देहरादून: उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन के बैनर तले मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में आशा कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास कूच किया. लेकिन पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर आशा कार्यकर्ताओं को रोक लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच काफी देर तक नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई. वहीं, आशा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया. साथ ही आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर SDM के माध्यम से शासन को ज्ञापन भी सौंपा है.
उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन के शिवा दुबे का कहना है कि आशाओं को राज्य कर्मचारी घोषित करते हुए उनका मानदेय 21,000 रुपए किया जाए. उन्होंने कहा कि सीटू व एक्टू से संबंधित आशा यूनियन बीते काफी समय से आंदोलनरत हैं और 2 अगस्त से कार्य बहिष्कार पर हैं. उन्होंने कहा कि 12 सूत्रीय मांगों को लेकर उनकी ओर से समय-समय पर अपना मांग पत्र प्रेषित किया गया, लेकिन इस ओर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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वहीं, आशाओं का कहना है कि बीते रोज स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने आशाओं को 5 हजार रुपए का मानदेय देने की पेशकश की थी, लेकिन इसमें पिछले 2,000 रुपए को जोड़कर 7,000 माना जाना चाहिए. आशाओं ने बताया कि इसके अलावा प्रत्येक केंद्र में आशाओं का रूम स्थापित किया जाने की मांग भी लंबित है.
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आशाओं ने मांग की है कि उनको कर्मचारी घोषित करने तक 21,000 रुपए का मानदेय दिया जाना चाहिए. इसके अलावा सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का प्रावधान किया जाना चाहिए. इसके अलावा कोरोना काल में लगी आशाओं का 50 लाख का बीमा लागू किया जाए. आशाओं ने कहा कि उनकी सभी मांगों पर अविलंब शासनादेश जारी किया जाए.