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उपनल कर्मियों को मिला मिनिस्टीरियल कर्मचारी का साथ, एक मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी - Ministerial staff strike

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के मिनिस्टीरियल कर्मचारी भी अब हड़ताल पर चले गये हैं.

Along with the subaltern now ministerial staff has also started strike
उपनल कर्मियों को मिला मिनिस्टीरियल कर्मचारी का साथ
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Published : Feb 27, 2021, 9:39 PM IST

देहरादून: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं उपनल कर्मियों के बाद आज से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत विभिन्न मिनिस्टीरियल कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. दरअसल, यह सभी कर्मचारी पदोन्नति की मांग को लेकर नंदा की चौकी स्थित विभागीय कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ चुके हैं. जिसकी वजह से आज पूरे दिन विभागीय कार्य भी प्रभावित रहा.

गौरतलब है कि मिनिस्टीरियल कार्मिकों की ओर से पहले पदोन्नति को लेकर 22 फरवरी तक आदेश जारी करने की मांग की गई थी. मगर इसके बावजूद अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. जिसकी वजह से विभिन्न जिलों में कार्यरत 85 कर्मचारी खासे परेशान चल रहे हैं, जबकि अन्य विभागों में शासन के निर्देशों के तहत कार्मिकों की पदोन्नति की प्रक्रिया आठ माह पहले ही पूरी कर दी गई है.

पढ़ें- क्या चुनाव तिथियां मोदी, शाह के सुझावों के अनुसार घोषित की गईं? : ममता

बता दें कि धरने पर बैठे सभी मिनिस्ट्रियल कर्मियों ने पदोन्नति पर ब्रेक लगने के लिए सीधे तौर पर विभागीय मंत्री और उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. कर्मचारियों के मुताबिक साल 2015 में जारी शासनादेश में लिपिक संवर्ग के पदों पर पदोन्नति के लिए ज्येष्ठता के आधार पर कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक के पदों पर पदोन्नति का प्रावधान है.

पढ़ें- हरिद्वार: माघ पूर्णिमा पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए क्या है महत्व

मगर, अब तक इनकी भी पदोन्नति को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. ऐसे में यदि आगामी 28 फरवरी तक पदोन्नति का इंतजार कर रहे कर्मचारियों के लिए कोई शासनादेश जारी नहीं किया जाता तो एक मार्च से सभी जिलों के कर्मचारी भी दून पहुंचकर धरना देंगे.

देहरादून: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं उपनल कर्मियों के बाद आज से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत विभिन्न मिनिस्टीरियल कर्मचारी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. दरअसल, यह सभी कर्मचारी पदोन्नति की मांग को लेकर नंदा की चौकी स्थित विभागीय कार्यालय परिसर में धरने पर बैठ चुके हैं. जिसकी वजह से आज पूरे दिन विभागीय कार्य भी प्रभावित रहा.

गौरतलब है कि मिनिस्टीरियल कार्मिकों की ओर से पहले पदोन्नति को लेकर 22 फरवरी तक आदेश जारी करने की मांग की गई थी. मगर इसके बावजूद अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. जिसकी वजह से विभिन्न जिलों में कार्यरत 85 कर्मचारी खासे परेशान चल रहे हैं, जबकि अन्य विभागों में शासन के निर्देशों के तहत कार्मिकों की पदोन्नति की प्रक्रिया आठ माह पहले ही पूरी कर दी गई है.

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बता दें कि धरने पर बैठे सभी मिनिस्ट्रियल कर्मियों ने पदोन्नति पर ब्रेक लगने के लिए सीधे तौर पर विभागीय मंत्री और उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. कर्मचारियों के मुताबिक साल 2015 में जारी शासनादेश में लिपिक संवर्ग के पदों पर पदोन्नति के लिए ज्येष्ठता के आधार पर कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक के पदों पर पदोन्नति का प्रावधान है.

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मगर, अब तक इनकी भी पदोन्नति को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. ऐसे में यदि आगामी 28 फरवरी तक पदोन्नति का इंतजार कर रहे कर्मचारियों के लिए कोई शासनादेश जारी नहीं किया जाता तो एक मार्च से सभी जिलों के कर्मचारी भी दून पहुंचकर धरना देंगे.

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