मसूरीः केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मसूरी में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के साथ मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पर्यटन उद्योग के बारे में जानकारी ली. जिस पर मसूरी होटल एसोसिएशन और उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने बारिश एवं आपदा के कारण पर्यटक व्यवसाय प्रभावित होने की जानकारी दी. साथ ही कहा कि उन्हें भारी आर्थिक नुकसान को झेलना पड़ा है. वहीं, अजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड के सभी पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित हैं.
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि जिस तरीके से मीडिया में उत्तराखंड को हिमाचल को जोड़कर आपदा से जुड़े तस्वीरें दिखाए हैं. उससे लोगों में दहशत है, लेकिन उत्तराखंड के ज्यादातर पर्यटन स्थल पूरी तरीके से सुरक्षित रहे. जहां पर किसी प्रकार की बारिश से नुकसान या जनहानि नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार को उत्तराखंड के पर्यटन व्यवसाय को दोबारा पटरी में लाने के लिए प्रचार प्रसार और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है.
अजय भट्ट ने देश विदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि अब सभी हिमालयी राज्यों में जनजीवन पटरी पर लौट चुका है. उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर रही. पहाड़ियां दरकी, लेकिन किसी तरीके की भारी नुकसान और जनहानि नहीं हुई. उन्होंने कहा कि हिमाचल में आपदा से काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अब हिमाचल भी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है. खुद पीएम मोदी बारिश से हुए नुकसान और जनहानि की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. आपदाग्रस्त राज्यों को हर संभव मदद दी जा रही है.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ धाम में सुमेरु पर्वत पर आया एवलांच, बर्फ का गुबार देख सहमे लोग
उन्होंने कहा कि प्रकृति के आगे किसी की नहीं चलती है, लेकिन सभी हिमालय राज्य अब सुरक्षित हैं. उत्तराखंड के सभी पर्यटक स्थल पर्यटकों के लिए पहले की तरह तैयार है. उत्तराखंड के पर्यटक स्थल पूरी तरीके से सुरक्षित हैं. अब स्थितियां सामान्य हो गई हैं. चारधाम यात्रा भी पूरी तरीके से सुरक्षित है. कभी कभार पहाड़ खिसकने के कारण मलबा आ जाने से सड़क बंद हो जाते हैं, सरकार, प्रशासन और संबधित विभाग पूरी तरह से तैयार रहता है.
उनकी मुस्तैदी की वजह से कोई भी बंद सड़क ज्यादा देर के लिए बंद नहीं रही. उन्होंने कहा कि किसी भी विकास कार्य को लेकर पर्यावरण और टेक्नोलॉजी का संतुलन बनाए रखना जरूरी है. उनकी सरकार कोई भी विकास कार्यों को कराने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रख रही है कि क्षेत्र का विकास करते हुए पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान न हो.