देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी के सीएम फेस रहे कर्नल अजय कोठियाल ने AAP से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. अजय कोठियाल ने लिखा कि पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मैं 18 मई 2022 को आम आदमी पार्टी की सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं.
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले कोठियाल ने 20 अप्रैल 2021 को आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की थी. 17 अगस्त 2021 को आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में तगड़ा दांव खेला था. उत्तराखंड में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के वादे के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने भारतीय सेना के रिटायर्ड अधिकारी कर्नल अजय कोठियाल को राज्य में अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था.
-
त्यागपत्र
— Col Ajay Kothiyal, KC, SC, VSM (R.) (@ColAjayKothiyal) May 18, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं तथा बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं आज दिनांक 18 मई 2022 को, आम आदमी पार्टी की सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूँ । pic.twitter.com/5IMeVRu4sb
">त्यागपत्र
— Col Ajay Kothiyal, KC, SC, VSM (R.) (@ColAjayKothiyal) May 18, 2022
पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं तथा बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं आज दिनांक 18 मई 2022 को, आम आदमी पार्टी की सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूँ । pic.twitter.com/5IMeVRu4sbत्यागपत्र
— Col Ajay Kothiyal, KC, SC, VSM (R.) (@ColAjayKothiyal) May 18, 2022
पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं तथा बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं आज दिनांक 18 मई 2022 को, आम आदमी पार्टी की सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूँ । pic.twitter.com/5IMeVRu4sb
गंगोत्री से हारे थे चुनाव: इस साल हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में आप के टिकट पर कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमाया था. हालांकि इस दौरान उनकी करारी हार हुई थी और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे. उन्हें केवल 6161 वोट मिले थे, जो कि कुल मतों के केवल 10.33 प्रतिशत थे.
भूपेश उपाध्याय ने भी छोड़ी पार्टी: वहीं अजय कोठियाल के साथ ही आप के कार्यकारी अध्यक्ष रहे भूपेश उपाध्याय ने भी पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की नीतियों से खफा होकर भूपेश उपाध्याय ने ये कदम उठाया है.
पढ़ें- चारधाम यात्रियों को CM धामी की नसीहत, 'अस्वस्थ लोग यात्रा पर ना आएं'
हार इस्तीफे की वजह: सूत्रों की माने तो अरविंद केजरीवाल के उम्मीद के अनुरूप चुनाव में प्रदर्शन न कर पाने की वजह से कोठियाल को पार्टी से हटाने की पटकथा चुनाव परिणाम आते ही लिख दी गई थी. यही कारण रहा कि चुनावी हार के बाद अजय कोठियाल पार्टी के किसी भी कार्यक्रम नजर नहीं आए. आम आदमी पार्टी के सूत्रों की माने तो विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान समझ गया था कि कोठियाल का प्रदेश में कोई राजनीतिक वजूद नहीं है.
यही कारण रहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कर्नल को आगे करने की वजह से कोई बड़ा नेता पार्टी से नहीं जुड़ा. पार्टी हाईकमान ने विधानसभा चुनाव के बाद कर्नल अजय कोठियाल को दरकिनार करना शुरू कर दिया था. बताया जा रहा है कि चुनाव के बाद कोठियाल ने हाईकमान से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी मांगी थी, लेकिन पार्टी पुरानी गलतियों को दोहराना नहीं चाहती थी. आप उत्तराखंड में अब अपने आप को नए सिरे से मजबूत करना चाहती है. इसलिए कर्नल और उनके खेमे को पार्टी की ओर से पूरी तरह ही नजरअंदाज किया गया. सूत्रों की माने तो यही कारण रहा कि कर्नल अजय कोठियाल को इस्तीफा देना पड़ा. वहीं, पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब आम आदमी पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग सकती है. गढ़वाल क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विभिन्न विधानसभाओं से प्रत्याशी भी अब पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं.
पढ़ें- 'श्रद्धालुओं की मौत से देवभूमि की साख पर लगा बट्टा, जमीनी हकीकत से कोसो दूर प्रभारी मंत्री'
कर्नल अजय कोठियाल 1992 में भारतीय सेना में बतौर अधिकारी नियुक्त हुए थे. सेना में उनका करियर 4 गढ़वाल रेजिमेंट शुरू हुआ और उसके बाद इन्होंने अपनी वीरता और शौर्य से कई बार देश के गौरव को बढ़ाने का काम किया है. उनका नाम उस 'ऑपरेशन कोंगवतन' से जुड़ा है, जिसमें इन्होंने 7 आतंकियों को ढेर कर दिया था. इस वीरता के लिए इन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा इन्होंने उस 'ऑपरेशन पराक्रम' में भी बड़ी भूमिका निभाई, जिसमें 4 गढ़वाल राइफल्स ने 21 दहशतगर्दों को ढेर कर दिया था और उनमें से 17 आतंकी को मारने में इन्होंने सीधा रोल निभाया था.
टिहरी के रहने वाले हैं कोठियाल: गुरदासपुर में जन्मे कर्नल कोठियाल उत्तराखंड के टिहरी जिले के ग्राम चौंफा के रहने वाले हैं. 26 फरवरी, 1968 को जन्मे कोठियाल की शुरुआती शिक्षा सेंट जोसेफ स्कूल देहरादून से और कॉलेज की पढ़ाई डीएवी पीजी कॉलेज से हुई है. इनके पिता भी भारतीय सेना में थे, इसलिए उनका ट्रांसफर देश में जहां-जहां होता रहा, वे भी परिवार वालों के साथ जाते रहे. कोठियाल ने शादी नहीं की है. रिटायर्मेंट से पहले वो उत्तरकाशी स्थित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनीयरिंग के प्रिंसिपल भी रह चुके हैं।
पढ़ें- क्या उत्तराखंड में चूक गया AK का निशाना?, आप से नहीं जुड़ रहा कोई बड़ा नेता
कोठियाल की कर्मभूमि रही है गंगोत्री: कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री सीट पर राजनीति में आने से पहले से ही सक्रिय रहे हैं. उन्होंने इस सीट पर रोजगार को लेकर काफी काम किए हैं. कर्नल अजय कोठियाल सेना में रहते हुए NIM के प्रिंसिपल रहे. एनआईएम का कार्यालय उत्तरकाशी जिले में रहा है और गंगोत्री सीट पर इसके चलते कर्नल अजय कोठियाल काफी समय तक यहां रहे हैं.
यूथ फाउंडेशन: कोठियाल ने इस क्षेत्र के युवाओं को पर्वतारोहण से लेकर सेना में भर्ती होने के लिए मोटिवेट भी किया है. वहीं, कोठियाल की संस्था यूथ फाउंडेशन ने भी उत्तरकाशी में काफी काम किया है. यूथ फाउंडेशन की नीव भी गंगोत्री से ही पड़ी थी. यूथ फाउंडेशन युवाओं को सेना में जाने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण देता है. यूथ फाउंडेशन के सहयोग से बड़ी संख्या में यहां के युवा सेना में भर्ती भी हुए है. इसीलिए गंगोत्री समेत पूरे उत्तरकाशी और टिहरी जिले में भी यूथ फाउंडेशन को लेकर लोगों में एक पॉजिटिव सोच है.
केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों से मिली थी नई पहचान: कर्नल अजय कोठियाल का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में केदारनाथ पुनर्निर्माण के दौरान आया था. 2013 की आपदा के बाद दोबारा केदारधाम को व्यवस्थित करने के लिए कर्नल अजय ने मोर्चा संभाला था. इसके बाद उनके काम को काफी सराहा भी गया. अपने कामों से कर्नल अजय कोठियाल देश और दुनिया में काफी जाने गए. उत्तराखंड में लोगों में उनको लेकर एक आदर भाव भी देखा गया.
आपदा प्रभावितों को स्वरोजगार से जोड़ा: निम के प्रिंसिपल रहते हुए कर्नल कोठियाल ने कई युवक युवतियों को ट्रैंकिग के गुर सिखाकर उन्हें ट्रैंकिग गाइड के रूप में रोजगार उपलब्ध करवाया. वहीं, यूथ फाउंडेशन एवं ग्रीन पीपुल से जुड़ी ममता ने युवाओं को नई दिशा देने के साथ ही महिला सशक्तीकरण पर कार्य किया. उत्तरकाशी के रैथल गांव में पर्यटन, कृषि-बागवानी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रही ममता स्थानीय युवतियों और महिलाओं स्वरोजगार से जोड़ रही हैं. इस फायदा भी कर्नल कोठियाल को इस सीट से मिलेगा.
कोरोना में गंगोत्री क्षेत्र में किया काम: कोरोना काल मे जब तमाम नेता अपने घरों में थे, तब कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री समेत उत्तरकाशी जिले में लोगों के बीच काम किया. कोरोना काल में उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को राशन बांटा और लोगों की मदद भी की. शायद यह वजह भी थी कि कर्नल कोठियाल ने गंगोत्री स्थित को ही चुना. क्योंकि वह इसी पर काफी काम करते रहे हैं.