ETV Bharat / state

कोरोना के आगे दम तोड़ने लगा सिस्टम! दून मेडिकल कॉलेज में बेड की कमी - कोरोना के आगे दम तोड़ने लगा सिस्टम 3

सूबे के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कोरोना बेड की कमी होने लगी है. किसी मरीज के स्वस्थ होने के बाद ही दूसरे मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती किया जा रहा है. हालांकि हॉस्पिटल के पास ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा है.

Doon Medical College news
Doon Medical College news
author img

By

Published : Apr 16, 2021, 7:07 PM IST

देहरादून: देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना से लड़ने वाला सिस्टम जवाब देने लगा है. एक तरफ प्रदेश में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ सूबे के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बेड की कमी होने लगी है. हालांकि हॉस्पिटल के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है. देहरादून में शुक्रवार को कोरोना के 1051 नए मामले सामने आए हैं.

दरअसल, दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को कोविड और नॉन कोविड रूप से संचालित किया जा रहा है. ऐसे में कोरोना मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला जारी है. इसके साथ ही अस्पताल में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज भी भर्ती हैं. इन परिस्थितियों में अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी है. वर्तमान में करीब 200 कोरोना संक्रमित मरीज दून अस्पताल में भर्ती हैं और हॉस्पिटल के पास कोरोना मरीजों के लिए 200 बेड ही हैं. ऐसे में किसी मरीज के स्वस्थ होने के बाद ही कोई बेड खाली होगा. यानी इस समय में दून हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कोई बेड खाली नहीं है.

पढ़ें- निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी समेत 17 संत हुए कोरोना संक्रमित

दून अस्पताल के पीआरओ संदीप राणा के मुताबिक कोरोना के मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए दून अस्पताल को पूर्ण रूप से कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित करने पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में अन्य बीमारियों से ग्रसित भर्ती मरीजों के बेड खाली हो जाएंगे. जिसके बाद अस्पताल में बेड की कमी नहीं रहेगी.

देश के राज्यों में हॉस्पिटल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. लेकिन देहरादून में इस तरह की कोई समस्या नहीं है. देहरादून के सभी हॉस्पिटलों में पर्याप्त में मात्रा में आक्सीजन है. ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली फर्म से जुड़े लोगों ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है. बावजूद इसके ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.

पढ़ें- उत्तराखंड में रेमेडिसविर इंजेक्शन की भी हुई किल्लत, केंद्र से मांगी मदद

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में ऑक्सीजन की समुचित व्यवस्था है. दून अस्पताल में दो प्लांट संचालित किए जा रहे हैं. इसमें से एक लिक्विड प्लांट सप्लाई दे रहा है, जबकि दूसरे प्लांट में सिलेंडर सप्लाई हो रहे हैं. दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामान्य दिनों में औसतन 12 सौ किलोग्राम ऑक्सीजन की आवश्यकता रोजाना पड़ती थी, लेकिन आजकल औसतन 3 हजार किलोग्राम ऑक्सीजन की खपत हो रही है. अभी अस्पताल में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है. अस्पताल के पास करीब 300 ऑक्सीजन सिलेंडर बैकअप में पड़े हैं. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ी है, लेकिन किल्लत नहीं है.

देहरादून: देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना से लड़ने वाला सिस्टम जवाब देने लगा है. एक तरफ प्रदेश में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ सूबे के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बेड की कमी होने लगी है. हालांकि हॉस्पिटल के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है. देहरादून में शुक्रवार को कोरोना के 1051 नए मामले सामने आए हैं.

दरअसल, दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को कोविड और नॉन कोविड रूप से संचालित किया जा रहा है. ऐसे में कोरोना मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला जारी है. इसके साथ ही अस्पताल में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज भी भर्ती हैं. इन परिस्थितियों में अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी है. वर्तमान में करीब 200 कोरोना संक्रमित मरीज दून अस्पताल में भर्ती हैं और हॉस्पिटल के पास कोरोना मरीजों के लिए 200 बेड ही हैं. ऐसे में किसी मरीज के स्वस्थ होने के बाद ही कोई बेड खाली होगा. यानी इस समय में दून हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए कोई बेड खाली नहीं है.

पढ़ें- निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी समेत 17 संत हुए कोरोना संक्रमित

दून अस्पताल के पीआरओ संदीप राणा के मुताबिक कोरोना के मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए दून अस्पताल को पूर्ण रूप से कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित करने पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में अन्य बीमारियों से ग्रसित भर्ती मरीजों के बेड खाली हो जाएंगे. जिसके बाद अस्पताल में बेड की कमी नहीं रहेगी.

देश के राज्यों में हॉस्पिटल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. लेकिन देहरादून में इस तरह की कोई समस्या नहीं है. देहरादून के सभी हॉस्पिटलों में पर्याप्त में मात्रा में आक्सीजन है. ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली फर्म से जुड़े लोगों ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है. बावजूद इसके ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.

पढ़ें- उत्तराखंड में रेमेडिसविर इंजेक्शन की भी हुई किल्लत, केंद्र से मांगी मदद

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में ऑक्सीजन की समुचित व्यवस्था है. दून अस्पताल में दो प्लांट संचालित किए जा रहे हैं. इसमें से एक लिक्विड प्लांट सप्लाई दे रहा है, जबकि दूसरे प्लांट में सिलेंडर सप्लाई हो रहे हैं. दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सामान्य दिनों में औसतन 12 सौ किलोग्राम ऑक्सीजन की आवश्यकता रोजाना पड़ती थी, लेकिन आजकल औसतन 3 हजार किलोग्राम ऑक्सीजन की खपत हो रही है. अभी अस्पताल में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है. अस्पताल के पास करीब 300 ऑक्सीजन सिलेंडर बैकअप में पड़े हैं. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ी है, लेकिन किल्लत नहीं है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.