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डॉ. निधि उनियाल को मिला अखिल गढ़वाल सभा का समर्थन, स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग

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Published : Apr 8, 2022, 7:12 PM IST

स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडे की पत्नी द्वारा दून अस्पताल की वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. निधि उनियाल के साथ हुए बुरे बर्ताव को लेकर अखिल गढ़वाल सभा ने बयान दिया है. अखिल गढ़वाल सभा ने डॉ. निधि उनियाल को समर्थन देते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. पांडे और दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना को पद से हटाने की मांग की है.

Akhil Garhwal Sabha
अखिल गढ़वाल सभा

देहरादूनः उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडे की पत्नी के साथ हुए विवाद के बाद सुर्खियों में आई डॉ. निधि उनियाल को अखिल गढ़वाल सभा समर्थन मिला है. अखिल गढ़वाल सभा ने सरकार से डॉ. पंकज पांडे और दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना को पद हटाने की मांग की है. अखिल गढ़वाल सभा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दोनों को नहीं हटाया गया तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने कहा कि यह बड़ी विडंबना है कि जिन डॉक्टरों ने कोरोना काल में दिन रात एक कर जनमानस की मदद की. आज उन्हीं डॉक्टरों के साथ अशोभनीय व्यवहार किया जा रहा है, जोकि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में जहां स्वास्थ्य की स्थिति पटरी पर लाने के लिए सरकार कड़ी मशक्कत कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों के साथ ऐसा व्यवहार उनके मनोबल पर गहरा असर डाल रहा है. रोशन धस्माना ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा डॉ. निधि उनियाल के साथ ऐसा बर्ताव करना सरासर गलत है.

डॉ. निधि उनियाल को मिला अखिल गढ़वाल सभा का समर्थन.

वहीं, इस मामले को लेकर सभा मुख्यमंत्री धामी से भी मुलाकात करने जा रही है. इसके साथ ही अखिल गढ़वाल सभा का कहना है कि इस मामले में स्वास्थ्य सचिव की पत्नी डॉक्टर निधि उनियाल से हुए दुर्व्यवहार को लेकर लिखित रूप से माफी भी मांगे.
ये भी पढ़ेंः डॉक्टर निधि उनियाल का प्रीतम सिंह ने किया बचाव, यूकेडी ने स्वास्थ्य सचिव का फूंका पुतला

जानें पूरा मामला: शिकायतकर्ता डॉ. निधि उनियाल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्होंने बताया कि 31 मार्च को वह अस्पताल में अपनी ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं. इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी की तबीयत जांच करने के लिए उनके घर जाने के लिए कहा. मरीजों की भीड़ देखते हुए एक बार डॉ. निधि ने असमर्थता भी जताई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वहां जाना जरूरी है. इस पर डॉ. निधि अपने दो मेडिकल स्टाफ के साथ उनके घर पहुंचीं.

सचिव की पत्नी की जांच करने के बाद डॉक्टर ने जरूरी परामर्श दिया. उसके बाद डॉ. निधि ने ब्लड प्रेशर जांचने की भी बात कही. डॉ. निधि ने बताया कि बीपी इंस्ट्रूमेंट बाहर कार में छूट गया था, जिसे लेने उन्होंने स्टाफ को भेजा.

आरोप है कि इस पर स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे की पत्नी नाराज हो गईं और मोबाइल फोन पर बात करते हुए डॉक्टर के बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई. डॉ. निधि उनियाल इस पर आपत्ति जताते हुए अपने स्टाफ के साथ अस्पताल लौट गईं. डॉ. निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा. डॉ. निधि ने कहा उनकी कोई गलती नहीं है तो वह क्यों माफी मांगें. इसके बाद डॉ. निधि मेडिकल कॉलेज में क्लास में पढ़ाने चली गईं.
ये भी पढ़ेंः डॉक्टर निधि उनियाल के मामले पर CM धामी सख्त, तबादला रोका, अपर मुख्य सचिव करेंगी जांच

इस्तीफे में डॉ. निधि उनियाल ने कहा कि वह एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं. वे देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में रह चुकी हैं. पहले तो सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है. इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं. डॉ. निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध करने पर उनका तबादला किया गया.

देहरादूनः उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडे की पत्नी के साथ हुए विवाद के बाद सुर्खियों में आई डॉ. निधि उनियाल को अखिल गढ़वाल सभा समर्थन मिला है. अखिल गढ़वाल सभा ने सरकार से डॉ. पंकज पांडे और दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना को पद हटाने की मांग की है. अखिल गढ़वाल सभा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दोनों को नहीं हटाया गया तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने कहा कि यह बड़ी विडंबना है कि जिन डॉक्टरों ने कोरोना काल में दिन रात एक कर जनमानस की मदद की. आज उन्हीं डॉक्टरों के साथ अशोभनीय व्यवहार किया जा रहा है, जोकि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में जहां स्वास्थ्य की स्थिति पटरी पर लाने के लिए सरकार कड़ी मशक्कत कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों के साथ ऐसा व्यवहार उनके मनोबल पर गहरा असर डाल रहा है. रोशन धस्माना ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा डॉ. निधि उनियाल के साथ ऐसा बर्ताव करना सरासर गलत है.

डॉ. निधि उनियाल को मिला अखिल गढ़वाल सभा का समर्थन.

वहीं, इस मामले को लेकर सभा मुख्यमंत्री धामी से भी मुलाकात करने जा रही है. इसके साथ ही अखिल गढ़वाल सभा का कहना है कि इस मामले में स्वास्थ्य सचिव की पत्नी डॉक्टर निधि उनियाल से हुए दुर्व्यवहार को लेकर लिखित रूप से माफी भी मांगे.
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जानें पूरा मामला: शिकायतकर्ता डॉ. निधि उनियाल राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वरिष्ठ फिजिशियन एवं एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्होंने बताया कि 31 मार्च को वह अस्पताल में अपनी ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं. इसी दौरान अस्पताल प्रशासन ने उन्हें स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी की तबीयत जांच करने के लिए उनके घर जाने के लिए कहा. मरीजों की भीड़ देखते हुए एक बार डॉ. निधि ने असमर्थता भी जताई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि वहां जाना जरूरी है. इस पर डॉ. निधि अपने दो मेडिकल स्टाफ के साथ उनके घर पहुंचीं.

सचिव की पत्नी की जांच करने के बाद डॉक्टर ने जरूरी परामर्श दिया. उसके बाद डॉ. निधि ने ब्लड प्रेशर जांचने की भी बात कही. डॉ. निधि ने बताया कि बीपी इंस्ट्रूमेंट बाहर कार में छूट गया था, जिसे लेने उन्होंने स्टाफ को भेजा.

आरोप है कि इस पर स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे की पत्नी नाराज हो गईं और मोबाइल फोन पर बात करते हुए डॉक्टर के बारे में गलत शब्दों का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों के बीच काफी बहस हुई. डॉ. निधि उनियाल इस पर आपत्ति जताते हुए अपने स्टाफ के साथ अस्पताल लौट गईं. डॉ. निधि ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सचिव की पत्नी से माफी मांगने के लिए कहा. डॉ. निधि ने कहा उनकी कोई गलती नहीं है तो वह क्यों माफी मांगें. इसके बाद डॉ. निधि मेडिकल कॉलेज में क्लास में पढ़ाने चली गईं.
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इस्तीफे में डॉ. निधि उनियाल ने कहा कि वह एक क्वालीफाइड डॉक्टर हैं. वे देश के कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में रह चुकी हैं. पहले तो सरकारी अस्पताल में मरीजों को छोड़कर किसी के घर पर जाकर देखना उनका कार्य नहीं है. इसके बावजूद वह अस्पताल प्रशासन के कहने पर सचिव की पत्नी को देखने उनके घर गईं. डॉ. निधि ने आरोप लगाया कि वहां उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया, जिसका विरोध करने पर उनका तबादला किया गया.

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