ऋषिकेश: अंकिता भंडारी मर्डर केस (ankita bhandari murder case) मामले में पूरे प्रदेश में लोगों में खासा आक्रोश है. वहीं शव मिलने के बाद लोग आरोपियों को फांसी की मांग कर रहे हैं. वहीं अंकिता भंडारी की हत्या के आरोपियों को फांसी की मांग कर रहे लोग एम्स (Rishikesh AIIMS) पहुंचे. वहां पर स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट (Yamkeshwar MLA Renu Bisht) की गाड़ी में आक्रोशित भीड़ ने तोड़फोड़ की. वहीं माहौल खराब होता देख विधायक वहां से निकल गईं.
वहीं आज आज स्थानीय अंजान लोगों ने रिजॉर्ट के पीछे बनी पुलकित आर्य की फैक्ट्री में आग लगा दी (Angry villagers set fire factory) है. कल जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया तो उस समय भी लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी. पुलिस ने बड़ी मुश्किल से तीनों आरोपियों को बचाया था. इससे समझा जा सकता है लोग अंकिता मर्डर केस से कितने अधिक क्रोधित हैं.
वहीं सीएम धामी ने अंकिता भंडारी की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा है कि यह घटना बहुत ही दुखद है, उनका मन बहुत ही व्यथित है. सीएम धामी ने कहा कि चाहे कोई भी हो, इस मामले में कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा.सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए डीआईजी पी रेणुका देवी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है. सीएम धामी ने कहा कि चाहे कोई भी हो, इस मामले में कोई भी अपराधी बख्शा नहीं जाएगा.
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यमकेश्वर विधायक रेनु बिष्ट का बयान: उधर, बीते दिन यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट का भी इस मामले पर बयान आया था. उन्होंने कहा कि, 'यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र सहित समस्त उत्तराखंड के भाइयों-बहनों जो अभी हाल ही की घटना घटित हुई है, जिसमें हमारी उत्तराखंड की बेटी के अपहरण का मामला सामने आया है. जबसे यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, तभी से मैं धरातल पर इस घटना की पूरी जानकारी ले रही थी. इस सम्बन्ध में मैंने लड़की के परिजनों से भेंट भी करी और प्रशासन को सख्त से सख्त कदम उठाने के निर्देश भी दिये हैं. दोषी चाहे कोई भी हो वह इस बात को समझ ले कि तुम्हारा बचना असंभव है. अच्छा होगा यदि तुम शीघ्र ही उस बेटी को सुरक्षित वापस कर दो वरना अंजाम जो होगा तुम्हारी रूह कांप जाएगी'.
रेनु बिष्ट ने आगे कहा था कि, 'ये एक बहुत बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और एक सबक भी हम सभी के लिये क्योंकि इस तरह के आपराधिक मानसिकता के लोगों को बसाने वाले कोई और नहीं स्वयं हमारे ही अपने लोग हैं. उत्तराखंड के भाइयों-बहनों मैं हमेशा से यही कहती आयी थी और हमेशा कहती रहूंगी कि आज जो स्थितियां पैदा हो रही हैं, इसके लिये हमारे अपने ही लोग जिम्मेदार हैं जो बिना सोचे समझे थोड़े से पैसे के लालच में अपने पहाड़ की जमीनें किसी को भी बेच देते हैं. साथ ही वो जनप्रतिनिधि भी इसके लिये जिम्मेदार हैं जिन्होंने पदों में रहते हुए भी कभी पहाड़ों के लोगों के लिये किसी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं के लिये प्रयास नहीं किया. यही कारण है कि पहाड़ की गरीब जनता अपनी जमीन बेचने को मजबूर हुई. इसीलिए मैंने सदैव सरकार का ध्यान इस ओर खींचने का प्रयास किया है कि हमारा यमकेश्वर आज 21वीं सदी में भी एक अति दुर्गम और पिछड़ा क्षेत्र है. इस पिछड़े और दुर्गम क्षेत्र की विधायक बने हुए मुझे अभी मात्र पांच महीने ही हुए हैं. किंतु मैंने तभी से सरकार का ध्यान इस ओर खींचने का पूरा प्रयास किया है'.'एक बात मैं अपने यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के भाइयों-बहनों से निवेदन करना चाहती हूं कि अभी भी मौका है अपने पितरों की जमीन को बाहरी लोगों को मत बेचो. आने वाला समय यमकेश्वर का अच्छा समय होगा. मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाती हूं'.