ETV Bharat / state

फिर से दून की हवाओं में फैल रहा है प्रदूषण, जानिए क्या है वजह

लॉकडाउन की वजह से देहरादून की हवा बिल्कुल साफ हो गई थी. लॉकडाउन में मिली छूट के कारण कई वाहनों का परिचालन शुरू हो गया है. ऐसे में एक बार फिर से दून की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है.

dehradun
दून की हवाओं में फैल रहा है प्रदूषण
author img

By

Published : May 14, 2020, 2:39 PM IST

Updated : May 21, 2020, 1:47 PM IST

देहरादून: 4 मई से शुरू हुए लॉकडाउन 3.0 और 18 मई से शुरू हुए लॉकडाउन 4.0 में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत शर्तों के साथ वाहनों को चलाने की अनुमति प्रदान की गई है. तब से ही राजधानी देहरादून में वायु प्रदूषण के ग्राफ में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो पूर्ण लॉकडाउन के दौरान अप्रैल के महीने में शहर का प्रदूषण स्तर सामान्य से काफी कम था. चाहे बात हवा में धूल कण की हो या फिर हवा में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड गैस की मात्रा की. इस दौरान इन सभी का स्तर काफी कम हो चुका था.

दून की हवाओं में फैल रहा है प्रदूषण.

उदाहरण के तौर पर 25 अप्रैल को घंटाघर में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमशः 47.62 और 70.93 के आस पास था. इस तरह लॉकडाउन की बदौलत कहीं न कहीं दून की हवा और पानी की स्वच्छता 25 से 30 साल पुराने स्तर पर पहुंच गई थी. लेकिन लॉकडाउन 3.0 और लॉकडाउन 4.0 में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत वाहनों को कुछ शर्तों के साथ चलाने की छूट प्रदान कर दी गई है. ऐसे में 4 मई के बाद घंटाघर में पीएम 2.5 लेवल बढ़कर 79.28 और पीएम 10 का स्तर 98.89 पर पहुँच गया है.

ये भी पढ़े: उत्तराखंडः ओलावृष्टि और बिजली गिरने की चेतावनी, Yellow Alert जारी

प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल ने बताया पीएम 2.5 की लिमिट हवा में 60 क्यूबिक मीटर तो पीएम 10 की लिमिट 100 क्यूबिक मीटर होनी चाहिए. ऐसे में जहां लॉकडाउन से पहले देहरादून शहर की हवा में पीएम 2.5 का लेवल 100 के पार पहुंच जाया करता था तो वहीं, पीएम 10 का स्तर 200 के पार हो जाता था. ऐसे में इसकी तुलना में अभी भी देहरादून में प्रदूषण का स्तर खतरे की ओर इशारा नहीं कर रहा है.

दून के घंटाघर पर प्रदूषण का स्तर

मानक अप्रैल मई(अब तक)
पीएम 2.5 47.62 79.28
पीएम 10 70.93 98.89
एसओटू 7.9 12.32
एनओएक्स 9.81 16.07

बता दें कि राजधानी देहरादून में अभी भी प्रदूषण का स्तर किसी बड़े खतरे की ओर इशारा नहीं कर रहा है. इसका एक बहुत बड़ा कारण यह है कि अभी भी शहर में सीमित वाहन ही दौड़ते नजर आ रहे हैं. अब तक शहर में एक तरफ कमर्शियल वाहनों जैसे ऑटो रिक्शा, विक्रम, सिटी बस इत्यादि को संचालन की अनुमति नहीं दी गई है.

देहरादून: 4 मई से शुरू हुए लॉकडाउन 3.0 और 18 मई से शुरू हुए लॉकडाउन 4.0 में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत शर्तों के साथ वाहनों को चलाने की अनुमति प्रदान की गई है. तब से ही राजधानी देहरादून में वायु प्रदूषण के ग्राफ में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो पूर्ण लॉकडाउन के दौरान अप्रैल के महीने में शहर का प्रदूषण स्तर सामान्य से काफी कम था. चाहे बात हवा में धूल कण की हो या फिर हवा में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड गैस की मात्रा की. इस दौरान इन सभी का स्तर काफी कम हो चुका था.

दून की हवाओं में फैल रहा है प्रदूषण.

उदाहरण के तौर पर 25 अप्रैल को घंटाघर में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर क्रमशः 47.62 और 70.93 के आस पास था. इस तरह लॉकडाउन की बदौलत कहीं न कहीं दून की हवा और पानी की स्वच्छता 25 से 30 साल पुराने स्तर पर पहुंच गई थी. लेकिन लॉकडाउन 3.0 और लॉकडाउन 4.0 में केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत वाहनों को कुछ शर्तों के साथ चलाने की छूट प्रदान कर दी गई है. ऐसे में 4 मई के बाद घंटाघर में पीएम 2.5 लेवल बढ़कर 79.28 और पीएम 10 का स्तर 98.89 पर पहुँच गया है.

ये भी पढ़े: उत्तराखंडः ओलावृष्टि और बिजली गिरने की चेतावनी, Yellow Alert जारी

प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल ने बताया पीएम 2.5 की लिमिट हवा में 60 क्यूबिक मीटर तो पीएम 10 की लिमिट 100 क्यूबिक मीटर होनी चाहिए. ऐसे में जहां लॉकडाउन से पहले देहरादून शहर की हवा में पीएम 2.5 का लेवल 100 के पार पहुंच जाया करता था तो वहीं, पीएम 10 का स्तर 200 के पार हो जाता था. ऐसे में इसकी तुलना में अभी भी देहरादून में प्रदूषण का स्तर खतरे की ओर इशारा नहीं कर रहा है.

दून के घंटाघर पर प्रदूषण का स्तर

मानक अप्रैल मई(अब तक)
पीएम 2.5 47.62 79.28
पीएम 10 70.93 98.89
एसओटू 7.9 12.32
एनओएक्स 9.81 16.07

बता दें कि राजधानी देहरादून में अभी भी प्रदूषण का स्तर किसी बड़े खतरे की ओर इशारा नहीं कर रहा है. इसका एक बहुत बड़ा कारण यह है कि अभी भी शहर में सीमित वाहन ही दौड़ते नजर आ रहे हैं. अब तक शहर में एक तरफ कमर्शियल वाहनों जैसे ऑटो रिक्शा, विक्रम, सिटी बस इत्यादि को संचालन की अनुमति नहीं दी गई है.

Last Updated : May 21, 2020, 1:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.