देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में एक और बड़ी हार की खबर सामने आई है. लैंसडाउन सीट से हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं चुनाव हार गई हैं. बीजेपी के महंत दलीप ने उन्हें 9868 मतों से हराया है. अनुकृति गुसाईं की हार को हरक सिंह की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है. अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन से चुनाव लड़ाने को लेकर हरक सिंह रावत ने बीजेपी को तेवर दिखाये थे. जिसके बाद चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह रावत ने अनुकृति गुसाईं के साथ कांग्रेस में घर वापसी की थी.
मॉडलिंग की चमक छोड़कर पूर्व मिस इंडिया अनुकृति ने इस बार सियासी जमीन पर पैर जमाने की कोशिश की. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने अनुकृति गुसाईं को जिताने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया था.
पढ़ें-हार के साथ ही हरदा के राजनीतिक करियर पर लगा फुल स्टॉप! क्या अब घर बैठेंगे हरीश रावत?
अनुकृति का दावा था कि 2018 से न सिर्फ लैंसडाउन, बल्कि पूरे राज्य में वो सामाजिक कार्यों में लगी हुई थीं. हरक सिंह रावत ने भी अनुकृति के सामाजिक कार्यो, जनता से जुड़ाव का हवाला देते हुए उनके लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों से टिकट मांगा था. आखिर में कांग्रेस ने अनुकृति को लैंसडाउन सीट से टिकट दिया, जिसका नतीजा हार के रूप में सामने आया है. अनुकृति गुसाईं की हार से हरक सिंह रावत की साख को बड़ा झटका लगा है. हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में ऐसा नाम है जो आज तक कोई भी चुनाव नहीं हारे. अपनी विरासत को आगे बढ़ाते हुए हरक सिंह ने अनुकृति को चुनाव लड़वाया था. जिस पर वे खरी नहीं उतर पाई.
पढ़ें- लालकुआं के चुनावी युद्ध में चित हुए हरीश रावत, हार स्वीकारी, जनता से माफी मांगी
अनुकृति गुसाईं को जानें: अनुकृति गुसाईं का जन्म 25 मार्च 1994 को हुआ. अनुकृति गुसाईं मूल रूप से लैंसडाउन की रहने वाली हैं. वे पेशे से एक साफ्टवेयर इंजीनियर हैं. माडलिंग के क्षेत्र में उन्होंने काफी नाम कमाया. वे साल 2017 में मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल रही. उनकी शादी हरक सिंह रावत के बेटे तुषित रावत से हुई थी.
महंत दिलीप रावत ने लगाई हैट्रिक: महंत दिलीप रावत लैंसडाउन से हैट्रिक लगा चुके हैं. महंत दलीप रावत बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं. उन्होंने 2012 में पहली बार लैंसडाउन से जीत दर्ज की थी. 2017 में दूसरी बार विधानसभा पहुंचे थे. इस जीत के बाद महंत दिलीप रावत का कद उत्तराखंड की राजनीति में बढ़ गया है.
बीजेपी का गढ़ रही लैंसडाउन सीट: लैंसडाउन सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. राज्य गठन के बाद अब तक 4 चुनावों में यहां बीजेपी ने जीत दर्ज की है. 2002 और 2007 में बीजेपी के अनिल नौटियालने जीत दर्ज की. 2012 में लैंसडाउन सीट बीजेपी के टिकट से महंत दिलीप रावत ने चुनाव लड़ा. जिनका मुकाबला ले. जनरल टीपीएस रावत से हुआ. इस चुनाव में महंत दिलीप रावत ने 5,438 मतों से जीत दर्ज की. 2017 में बीजेपी के महंत दिलीप रावत और कांग्रेस के ले. जनरल टीपीएस रावत के बीच फिर मुकाबला हुआ. इस चुनाव में महंत दिलीप रावत ने 6,475 मतों के अंतर से जीत दर्ज की.