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सोशल मीडिया में परवान चढ़ रही 'अपना वोट, अपने गांव' मुहिम, मिल रही मिली-जुली प्रतिक्रिया

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Published : Jun 8, 2019, 10:35 PM IST

राज्यसभा सांसद और बीजेपी के नेता अनिल बलूनी ने इससे पहले कोटद्वार की मतदान सूची में नाम हटाकर अपने पैतृक गांव से मतदान सूची में नाम जोड़ने का आवेदन किया था. इसी क्रम में अनिल बलूनी ने शोसल मीडिया पर नेताओं और जनता से अपना वोट, अपने गांव मुहिम से जुड़ने का आव्हान किया है. इस मुहिम के तहत उन्होंने पलायन रोकने के लिए सभी को अपने पैतृक गांव के मतदाता सूची में नाम जोड़कर आगे बढ़ाने की अपील की है. उनके इस मुहिम में ट्विटर और फेसबुक पर कई बीजेपी समर्थक लगातार जुड़ रहे हैं.

सोशल मीडिया में परवान चढ़ रही 'अपना वोट, अपने गांव' मुहिम.

देहरादूनः उत्तराखंड में पलायन एक बड़ी समस्या बनी हुई. सभी राजनीतिक पार्टियां और नेतागण पलायन को मुद्दे के तौर भुनाने से नहीं चूके हैं. एक बार फिर से पलायन को लेकर एक और नेता ने मुहिम शुरू कर दी है. यहां पर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और कार्यकर्ताओं सोशल मीडिया पर 'अपना वोट, अपने गांव' मुहिम छेड़ी है. साथ ही इसके जरिए पलायन रोकने की कवायद में जुटे हैं. जिस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई है.

सोशल मीडिया में परवान चढ़ रही 'अपना वोट, अपने गांव' मुहिम.

दरअसल, उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और बीजेपी के नेता अनिल बलूनी ने इन दिनों फेसबुक और ट्विटर पर अपना वोट अपने गांव के नाम से मुहिम छेड़ी हुई है. इससे पहले उन्होंने कोटद्वार की मतदान सूची में नाम हटाकर अपने पैतृक गांव से मतदान सूची में नाम जोड़ने का आवेदन किया था. इसी क्रम में अनिल बलूनी ने शोसल मीडिया पर नेताओं और जनता से इस मुहिम से जुड़ने का आव्हान किया है. इस मुहिम के तहत उन्होंने पलायन रोकने के लिए सभी को अपने पैतृक गांव के मतदाता सूची में नाम जोड़कर आगे बढ़ाने की अपील की है. उनके इस मुहिम में ट्विटर और फेसबुक पर कई बीजेपी समर्थक लगातार जुड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः स्वतंत्रता संग्राम की गवाह है ये ऐतिहासिक जेल, पंडित नेहरू ने भी यहां काटी थी सजा

उधर, अनिल बलूनी की इस मुहिम को भले ही उनके पार्टी में समर्थन मिल रहा हो, लेकिन विपक्ष समेत आमजन इस मुहिम पर कई तरह के सवाल भी खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस के नेता किशोर उपाध्याय ने अनिल बलूनी की इस मुहिम का स्वागत करते हुए बीजेपी पर चुटकी ली है. साथ ही कहा कि उत्तराखंड राज्य के दौरान परिसीमन में बीजेपी ने पहाड़ और मैदान की खाई पाट दी थी, लेकिन ऐसा नहीं होना जाना चाहिए था. वहीं, आम लोग भी इस मुहिम पर चर्चा करते हुए अपना तर्क दे रहे हैं कि अनिल बलूनी किस पलायन की बात कर रहे हैं? राजनीतिक पलायन या आम लोगों का पलायन! उनका कहना है कि सबसे पहले राजनेता ही अपना घर छोड़कर देहरादून, हल्द्वानी, दिल्ली जैसे शहरों में बस जाते हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड में पलायन एक बड़ी समस्या बनी हुई. सभी राजनीतिक पार्टियां और नेतागण पलायन को मुद्दे के तौर भुनाने से नहीं चूके हैं. एक बार फिर से पलायन को लेकर एक और नेता ने मुहिम शुरू कर दी है. यहां पर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और कार्यकर्ताओं सोशल मीडिया पर 'अपना वोट, अपने गांव' मुहिम छेड़ी है. साथ ही इसके जरिए पलायन रोकने की कवायद में जुटे हैं. जिस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई है.

सोशल मीडिया में परवान चढ़ रही 'अपना वोट, अपने गांव' मुहिम.

दरअसल, उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और बीजेपी के नेता अनिल बलूनी ने इन दिनों फेसबुक और ट्विटर पर अपना वोट अपने गांव के नाम से मुहिम छेड़ी हुई है. इससे पहले उन्होंने कोटद्वार की मतदान सूची में नाम हटाकर अपने पैतृक गांव से मतदान सूची में नाम जोड़ने का आवेदन किया था. इसी क्रम में अनिल बलूनी ने शोसल मीडिया पर नेताओं और जनता से इस मुहिम से जुड़ने का आव्हान किया है. इस मुहिम के तहत उन्होंने पलायन रोकने के लिए सभी को अपने पैतृक गांव के मतदाता सूची में नाम जोड़कर आगे बढ़ाने की अपील की है. उनके इस मुहिम में ट्विटर और फेसबुक पर कई बीजेपी समर्थक लगातार जुड़ रहे हैं.

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उधर, अनिल बलूनी की इस मुहिम को भले ही उनके पार्टी में समर्थन मिल रहा हो, लेकिन विपक्ष समेत आमजन इस मुहिम पर कई तरह के सवाल भी खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस के नेता किशोर उपाध्याय ने अनिल बलूनी की इस मुहिम का स्वागत करते हुए बीजेपी पर चुटकी ली है. साथ ही कहा कि उत्तराखंड राज्य के दौरान परिसीमन में बीजेपी ने पहाड़ और मैदान की खाई पाट दी थी, लेकिन ऐसा नहीं होना जाना चाहिए था. वहीं, आम लोग भी इस मुहिम पर चर्चा करते हुए अपना तर्क दे रहे हैं कि अनिल बलूनी किस पलायन की बात कर रहे हैं? राजनीतिक पलायन या आम लोगों का पलायन! उनका कहना है कि सबसे पहले राजनेता ही अपना घर छोड़कर देहरादून, हल्द्वानी, दिल्ली जैसे शहरों में बस जाते हैं.

Intro:अपना वोट, अपने गांव मुहिम के जरिये पलायन रोकने की कवायत

Note- फीड में शोसल मीडिया की रिकॉर्डिंग कर के भेजी गई है। शहर में आज कोई नेता नही था जिस वजह से बाइट नही हो पाई।

एंकर- उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व में अच्छी पकड़ रखने वाले राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने मतदाता सूची में अपना पता बदला कर अपना वोट अपने गांव की मूवी सोशल मीडिया पर चलाई है जिसके बाद तमाम तरह की क्रिया प्रतिक्रिया आनी शुरू होती है


Body:उत्तराखंड में हमेशा से पलायन एक बड़ी समस्या रही है जिसको लेकर तमाम सरकारें और तमाम नेता राजनीति करते और पलायन के इस मुद्दे को भुनाते हुए आए हैं। उत्तराखंड के पलायन को लेकर अब एक बार फिर एक और नेता ने मुहिम शुरू कर दी है, हालांकि यह कितना कारगर साबित होगा कहा नहीं जा सकता।

दरअसल उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के काफी खास माने जाने वाले भाजपा नेता अनिल बलूनी ने इन दिनों फेसबुक और ट्विटर पर अपना वोट अपने गांव के नाम से मुहिम छेड़ी हुई है। जिसके तहत उन्होंने सबसे पहले खुद का कोटद्वार की मतदान सूची में नाम हटाकर अपने पैतृक गांव से मतदान सूची में नाम जोड़ने का आवेदन किया था। साथ ही उन्होंने अब शोसल मीडिया पर उत्तराखंड के अन्य भाजपा नेताओं को भी इस मुहिम से जुड़ने का आव्हान किया है और पलायन पर प्रहार करते हुए सभी को प्रेरणा दी है कि वो अपने पैतृक गांव से मतदाता सूची में नाम जोड़ते हुए इस मुहिम को आगे बढ़ाएं। जिस के बाद ट्विटर और फेसबुक पर तमाम भाजपा समर्थक इस मुहिम के साथ जुड़ रहे हैं।

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की इस मुहिम को भले ही उनके पार्टी में समर्थन मिल रहा हो लेकिन विपक्ष सहित एक आम तबका इस मुहिम पर कई सवाल भी खड़े कर रहा है। विपक्ष से कॉन्ग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने अनिल बलूनी की इस मुहिम का स्वागत करते हुए बीजेपी पर चुटकी ली है और कहा कि जब उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था तो उस समय परिसीमन में भाजपा ने पहाड़ और मैदान की खाई पाट दी थी। काश उस समय ऐसा ना होता। तो वहीं आम लोग भी इस मुहिम पर चर्चा करते हुए अपना तर्क दे रहे हैं कि अनिल बलूनी कौन से पलायन की बात कर रहे हैं ? राजनीतिक पलायन या आम लोगों का पलायन। क्योंकि सबसे पहले अनिल बलूनी जैसे ही राजनेता अपना घर छोड़कर देहरादून और हल्द्वानी या दिल्ली जैसे मैदानी इलाकों में बस जाते हैं।


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