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एम्स में 'स्त्री वरदान' से जाना महिलाओं का दर्द, निरोगी होंगी महिलाएं

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Published : Nov 2, 2020, 12:19 PM IST

अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में महिलाओं के गुप्त रोगों से जुड़ी जटिल समस्याओं को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें उत्तराखंड के लगभग सभी जिलों से 50 से ​अधिक स्वयं सेविका महिलाओं ने प्रतिभाग किया.

एम्स ऋषिकेश
एम्स ऋषिकेश

ऋषिकेश: अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में महिलाओं के गुप्त रोगों से जुड़ी जटिल समस्याओं को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर संस्थान के रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनाेकॉलोजी विभाग द्वारा 'स्त्री वरदान': चुप्पी तोड़ो, नारीत्व से नाता जोड़ो कार्यक्रम की नींव रखी. बताया जा रहा है कि एम्स ऋषिकेश द्वारा उत्तराखंड से शुरू किया गया ये अभियान देश में अपनी तरह का विश्वस्तरीय बड़ा अभियान है. इसके माध्यम से एम्स संस्थान महिलाओं को उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक करेगा.
एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्शन एंड कॉस्मेटिक गाइनाेकॉलोजी विभाग की पहल पर आयोजित सम्मेलन में उत्तराखंड के लगभग सभी जिलों से 50 से ​अधिक स्वयं सेविका महिलाओं ने प्रतिभाग किया. इस अवसर पर उन्होंने इस मुहिम को घर-घर तक पहुंचाने और राज्य की प्रत्येक महिला को उनकी समस्याओं को लेकर जागरूक करने के लिए प्रेरित करने की शपथ भी ली.

पढ़ें- दिवाली में स्वदेशी उत्पादों की बढ़ी मांग, कुम्हार बोले- 'अच्छे दिन आने वाले हैं' इस दौरान एम्स निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर रवि कांत ने अपने संदेश में बताया कि ये सम्मेलन महिलाओं के गुप्त रोगों से जुड़ी समस्याओं के निदान की दिशा में पहला कदम है. इसका उद्देश्य भारत की हर महिला को ऐसी समस्याओं को लेकर जागरूक करना और एम्स ऋषिकेश की सुपरस्पेशलिटी सेवाओं से उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिलवाना है. निदेशक ने यह भी कहा कि चूंकि एम्स संस्थान उत्तराखंड में स्थापित है लिहाजा हमारा सबसे पहला प्रण है कि राज्य के आखिरी गांव की आखिरी महिला तक इन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ हर हाल में पहुंचाया जाएगा.

ऋषिकेश: अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में महिलाओं के गुप्त रोगों से जुड़ी जटिल समस्याओं को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर संस्थान के रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनाेकॉलोजी विभाग द्वारा 'स्त्री वरदान': चुप्पी तोड़ो, नारीत्व से नाता जोड़ो कार्यक्रम की नींव रखी. बताया जा रहा है कि एम्स ऋषिकेश द्वारा उत्तराखंड से शुरू किया गया ये अभियान देश में अपनी तरह का विश्वस्तरीय बड़ा अभियान है. इसके माध्यम से एम्स संस्थान महिलाओं को उनकी समस्याओं के प्रति जागरूक करेगा.
एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्शन एंड कॉस्मेटिक गाइनाेकॉलोजी विभाग की पहल पर आयोजित सम्मेलन में उत्तराखंड के लगभग सभी जिलों से 50 से ​अधिक स्वयं सेविका महिलाओं ने प्रतिभाग किया. इस अवसर पर उन्होंने इस मुहिम को घर-घर तक पहुंचाने और राज्य की प्रत्येक महिला को उनकी समस्याओं को लेकर जागरूक करने के लिए प्रेरित करने की शपथ भी ली.

पढ़ें- दिवाली में स्वदेशी उत्पादों की बढ़ी मांग, कुम्हार बोले- 'अच्छे दिन आने वाले हैं' इस दौरान एम्स निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर रवि कांत ने अपने संदेश में बताया कि ये सम्मेलन महिलाओं के गुप्त रोगों से जुड़ी समस्याओं के निदान की दिशा में पहला कदम है. इसका उद्देश्य भारत की हर महिला को ऐसी समस्याओं को लेकर जागरूक करना और एम्स ऋषिकेश की सुपरस्पेशलिटी सेवाओं से उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिलवाना है. निदेशक ने यह भी कहा कि चूंकि एम्स संस्थान उत्तराखंड में स्थापित है लिहाजा हमारा सबसे पहला प्रण है कि राज्य के आखिरी गांव की आखिरी महिला तक इन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ हर हाल में पहुंचाया जाएगा.

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