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ऋषिकेश एम्स ने PM केयर्स फंड में दान दिए 80 लाख रुपये, कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी भी शामिल

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश की ओर से कोरोना वायरस के बढ़ते दुष्प्रभाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री केयर्स फंड में 80 लाख से अधिक की धनराशि दान की गई है. जिसमें संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों का एक दिन का वेतन शामिल है.

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Published : Apr 15, 2020, 10:30 PM IST

Updated : Apr 17, 2020, 10:37 AM IST

ऋषिकेश: एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि कोविड-19 के विश्वव्यापी दुष्प्रभाव के चलते संस्थान मरीजों की चिकित्सकीय सहायता के लिए अपनी ओर से हरसंभव प्रयासरत है. उन्होंने बताया कि संस्थान की ओर से पीएम केयर्स फंड में कर्मचारियों का एक दिन का वेतन करीब 80 लाख रुपये की धनराशि दी गई है.

उन्होंने बताया कि संस्थान हमेशा जनहित व स्वास्थ्य सेवा को लेकर तत्पर रहता है. लिहाजा, एम्स ऋषिकेश संकट की इस घड़ी में अपने संपूर्ण संसाधनों से मरीजों की सेवा में जुटा है. एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान की ओर से कोरोना मरीजों के लिए एम्स में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड संचालित किया जा रहा है और इस संख्या को जल्द बढ़ाया जा रहा है.

पढ़े: देहरादून: ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को करना पड़ रहा वेतन का इंतजार

उन्होंने बताया कि मरीजों के सैंपल की जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग में प्रयोगशाला शुरू कर दी गई है. जिसमें संस्थान में आने वाले कोविड-19 आशंकित मरीजों के अलावा राज्य के विभिन्न अस्पतालों से आने वाले नमूनों की जांच भी नियमित तौर पर की जा रही है. निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान द्वारा कोविड-19 ग्रसित मरीजों की सुविधा के लिए संस्थान में वेंटीलेटर्स की संख्या 65 से बढ़ाकर 200 की जा रही है, इस दिशा में कार्य चल रहा है.

ऋषिकेश: एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि कोविड-19 के विश्वव्यापी दुष्प्रभाव के चलते संस्थान मरीजों की चिकित्सकीय सहायता के लिए अपनी ओर से हरसंभव प्रयासरत है. उन्होंने बताया कि संस्थान की ओर से पीएम केयर्स फंड में कर्मचारियों का एक दिन का वेतन करीब 80 लाख रुपये की धनराशि दी गई है.

उन्होंने बताया कि संस्थान हमेशा जनहित व स्वास्थ्य सेवा को लेकर तत्पर रहता है. लिहाजा, एम्स ऋषिकेश संकट की इस घड़ी में अपने संपूर्ण संसाधनों से मरीजों की सेवा में जुटा है. एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान की ओर से कोरोना मरीजों के लिए एम्स में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड संचालित किया जा रहा है और इस संख्या को जल्द बढ़ाया जा रहा है.

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उन्होंने बताया कि मरीजों के सैंपल की जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग में प्रयोगशाला शुरू कर दी गई है. जिसमें संस्थान में आने वाले कोविड-19 आशंकित मरीजों के अलावा राज्य के विभिन्न अस्पतालों से आने वाले नमूनों की जांच भी नियमित तौर पर की जा रही है. निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान द्वारा कोविड-19 ग्रसित मरीजों की सुविधा के लिए संस्थान में वेंटीलेटर्स की संख्या 65 से बढ़ाकर 200 की जा रही है, इस दिशा में कार्य चल रहा है.

Last Updated : Apr 17, 2020, 10:37 AM IST
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