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डेढ़ साल बाद स्कूल पहुंचे नौनिहाल, जानें कैसा रहा पहला दिन ?

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Published : Sep 21, 2021, 3:12 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 6:01 PM IST

कोरोना काल में पिछले डेढ़ साल से बंद सभी प्राथमिक विद्यालयों को छात्र-छात्राओं के लिए खोल दिया गया है. आज पहले दिन विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति 30 से 40 प्रतिशत ही रही.

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स्कूल पहुंचे नौनिहाल

देहरादून: डेढ़ साल बाद आखिरकार कोरोना के घटते ग्राफ के बीच आज से प्रदेश के सभी सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालयों को छात्रों के लिए खोल दिया गया है. पहले दिन राजधानी के सरकारी प्राथमिक विद्यालय छात्रों के लिए खोल दिए गए. वहीं, अधिकांश निजी प्राथमिक विद्यालय प्रबंधन अगले सप्ताह से कक्षा 1 से लेकर 5वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोलने की तैयारी कर रहे हैं.

दून इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य दिनेश बर्थवाल ने बताया कि फिलहाल राजधानी के तमाम निजी स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों की हाफ ईयरली परीक्षा चल रही हैं. ऐसे में परीक्षा समाप्त होने के बाद अगले सप्ताह से कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोल दिया जाएगा. फिलहाल कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्रों के अभिभावकों को अगले सप्ताह से अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कंसेंट लेटर भेजा जा रहा है.

ये भी पढ़ें: पर्यटन एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राजधानी दून में आयोजित होगा कार्निवाल

वहीं, देहरादून के अधिकांश सरकारी प्राथमिक विद्यालय आज से छात्रों के लिए खोल दिए गए. पहले दिन 30 से 40% छात्र-छात्राएं ही स्कूल पहुंचे. आज स्कूल पहुंच कर छात्र काफी उत्साहित नजर आए. छात्र-छात्राओं ने कहा वह लंबे इंतजार के बाद स्कूल पहुंचकर काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं. इससे पहले वे डेढ़ साल तक ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे. जिसमें कई बार नेटवर्क की समस्या खड़ी हो जाती थी, जिससे वह अपने शिक्षकों से संपर्क नहीं कर पाते थे.

डेढ़ साल बाद स्कूल पहुंचे नौनिहाल.

वहीं, शिक्षकों का कहना है कि बच्चों को अभी स्कूल के माहौल में दोबारा ढलने में कुछ समय लगेगा. इतने लंबे समय तक ऑनलाइन पढ़ाई करने की वजह से बच्चों में लिखने की आदत खत्म सी हो गई है. ऐसे में जैसे-जैसे अब वह स्कूल आएंगे, वैसे-वैसे ही दोबारा वह स्कूल के डिसिप्लिन में लौट सकेंगे.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय अजबपुर कला की प्रधानाचार्य कुसुमलता ने कहा आज पहले दिन स्कूल में कम बच्चे ही पहुंचे. उन्हें उम्मीद है अगले एक सप्ताह में छात्र-छात्राओं की संख्या में सुधार देखने को मिलेगा. आज पहले दिन बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर ज्यादा न डालते हुए बच्चों से सिर्फ बातचीत की जा रही है, जिससे कि वह लंबे समय बाद स्कूल आकर असहज महसूस न करें.

प्रदेश के अन्य स्थानों के साथ-साथ काशीपुर में भी आज से सभी प्राथमिक विद्यालय खोल दिए गए हैं. सरकारी और निजी विद्यालयों में जहां कोविड-19 नियमों का पालन किया जा रहा है, वहीं कुछ सरकारी विद्यालय सरकार द्वारा जारी एसओपी की धज्जियां उड़ाते नजर आए. कई स्कूलों में बच्चे मास्क पहनकर कक्षा में बैठे दिखाई दिए. वहीं, कुछ विद्यालयों में छोटे बच्चे बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के बैठे हुए दिखाई दिए.

उप शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी ने कहा कि विद्यालय लंबे अरसे के बाद खुले हैं. सभी स्कूल संचालकों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. कुछ विद्यालयों में उनके द्वारा निरीक्षण का व्यवस्था दुरस्त पाई गई, तो कुछ विद्यालयों में व्यवस्था सही नहीं पाई जाने की सूचना मिली है. जिसके बाद एक बार फिर विद्यालयों के अध्यापकों की मीटिंग बुलाई गई है.

देहरादून: डेढ़ साल बाद आखिरकार कोरोना के घटते ग्राफ के बीच आज से प्रदेश के सभी सरकारी और निजी प्राथमिक विद्यालयों को छात्रों के लिए खोल दिया गया है. पहले दिन राजधानी के सरकारी प्राथमिक विद्यालय छात्रों के लिए खोल दिए गए. वहीं, अधिकांश निजी प्राथमिक विद्यालय प्रबंधन अगले सप्ताह से कक्षा 1 से लेकर 5वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोलने की तैयारी कर रहे हैं.

दून इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य दिनेश बर्थवाल ने बताया कि फिलहाल राजधानी के तमाम निजी स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों की हाफ ईयरली परीक्षा चल रही हैं. ऐसे में परीक्षा समाप्त होने के बाद अगले सप्ताह से कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोल दिया जाएगा. फिलहाल कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्रों के अभिभावकों को अगले सप्ताह से अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कंसेंट लेटर भेजा जा रहा है.

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वहीं, देहरादून के अधिकांश सरकारी प्राथमिक विद्यालय आज से छात्रों के लिए खोल दिए गए. पहले दिन 30 से 40% छात्र-छात्राएं ही स्कूल पहुंचे. आज स्कूल पहुंच कर छात्र काफी उत्साहित नजर आए. छात्र-छात्राओं ने कहा वह लंबे इंतजार के बाद स्कूल पहुंचकर काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं. इससे पहले वे डेढ़ साल तक ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे. जिसमें कई बार नेटवर्क की समस्या खड़ी हो जाती थी, जिससे वह अपने शिक्षकों से संपर्क नहीं कर पाते थे.

डेढ़ साल बाद स्कूल पहुंचे नौनिहाल.

वहीं, शिक्षकों का कहना है कि बच्चों को अभी स्कूल के माहौल में दोबारा ढलने में कुछ समय लगेगा. इतने लंबे समय तक ऑनलाइन पढ़ाई करने की वजह से बच्चों में लिखने की आदत खत्म सी हो गई है. ऐसे में जैसे-जैसे अब वह स्कूल आएंगे, वैसे-वैसे ही दोबारा वह स्कूल के डिसिप्लिन में लौट सकेंगे.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय अजबपुर कला की प्रधानाचार्य कुसुमलता ने कहा आज पहले दिन स्कूल में कम बच्चे ही पहुंचे. उन्हें उम्मीद है अगले एक सप्ताह में छात्र-छात्राओं की संख्या में सुधार देखने को मिलेगा. आज पहले दिन बच्चों पर पढ़ाई का प्रेशर ज्यादा न डालते हुए बच्चों से सिर्फ बातचीत की जा रही है, जिससे कि वह लंबे समय बाद स्कूल आकर असहज महसूस न करें.

प्रदेश के अन्य स्थानों के साथ-साथ काशीपुर में भी आज से सभी प्राथमिक विद्यालय खोल दिए गए हैं. सरकारी और निजी विद्यालयों में जहां कोविड-19 नियमों का पालन किया जा रहा है, वहीं कुछ सरकारी विद्यालय सरकार द्वारा जारी एसओपी की धज्जियां उड़ाते नजर आए. कई स्कूलों में बच्चे मास्क पहनकर कक्षा में बैठे दिखाई दिए. वहीं, कुछ विद्यालयों में छोटे बच्चे बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के बैठे हुए दिखाई दिए.

उप शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी ने कहा कि विद्यालय लंबे अरसे के बाद खुले हैं. सभी स्कूल संचालकों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. कुछ विद्यालयों में उनके द्वारा निरीक्षण का व्यवस्था दुरस्त पाई गई, तो कुछ विद्यालयों में व्यवस्था सही नहीं पाई जाने की सूचना मिली है. जिसके बाद एक बार फिर विद्यालयों के अध्यापकों की मीटिंग बुलाई गई है.

Last Updated : Sep 21, 2021, 6:01 PM IST
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