मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में प्रशासन और पुलिस की टीम, एसडीएम मनीश कुमार के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने के लिए शिफन कोर्ट पहुंची. इसी बीच सभासद गीता कुमाई और सरिता पवार भी मौके पर पहुंच गए और प्रशासन पर कोर्ट परिसर में निवास कर रहे लोगों को बेवजह परेशान करने आरोप लगाया. इस दौरान सभासद और एसडीएम के मध्य तीखी नोकझोंक भी हुई, जिसके बाद पुलिस और प्रशासन की टीम वापस लौटना पड़ा.
SDM मनीष कुमार का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासन अतिक्रमण हटाने का काम कर रही है. लोगों ने शपथ पत्र देकर 10 सितंबर तक अतिक्रमण हटाने का समय दिया गया है. उधर जो मकान खाली पड़े हैं उनको ध्वस्त करने के लिए टीम शिफन कोर्ट पहुंची, जिसको लेकर कुछ जनप्रतिनिधि बेवजह का मुद्दा बनाकर सरकारी कार्य में व्यवधान डाल रहे हैं. जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. SDM ने कहा कि प्रशासनिक टीम उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ही काम कर रही है. अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती का कहना है कि प्रशासन किसी को भी बेवजह परेशान नहीं कर रही. शिफन कोर्ट में लगातार जाकर लोगों से संवाद किया जा रहा है. लोगों से समय रहते सरकारी जमीन को खाली करने का आग्रह किया जा रहा है, जिससे उनको किसी प्रकार की दिक्कत न हो.
ये भी पढ़ें: सचिवालय में कुंभ बैठक में दौरान नरेंद्र गिरि की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बिल्लू वाल्मीकि ने प्रशासन पर शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि प्रदेश और केंद्र सरकार गरीबों को छत देने के लिए कई योजनाओं की बात करती है. लेकिन मसूरी में गरीबों से छत छीनने का कार्य किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है. सभासद गीता कुमाई और सरिता पवार ने प्रशासन और पुलिस आरोप लगाया कि कोर्ट परिसर में रह रहे लोगों का अतिक्रमण के नाम पर मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है. उनका कहना है कि जब 10 सितंबर का समय कोर्ट ने दिया है, तो प्रशासन और पुलिस की टीम बार-बार आकर लोगों को परेशान क्यों कर रही है? उनका कहना है कि किसी भी हाल में संविधान के तहत दिए गए अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा.