देहरादून: राजधानी में मेहुवाला के तुंतोवाला निवासी एक रिटायर्ड प्रिंसिपल ने डीआईजी से अपने बेटे-बहू की शिकायत की है. बुजुर्ग का आरोप है कि बेटे- बहू ने उनके मकान पर कब्जा कर लिया है. इस कारण वो दर-दर भटकने को मजबूर हैं. 77 वर्षीय बुजुर्ग ने उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है. डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने उन्हें घर का कब्जा दिलाने का आश्वासन दिया.
रिटायर्ड प्रिंसिपल दर्शन सिंह ने बताया कि उनके बेटे का नाम परविंदर सिंह है. उसका विवाह 5 नवंबर 2008 को नेहा नाम की लड़की के साथ हुआ था, जो कि देहरादून की ही रहने वाली है. कुछ साल बाद उनकी बहू नेहा का व्यवहार उनके प्रति बदल गया. वो बात-बात पर उनसे लड़ाई करने लगी. ऐसे में उन्होंने परेशान हो कर अपने पुश्तैनी घर को अपने पुत्र परविंदर सिंह और उसकी पत्नी नेहा को सौंप दिया. इसके बाद दर्शन सिंह ने अपने बेटे और बहू को अपनी सभी चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर दिया.
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दर्शन सिंह ने बताया कि साल 2012 में देहरादून के तुंतोवाला में एक प्लाट खरीद कर उस पर मकान बनवाया. वो कई सालों से इस मकान में अकेले ही रह रहे थे. इस बीच कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान वो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर गए थे. जब वो 19 अप्रैल को अपने घर वापस लौटे तो देखा कि उनके बेटे और बहू ने नए मकान पर कब्जा कर लिया है.
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उन्होंने बताया कि मामले की शिकायत थाना पटेल नगर में कर दी है. इसके अलावा कई उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दे दिया है. लेकिन इस मामले का संज्ञान अभी तक किसी भी अधिकारी ने नहीं लिया है. न ही उनकी एफआईआर दर्ज की गई है. दर्शन सिंह ने बताया कि अभी मामले की शिकायत डीआईजी से की है. उन्होंने जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है.