देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश की आर्थिकी को भी गहरी चोट पहुंची है. ऐसे में कई लोग प्रदेश को इस आर्थिक संकट से उबारने के लिए लाखों रुपये सीएम रिलीफ फंड में दान कर चुके हैं. अब सऊदी अरब (Saudi Arabia) में अपने परिवार के साथ रहने वाले देहरादून के 16 वर्षीय बेटे आर्यन सिंघल ने भी सीएम कोविड रिलीफ फंड में 5 लाख रुपये दान किए हैं.
अब आपके के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर एक 16 वर्षीय बच्चे ने कैसे सीएम कोविड रिलीफ फंड में दान करने के लिए 5 लाख रुपये इकट्ठा कर लिए ? तो हम आपको बता दें कि सऊदी अरब में रहने वाले 16 वर्षीय आर्यन सिंघल ने अलग-अलग देशों के स्कूली छात्रों को कंप्यूटर फंडामेंटल्स, कोडिंग, गेम डेवलपमेंट और वेब डेवलपमेंट की ऑनलाइन क्लासेज देकर 5 लाख रुपये जुटाए थे. इन रुपयों को उसने सीएम कोविड रिलीफ फंड में दान कर दिया.
सऊदी अरब (Saudi Arabia) में रहने वाले 16 वर्षीय आर्यन सिंघल ने ईटीवी भारत के साथ अपना वीडियो साझा किया है. उन्होंने बताया कि कोरोना ने प्रदेश की आर्थिकी को गहरी चोट पहुंचाई है. ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यों न वह भी अपनी स्किल का इस्तेमाल करते हुए अपनी पैतृक भूमि उत्तराखंड की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं. इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से स्कूली छात्रों के लिए कंप्यूटर फंडामेंटल्स, कोडिंग और गेम और वेब डेवलपमेंट की क्लास शुरू की. देखते ही देखते कई देशों के छात्र इससे जुड़ते चले गए. अब तक वह 100 से अधिक छात्रों को कोडिंग और गेम डेवलपमेंट की ऑनलाइन क्लास दे चुके हैं.
पढ़ें- PWD के अफसरों ने HC के आदेश को दिखाया ठेंगा, मृतक आश्रित मामले में अब होगी पेशी
आर्यन बताते हैं कि इनफॉर्मेशन एडं टेक्नोलॉजी के इस दौर में कंप्यूटर फंडामेंटल्स और कोडिंग का ज्ञान होना आज बेहद ही जरूरी है. इसे सीखना न सिर्फ छात्र पसंद कर रहे हैं, बल्कि छात्र अपने दम पर कई नए सॉफ्टवेयर भी तैयार कर रहे हैं.
बता दें, 16 वर्षीय आर्यन ने इसी साल 11वीं की परीक्षा पास की है. वहीं, आर्यन के पिता गगन सिंघल देहरादून जनपद के रहने वाले हैं. बीते 15 सालों से विश्व के अलग-अलग देशों जैसे मलेशिया दुबई, बर्मा और कतर की निजी कंपनियों में अपनी सेवाएं चुके हैं. वर्तमान में गगन सऊदी अरब में एक ऑयल एंड गैस ड्रिलिंग कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट हैं. आर्यन की मां एक गृहणी हैं. गगन सिंघल अपने पूरे परिवार के साथ दिसंबर 2019 में देहरादून आए थे.