चेहरा होता है. शायद इसीलिए राजनीतिक पार्टियां घोषणा-पत्र को लेकर बेहद मेहनत भी करती हैं और घोषणा-पत्र के मुद्दों से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जा सके इसकी भी भरपूर कोशिश रहती है. कुछ इसी तरह के प्रयास उत्तराखंड में इस बार कांग्रेस पार्टी भी कर रही है.
हालांकि, कांग्रेस की कोशिश इस बार पिछले चुनावों से कुछ बेहतर करने की है, एक तरफ जहां कांग्रेस पहली बार तीन चरणों वाला घोषणा-पत्र बनाने जा रही है. ऐसे में इस घोषणा पत्र में न केवल राज्य स्तर के बल्कि जिला और विधानसभा स्तर के मुद्दे भी शामिल किए जाएंगे.
आपको बता दें कि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री नवप्रभात की अध्यक्षता में 13 सदस्य मेनिफेस्टो कमेटी गठित की गई है, जिसके लिए कई ऑनलाइन बैठकें भी हो चुकी हैं. दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते कमेटी का प्रारूप बैठक में ऑनलाइन ही रहा है. एक तरफ कमेटी आपसी बैठक के बाद विभिन्न मुद्दों को चिन्हित कर रही है तो दूसरी तरफ तमाम सदस्यों को जिलों के प्रभार देकर जिलों और विधानसभा स्तर पर भी समस्याओं को घोषणा पत्र में शामिल किया जा रहा है.
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बताया जा रहा है कि टिहरी और हरिद्वार जिलों की रिपोर्ट कमेटी को सबमिट की जा चुकी हैय इसके बाद कमेटी 3 लाइव कार्यक्रम भी करेगी, जिसमें एक कार्यक्रम में हरीश रावत तो दूसरा प्रीतम सिंह और तीसरा गणेश गोदियाल द्वारा किया जाएगा. इस कार्यक्रम में आम लोग सीधे घोषणा-पत्र में शामिल मुद्दों को लेकर सुझाव दे सकेंगे.