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संसद में अनिल बलूनी ने नेशनल पार्क और सेंचुरी में बसे गांवों के विस्थापन का उठाया मुद्दा

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Published : Jul 23, 2019, 5:05 PM IST

राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने संसद में नेशनल पार्क और सेंचुरी में बिना सुविधा के रहने वाले लोगों की आवाज उठाई है. साथ ही सरकार से मामले पर जवाब मांगा है.

Anil baluni

देहरादूनः संसद की कार्यवाही में इन दिनों सांसद अपने प्रदेश के अलग-अलग मुद्दे उठा रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने नेशनल पार्क और सेंचुरी के अंदर बसे गांवों को विस्थापित करने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि ये गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसे में सरकार क्या कदम उठा रही है?

संसद में नेशनल पार्क और सेंचुरी में बसे गांवों के विस्थापन का मुद्दा उठाते राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी.

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड 75 प्रतिशत जंगल से आच्छादित है, लेकिन यहां के लोगों की समस्याएं भी काफी है. उत्तराखंड में 6 नेशनल पार्क और 7 सेंचुरी है. ऐसे में इनके अंदर आज भी कई गांव बसे हुए हैं, लेकिन इन गांवों में राज्य सरकार की ओर से कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है.

ये भी पढ़ेंः चाय बागान के जमीनों को कब्जे में लेगी सरकार, HC के आदेश के बाद लिया फैसला

साथ ही कहा कि पार्क के नियम के अनुसार इन पार्क के भीतर पक्की सड़क, बिजली, पानी शौचालय जैसी सुविधाओं का विकास नहीं किया जा सकता है. ऐसे में सरकार इन सबके लिए क्या कर रही है.

बलूनी ने केंद्र सरकार के वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी इस मामले पर जल्द दखल देने की बात कही है. उधर, अनिल बलूनी की बात को मानकर केंद्र सरकार इस ओर कोई ठोस कदम उठाती है तो इन गांव को रिलोकेट कर सुविधाएं पहुंचाने में काफी हद तक आसानी होगी.

देहरादूनः संसद की कार्यवाही में इन दिनों सांसद अपने प्रदेश के अलग-अलग मुद्दे उठा रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने नेशनल पार्क और सेंचुरी के अंदर बसे गांवों को विस्थापित करने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि ये गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसे में सरकार क्या कदम उठा रही है?

संसद में नेशनल पार्क और सेंचुरी में बसे गांवों के विस्थापन का मुद्दा उठाते राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी.

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड 75 प्रतिशत जंगल से आच्छादित है, लेकिन यहां के लोगों की समस्याएं भी काफी है. उत्तराखंड में 6 नेशनल पार्क और 7 सेंचुरी है. ऐसे में इनके अंदर आज भी कई गांव बसे हुए हैं, लेकिन इन गांवों में राज्य सरकार की ओर से कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है.

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साथ ही कहा कि पार्क के नियम के अनुसार इन पार्क के भीतर पक्की सड़क, बिजली, पानी शौचालय जैसी सुविधाओं का विकास नहीं किया जा सकता है. ऐसे में सरकार इन सबके लिए क्या कर रही है.

बलूनी ने केंद्र सरकार के वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी इस मामले पर जल्द दखल देने की बात कही है. उधर, अनिल बलूनी की बात को मानकर केंद्र सरकार इस ओर कोई ठोस कदम उठाती है तो इन गांव को रिलोकेट कर सुविधाएं पहुंचाने में काफी हद तक आसानी होगी.

Intro:बलूनी ने संसद में उठायी पार्क में बिना सुखसुविधा के रहने वाले लोगो की आवाज मांगा अपनी ही सरकार से जवाब

किरण कांत शर्मा


संसद में चल रही कार्यवाही में इन दिनों प्रदेश के सभी सांसद प्रदेश के अलग अलग मुद्दे उठा रहे है अब उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने नेशनल पार्क और सेंचुरी के अंदर सालो से बसे गाँव को विस्थापित करने का मुद्दा उठाया है | अनिल बलूनी ने इस लिए ये बात उठाई है क्यूंकि इन गाँव आज भी मूलभूत सुविधाओं से बहुत दूर है Body:उत्तराखंड में 75 प्रतिशत फारेस्ट होने की वजह से ये प्रदेश जितना खूबसूरत है उतनी ही यहाँ के लोगो की समस्य भी है उत्तराखंड में 6 नेशनल पार्क है और 7 सेंचुरी है ऐसे में इनके अंदर आज भी कई गाँव आते है लेकिन मज़बूरी है ये है की इन गाँव में कोई भी सुविधा राज्य सरकार नहीं देती है क्यूंकि पार्क के नियम के अनुसार इन पार्क के अंदर पक्की सड़क,बिजली,पानी शौचालय जैसी सुविधाओं को डवलप नहीं किया जा सकता है ऐसे में अनिल बलूनी ने केंद्रीय वन मंत्री से सवाल किया की अखरिकार सरकार इन सब के लिए क्या कर रही है Conclusion:साथ ही अनिल बलूनी ने केंद्र सरकार के वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी इस मामले में जल्द दखल देने की बात कहीं है अगर अनिल बलूनी की बात को मान कर केंद्र इस और कोई कदम उठाती है तो इन गाँव को रिलोकेट करके इन तक सुविधा पहुंचने में काफी हद तक आसानी होगी
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