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एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के जरिए हिंडोलाखाल पहुंचाई टीबी की दवा, दूसरा परीक्षण भी रहा सफल - एम्स ऋषिकेश

AIIMS Rishikesh Delivered TB Medicines By Drone एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के जरिए हिंडोलाखाल टीबी की दवा पहुंचाई गई है. यह दूसरा परीक्षण था, जो पूरी तरह से सफल रहा. यह ड्रोन करीब 34 मिनट में 47 किलोमीटर की दूरी तय कर सीएचसी हिंडोलाखाल पहुंचा.

AIIMS Rishikesh
एम्स ऋषिकेश
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 5, 2024, 9:54 PM IST

ऋषिकेश: एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने पर लगातार काम कर रहा है. जहां ड्रोन के जरिए दुर्गम इलाकों तक आवश्यक दवाइयों को पहुंचाने का ट्रायल किया जा रहा है. यह ट्रायल दूसरे दिन भी जारी रहा. इस दौरान एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के जरिए टीबी की दवाएं टिहरी जिले के सीएचसी हिंडोलाखाल भेजी गई.

AIIMS Rishikesh
ड्रोन से दवाइयों को पहुंचाने का ट्रायल

एम्स ऋषिकेश के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने शुक्रवार को एम्स हेलीपैड से दोपहर करीब 11.30 बजे ड्रोन सेवा को रवाना किया. यह ड्रोन करीब 34 मिनट में 47 किलोमीटर की दूरी तय कर दोपहर 12.17 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हिंडोलाखाल पहुंची. इस ड्रोन में टीबी की दवाइयां भेजी गई. ऐसे में सफलतापूर्वक दवाइयां ड्रोन के जरिए देवप्रयाग के हिंडोलाखाल पहुंची है. इस मौके पर सीएचसी हिंडोलाखाल में नमो ड्रोन दीदी ने भी प्रतिभाग किया.
ये भी पढ़ेंः पुष्कर को पता ही नहीं था दिल में है छेद, उत्तरकाशी टनल हादसा दे गया 'नया जीवन', एम्स में हुई सर्जरी

बताया जा रहा है कि एरियल डिस्टेंस के लिहाज से आज की ड्रोन फ्लाइट ने अब तक की सबसे लंबी दूरी तय की. एम्स ऋषिकेश की ड्रोन हेल्थ सर्विसेस के नोडल ऑफिसर डॉक्टर जितेंद्र गैरोला ने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से संस्थान में टेलीमेडिसिन सेवा संचालित हो रही है. अब ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर दिया जा रहा है. ताकि, उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इमरजेंसी मेडिसिन, रक्त संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाए.

  • एम्स ऋषिकेश मे ड्रोन से आपात स्थिति में पहाड़ी क्षेत्रों में दवा उपलब्ध कराने के लिए आज ड्रोन का ट्रॉयल किया गयाा। ड्रोन प्रोजेक्ट के नियमित संचालन के लिए महिला सशक्तिकरण के तहत दो महिलाओं (ड्रोन दीदी ) को भी प्रशिक्षण दिया गया । @MoHFW_INDIA @PMOIndia @meenusingh4 pic.twitter.com/8gAW3dtZx7

    — AIIMS RISHIKESH (@aiimsrishi) January 4, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसके अलावा चारधाम यात्रा के समय आपात स्थितियों और हाई एल्टीट्यूड एरिया में मेडिसिन पहुंचाने में आसानी होगी. साथ ही सीएचसी सेंटर, जिला अस्पतालों समेत अन्य दुर्गम क्षेत्रों की मैपिंग योजना पर काम किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले भी एम्स ऋषिकेश से टिहरी और कोटद्वार ड्रोन के जरिए दवाइयों को भेजने का ट्रायल किया जा चुका है.

ऋषिकेश: एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने पर लगातार काम कर रहा है. जहां ड्रोन के जरिए दुर्गम इलाकों तक आवश्यक दवाइयों को पहुंचाने का ट्रायल किया जा रहा है. यह ट्रायल दूसरे दिन भी जारी रहा. इस दौरान एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के जरिए टीबी की दवाएं टिहरी जिले के सीएचसी हिंडोलाखाल भेजी गई.

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ड्रोन से दवाइयों को पहुंचाने का ट्रायल

एम्स ऋषिकेश के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने शुक्रवार को एम्स हेलीपैड से दोपहर करीब 11.30 बजे ड्रोन सेवा को रवाना किया. यह ड्रोन करीब 34 मिनट में 47 किलोमीटर की दूरी तय कर दोपहर 12.17 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हिंडोलाखाल पहुंची. इस ड्रोन में टीबी की दवाइयां भेजी गई. ऐसे में सफलतापूर्वक दवाइयां ड्रोन के जरिए देवप्रयाग के हिंडोलाखाल पहुंची है. इस मौके पर सीएचसी हिंडोलाखाल में नमो ड्रोन दीदी ने भी प्रतिभाग किया.
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बताया जा रहा है कि एरियल डिस्टेंस के लिहाज से आज की ड्रोन फ्लाइट ने अब तक की सबसे लंबी दूरी तय की. एम्स ऋषिकेश की ड्रोन हेल्थ सर्विसेस के नोडल ऑफिसर डॉक्टर जितेंद्र गैरोला ने बताया कि राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से संस्थान में टेलीमेडिसिन सेवा संचालित हो रही है. अब ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर दिया जा रहा है. ताकि, उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इमरजेंसी मेडिसिन, रक्त संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाए.

  • एम्स ऋषिकेश मे ड्रोन से आपात स्थिति में पहाड़ी क्षेत्रों में दवा उपलब्ध कराने के लिए आज ड्रोन का ट्रॉयल किया गयाा। ड्रोन प्रोजेक्ट के नियमित संचालन के लिए महिला सशक्तिकरण के तहत दो महिलाओं (ड्रोन दीदी ) को भी प्रशिक्षण दिया गया । @MoHFW_INDIA @PMOIndia @meenusingh4 pic.twitter.com/8gAW3dtZx7

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इसके अलावा चारधाम यात्रा के समय आपात स्थितियों और हाई एल्टीट्यूड एरिया में मेडिसिन पहुंचाने में आसानी होगी. साथ ही सीएचसी सेंटर, जिला अस्पतालों समेत अन्य दुर्गम क्षेत्रों की मैपिंग योजना पर काम किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले भी एम्स ऋषिकेश से टिहरी और कोटद्वार ड्रोन के जरिए दवाइयों को भेजने का ट्रायल किया जा चुका है.

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