ऋषिकेश: अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर जन शिक्षण संस्थान देहरादून की ओर से उत्तराखंड की बोली-भाषा को संरक्षित और इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए लगातार प्रयास करने की अपील की गई. संस्थान द्वारा समय-समय पर जगह-जगह शिविर लगाकर बोली-भाषा को लुप्त होने से बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर ऋषिकेश के बापूग्राम स्थित नगर निगम के कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर जन शिक्षण संस्थान की उपाध्यक्ष रजनी कुकरेती भी उपस्थित रहीं. इस मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को अपने-अपने क्षेत्र की बोली-भाषा को अपने घरों पर आम बोलचाल के दौरान प्रयोग में लाने की अपील की गई.
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वहीं, मुख्य अतिथि रजनी कुकरेती ने कहा कि उत्तराखंड की बोली-भाषा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है. उत्तराखंड के मूल निवासी ही अपनी बोली भाषा को बोलने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में भविष्य में उत्तराखंड की बोली-भाषा पूरी तरह लुप्त हो जाएगी. इस प्रकार की आशंका से जरा भी इनकार नहीं किया जा सकता. इसी को देखते हुए जन शिक्षण संस्थान लगातार बोली-भाषा को बचाने के लिए प्रयासरत रहा है.
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उन्होंने कहा कि संस्थान केवल गढ़वाल की ही नहीं बल्कि जो जिस क्षेत्र का निवासी है, उस क्षेत्र की बोली-भाषा को बचाने की दिशा में भी अहम प्रयास कर रहा है. उन्होंने बताया कि लोगों को घरों में अपनी मूल मातृभाषा को प्रयोग में लाना चाहिए.