ETV Bharat / state

कोरोना से खुद को कैसे रख सकते हैं सुरक्षित, जानिए AIIMS DIRECTOR से

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने कहा ​कि कोविड-19 से डरने व घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि इससे बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, घरों में रहने और सरकार द्वारा जारी अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है.

aiims
aiims
author img

By

Published : Apr 23, 2020, 9:04 PM IST

ऋषिकेश: कोरोना वायरस को लेकर लोगों में डर बना हुआ है. कई लोग अभी तक इस बात पर कन्फर्म नही हैं कि इस महामारी से बचने का सही तरीका क्या है? ऐसे में ऋषिकेश एम्स के निदेशक डॉ. रवि कान्त ने लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए कुछ मन्त्र दिए.

एम्स निदेशक डॉ. रविकान्त ने कहा कि घरों से जरूरी इंतजामातों के बिना अनावश्यक बाहर निकलने वाले लोगों के ही कोविड-19 से ग्रसित होने की आशंका है. लिहाजा हमें इससे बचाव के लिए सरकार व चिकित्सकों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का स्वयं भी पालन करना चाहिए. साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए.

AIIMS निदेशक प्रोफेसर रवि कांत.

उन्होंने बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर्याप्त नहीं है, लिहाजा इससे बचाव की नितांत आवश्यकता है. इसके लिए सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन व अन्य नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा.

उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग व हाथों को अच्छे प्रकार से साफ करके हम इस घातक वायरस से बच सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस वायरस से ग्रसित होने वाले लोगों में से 85 प्रतिशत लोगों को किसी बड़े अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें स्वयं आइसोलेशन में रहने की जरूरत है. बशर्ते वह मधुमेह, उच्चरक्तचाप आदि जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त नहीं हों.

उन्होंने बताया कि इस वायरस से ग्रसित लोगों में से पांच से 10 प्रतिशत लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने व वेंटीलेटर सिस्टम के सपोर्ट की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग से हम कोरोना वायरस को शत प्रतिशत मात दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि चेहरे पर मास्क लगाना जरूरी है, इससे हम इस वायरस से स्वयं को भी सुरक्षित रख सकते हैं और दूसरों को भी इस बीमारी से बचा सकते हैं.

एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि कोविड-19 जिसे डब्ल्यूएचओ द्वारा महामारी घोषित कर दिया गया है. इस वायरस के पहले पशुओं में पाए जाने की पुष्टि हुई थी लेकिन प्राकृतिक मूल्यों की अवहेलना के कारण यह वायरस मनुष्यों में फैला.

पढ़े: उत्तराखंड: 9 माह के बच्चे ने छह दिन में दी कोरोना को मात, डॉक्टर भी हैरान

निदेशक रवि कान्त ने कहा कि एम्स ऋषिकेश कोविड-19 महामारी को लेकर गंभीर है और निरंतर मरीजों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने बताया कि संस्थान के आइसोलेशन वार्ड में जल्द ही बेडों की संख्या 100 से बढ़ाकर 400 कर दी जाएगी, जिससे भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने पर उनके भर्ती करने में दिक्कत न हो.

ऋषिकेश: कोरोना वायरस को लेकर लोगों में डर बना हुआ है. कई लोग अभी तक इस बात पर कन्फर्म नही हैं कि इस महामारी से बचने का सही तरीका क्या है? ऐसे में ऋषिकेश एम्स के निदेशक डॉ. रवि कान्त ने लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए कुछ मन्त्र दिए.

एम्स निदेशक डॉ. रविकान्त ने कहा कि घरों से जरूरी इंतजामातों के बिना अनावश्यक बाहर निकलने वाले लोगों के ही कोविड-19 से ग्रसित होने की आशंका है. लिहाजा हमें इससे बचाव के लिए सरकार व चिकित्सकों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का स्वयं भी पालन करना चाहिए. साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए.

AIIMS निदेशक प्रोफेसर रवि कांत.

उन्होंने बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर्याप्त नहीं है, लिहाजा इससे बचाव की नितांत आवश्यकता है. इसके लिए सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन व अन्य नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा.

उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग व हाथों को अच्छे प्रकार से साफ करके हम इस घातक वायरस से बच सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस वायरस से ग्रसित होने वाले लोगों में से 85 प्रतिशत लोगों को किसी बड़े अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें स्वयं आइसोलेशन में रहने की जरूरत है. बशर्ते वह मधुमेह, उच्चरक्तचाप आदि जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त नहीं हों.

उन्होंने बताया कि इस वायरस से ग्रसित लोगों में से पांच से 10 प्रतिशत लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने व वेंटीलेटर सिस्टम के सपोर्ट की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग से हम कोरोना वायरस को शत प्रतिशत मात दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि चेहरे पर मास्क लगाना जरूरी है, इससे हम इस वायरस से स्वयं को भी सुरक्षित रख सकते हैं और दूसरों को भी इस बीमारी से बचा सकते हैं.

एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि कोविड-19 जिसे डब्ल्यूएचओ द्वारा महामारी घोषित कर दिया गया है. इस वायरस के पहले पशुओं में पाए जाने की पुष्टि हुई थी लेकिन प्राकृतिक मूल्यों की अवहेलना के कारण यह वायरस मनुष्यों में फैला.

पढ़े: उत्तराखंड: 9 माह के बच्चे ने छह दिन में दी कोरोना को मात, डॉक्टर भी हैरान

निदेशक रवि कान्त ने कहा कि एम्स ऋषिकेश कोविड-19 महामारी को लेकर गंभीर है और निरंतर मरीजों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने बताया कि संस्थान के आइसोलेशन वार्ड में जल्द ही बेडों की संख्या 100 से बढ़ाकर 400 कर दी जाएगी, जिससे भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने पर उनके भर्ती करने में दिक्कत न हो.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.